आख़िर तक – एक नज़र में
संसद में भारतीयों के निर्वासन को लेकर हंगामा हुआ। विपक्ष ने एस जयशंकर से बयान की मांग की। लोकसभा और राज्यसभा को संक्षिप्त रूप से स्थगित करना पड़ा। केसी वेणुगोपाल ने स्थगन प्रस्ताव पेश किया। ओम बिरला ने सांसदों से व्यवधान न करने की अपील की। सरकार ने इस मामले पर संज्ञान लिया है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
संयुक्त राज्य अमेरिका से अवैध भारतीय प्रवासियों के निर्वासन पर विपक्ष के जोरदार विरोध के बाद संसद में हंगामा हुआ, जिससे लोकसभा और राज्यसभा को संक्षिप्त रूप से स्थगित करना पड़ा। संसद की कार्यवाही फिर से शुरू होते ही, विपक्षी सांसदों ने 104 भारतीय नागरिकों के निर्वासन पर चर्चा की मांग की और विदेश मंत्री एस जयशंकर से बयान मांगा। एस जयशंकर इस मुद्दे पर संसद को संबोधित करेंगे।
लोकसभा में, विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की और सदन के कुएं में विरोध प्रदर्शन किया, यहां तक कि अध्यक्ष ओम बिरला ने उनसे “नियोजित व्यवधानों” का सहारा न लेने की अपील की। भारतीयों का निर्वासन एक गंभीर मुद्दा है जिसपर संसद में बहस हो रही है।
ओम बिरला ने कहा, “आपका मामला सरकार के पास है। यह विदेश मंत्रालय का मामला है। यह विषय दूसरे देश से संबंधित है। सरकार ने इस पर संज्ञान लिया है।”
इससे पहले, कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव में केंद्र से डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के साथ जुड़ने के लिए उठाए जा रहे राजनयिक कदमों की रूपरेखा बताने का आग्रह किया गया।
यह घटना भारत और अमेरिका के बीच संबंधों पर भी प्रकाश डालती है। विपक्ष सरकार से मांग कर रहा है कि वह इस मुद्दे पर अमेरिका के साथ बातचीत करे और भारतीय नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करे। संसद में इस मुद्दे पर बहस होने की संभावना है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
एस जयशंकर भारतीयों का निर्वासन पर संसद में बयान देंगे। विपक्ष ने किया हंगामा। लोकसभा और राज्यसभा स्थगित। सरकार ने लिया संज्ञान।
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