जम्मू-कश्मीर स्थापना दिवस पर बहिष्कार और द्वितीय चरित्र

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जम्मू-कश्मीर स्थापना दिवस पर बहिष्कार और द्वितीय चरित्र

आख़िर तक – इन शॉर्ट्स

  • जम्मू-कश्मीर सरकार ने स्थापना दिवस का बहिष्कार किया।
  • उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इसे ‘द्वितीय चरित्र’ बताया।
  • नेताओं ने राज्य का दर्जा वापस मांगने की प्रतिबद्धता जताई।

आख़िर तक – इन डेप्थ

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने ओमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार पर संघ शासित प्रदेश के स्थापना दिवस के बहिष्कार के लिए ‘द्वितीय चरित्र’ का आरोप लगाया। इस बहिष्कार के कारण नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने यह स्पष्ट किया कि वे जम्मू-कश्मीर को संघ शासित प्रदेश के रूप में मान्यता नहीं देते हैं।

सिन्हा ने कहा, “जिन्होंने संघ शासित प्रदेश के विधायक के रूप में शपथ ली है, वे ही इसका विरोध कर रहे हैं। यह उनके द्वितीय चरित्र को दर्शाता है। जब जम्मू-कश्मीर को पुनः राज्य का दर्जा मिलेगा, तब हम स्थापना दिवस मनाएंगे।” यह बयान ऐसे समय आया जब ओमर अब्दुल्ला ने राज्य का दर्जा बहाल करने की बात कही थी।

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कांग्रेस के नेता तारिक हामिद कर्रा और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी बहिष्कार को समर्थन दिया। मुफ्ती ने इसे ‘काला दिवस’ कहा और कहा कि “जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति बहाल होनी चाहिए।”

2019 में अनुच्छेद 370 के तहत राज्य का विशेष दर्जा समाप्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर को संघ शासित प्रदेश में पुनर्गठित किया गया था, जिसके बाद यह विवाद सतह पर आया है।

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आख़िर तक मुख्य संपादक
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