आख़िर तक – एक नज़र में
- सुप्रीम कोर्ट ने लोकपाल के हाईकोर्ट जजों की जांच के अधिकार पर रोक लगाई।
- लोकपाल ने यह आदेश एक हाईकोर्ट जज के खिलाफ शिकायत पर दिया था।
- सुप्रीम कोर्ट ने लोकपाल के आदेश को “बेहद परेशान करने वाला” बताया।
- केंद्र सरकार और लोकपाल के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी किया गया है।
- शिकायतकर्ता को हाईकोर्ट जज का नाम उजागर न करने का निर्देश दिया गया।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को लोकपाल के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के तहत हाईकोर्ट के जजों की जांच करने का अधिकार दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने लोकपाल के आदेश को “बेहद परेशान करने वाला” करार दिया है और केंद्र सरकार और लोकपाल के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी किया है। यह मामला लोकपाल की शक्तियों और न्यायपालिका की स्वतंत्रता से जुड़ा है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह मामला स्वतः संज्ञान लेते हुए शुरू किया, जब लोकपाल ने 27 जनवरी को एक हाईकोर्ट के अतिरिक्त जज के खिलाफ दायर दो शिकायतों पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया था। शीर्ष अदालत ने हालांकि शिकायतकर्ता को हाईकोर्ट जज का नाम उजागर नहीं करने का निर्देश दिया है। लोकपाल के इस आदेश ने न्यायपालिका में जांच के दायरे को लेकर सवाल खड़े कर दिए थे।
लोकपाल ने यह आदेश तब पारित किया था जब वह एक हाईकोर्ट के न्यायाधीश के खिलाफ दायर दो शिकायतों की सुनवाई कर रहा था। लोकपाल का मानना था कि उसके पास हाईकोर्ट के जजों के खिलाफ भी जांच करने का अधिकार है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को रोक दिया है। यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वतः संज्ञान लिया है। कोर्ट ने कहा कि लोकपाल का यह आदेश न्यायपालिका की स्वतंत्रता को प्रभावित कर सकता है। कोर्ट ने केंद्र सरकार और लोकपाल के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी कर इस मामले में अपना पक्ष रखने को कहा है। इस मामले पर अगली सुनवाई जल्द होगी।
इस मामले में शिकायतकर्ता को हाईकोर्ट जज का नाम उजागर न करने का निर्देश दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इससे मामले की संवेदनशीलता बनी रहेगी। कोर्ट ने सभी पक्षों से इस मामले में संयम बरतने की अपील की है। इस मामले का फैसला न्यायपालिका और लोकपाल दोनों के लिए महत्वपूर्ण होगा।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- सुप्रीम कोर्ट ने लोकपाल के हाईकोर्ट जजों की जांच के अधिकार पर रोक लगाई।
- यह आदेश लोकपाल ने एक हाईकोर्ट जज के खिलाफ शिकायत पर दिया था।
- सुप्रीम कोर्ट ने लोकपाल के आदेश को “बेहद परेशान करने वाला” बताया।
- केंद्र सरकार और लोकपाल के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी किया गया है।
- शिकायतकर्ता को हाईकोर्ट जज का नाम उजागर न करने का निर्देश दिया गया।
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