पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दुर्गा पूजा पर ध्यान केंद्रित करने के आह्वान ने जनता में भारी आक्रोश उत्पन्न किया है। यह बयान तब आया जब कोलकाता की एक प्रशिक्षु डॉक्टर के रेप और हत्या के बाद न्याय की मांग को लेकर राज्यभर में प्रदर्शन हो रहे थे।
पीड़िता की मां ने ममता बनर्जी के इस बयान को “असंवेदनशील” बताया। उन्होंने कहा, “हम दुर्गा पूजा अपनी बेटी के साथ मनाते थे, लेकिन अब हमारे लिए त्योहार का कोई मतलब नहीं रह गया है। अगर ऐसा उनके परिवार में हुआ होता, तो क्या वह यही कहतीं?”
पीड़िता की मां ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख लोगों के विरोध और न्याय की मांग को दबाने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने कहा, “मेरे घर का दीया बुझ गया है। उन्होंने मेरी बेटी का गला घोंट दिया और अब वे न्याय की मांग को भी कुचलना चाहते हैं।”
ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय में एक बैठक के दौरान कहा था, “मैं आपसे अपील करती हूं कि आप त्योहारों की ओर लौटें और सीबीआई को जांच पूरी करने दें।” मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि विरोध प्रदर्शन राज्य में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं और जीवन सामान्य होने की आवश्यकता है।
बनर्जी ने इस बात का भी खंडन किया कि उन्होंने पीड़िता के परिवार को पैसे की पेशकश की थी। उन्होंने इसे “झूठ” और केंद्र सरकार और कुछ वामपंथी पार्टियों की साजिश करार दिया। ममता ने चुनौती देते हुए कहा, “मैंने ऐसा कभी नहीं कहा। कोई सबूत दिखाए कि मैंने पैसे की पेशकश की।”
कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल ने भी रेप-मर्डर केस पर कई बार इस्तीफा देने की पेशकश की थी, लेकिन आगामी दुर्गा पूजा को देखते हुए उन्हें रुकने के लिए कहा गया।
बंगाल बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी पर जमकर हमला बोला और पूछा, “क्या आप जनता को अपनी कठपुतली समझती हैं?” उन्होंने ममता के दोहरे बयान का भी वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसमें वह परिवार को पैसे देने के बारे में विरोधाभासी बातें कह रही थीं।
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