इज़राइल के लेबनान पर हमले जारी: नेतन्याहू का सख्त बयान
इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के लिए अमेरिका में उतरते ही बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि उनकी सेना ईरान समर्थित हिज़बुल्लाह ठिकानों पर लेबनान में हमले जारी रखेगी, जब तक सभी लक्ष्य पूरे नहीं हो जाते।
नेतन्याहू ने न्यूयॉर्क में पत्रकारों से कहा, “हमारी नीति स्पष्ट है। हम हिज़बुल्लाह पर पूरी ताकत से हमले कर रहे हैं और तब तक नहीं रुकेंगे, जब तक उत्तर के निवासी सुरक्षित रूप से अपने घरों में वापस नहीं लौटते। यह हमारी नीति है — कोई गलती न करे।”
नेतन्याहू का यह बयान ऐसे समय आया है जब इज़राइल ने हिज़बुल्लाह के साथ युद्धविराम की वैश्विक मांगों को खारिज कर दिया है। इसके बावजूद कि अमेरिका, जो इज़राइल का सबसे बड़ा सहयोगी है, युद्धविराम की अपील कर रहा था, इज़राइल ने हवाई हमले जारी रखे हैं, जिसमें सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं। इससे पूरे क्षेत्र में युद्ध का खतरा और बढ़ गया है।
इज़राइल के विदेश मंत्री इसराइल काट्ज़ ने भी अपनी प्रतिक्रिया में कहा, “उत्तर में कोई युद्धविराम नहीं होगा। हम हिज़बुल्लाह आतंकवादी संगठन के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ते रहेंगे, जब तक जीत हासिल नहीं होती और उत्तर के निवासी सुरक्षित रूप से अपने घर लौट नहीं जाते।”
इसी बीच, इज़राइली हवाई हमले ने लेबनान की राजधानी बेरूत के बाहरी इलाके में हमला किया, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और 15 लोग घायल हो गए। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, घायलों में एक महिला की हालत नाजुक है।
इस ताज़ा हमले के साथ ही बुधवार और गुरुवार की रात हुए हमलों में मरने वालों की संख्या 28 हो गई है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले में हिज़बुल्लाह के एक एयरफोर्स यूनिट प्रमुख मोहम्मद सुरूर की मौत हुई है।
सोमवार से अब तक इज़राइल के लेबनान पर हमलों में 600 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। जवाब में हिज़बुल्लाह ने भी इज़राइल पर सैकड़ों मिसाइलें दागी हैं, जिनमें तेल अवीव भी शामिल है। हालांकि, इज़राइल के आधुनिक हवाई रक्षा प्रणालियों ने इन हमलों को काफी हद तक रोका है।
बुधवार को इज़राइली सेना प्रमुख ने सेना को लेबनान में जमीनी हमले की तैयारी के निर्देश दिए थे, जिससे क्षेत्र में जमीनी युद्ध की आशंका और बढ़ गई है। इज़राइली लड़ाकू विमानों ने गुरुवार को लेबनान-सिरिया सीमा पर हथियारों की आपूर्ति रोकने के लिए बुनियादी ढांचे पर भी हमले किए।
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