आख़िर तक – एक नज़र में
- JDU ने मणिपुर इकाई प्रमुख को अनुशासनहीनता के कारण पद से हटा दिया।
- प्रमुख का पत्र भाजपा से समर्थन वापस लेने का दावा करता था।
- केंद्रीय नेतृत्व ने पत्र को “भ्रामक” और “बिना परामर्श” बताया।
- JDU ने भाजपा के साथ अपने गठबंधन को पुन: पुष्टि की।
- विवाद ने मणिपुर में पार्टी की भूमिका पर ध्यान केंद्रित किया।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
JDU प्रमुख को बर्खास्त किया गया
जनता दल (यूनाइटेड) ने बुधवार को मणिपुर इकाई के प्रमुख क्षेत्रिमायूम बीरेन सिंह को पार्टी अनुशासन का उल्लंघन करने के कारण पद से हटा दिया। उनका बर्खास्तगी भाजपा से समर्थन वापस लेने के दावे वाले पत्र के बाद हुई।
केंद्रीय नेतृत्व की प्रतिक्रिया
JDU के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे “भ्रामक” और “अनधिकृत” करार दिया। उन्होंने कहा कि राज्य इकाई ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से कोई परामर्श नहीं किया।
पत्र का विवाद
इस पत्र में मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को JDU के भाजपा से समर्थन वापस लेने की पुष्टि करते हुए जानकारी दी गई थी। यह पत्र पार्टी के इकलौते विधायक के विपक्ष में बैठने के निर्णय का समर्थन करता था।
पार्टी का आधिकारिक बयान
JDU ने स्पष्ट किया कि पार्टी मणिपुर, बिहार, और केंद्र में भाजपा के साथ गठबंधन बनाए रखेगी। “हमारा सहयोग एनडीए के साथ है और रहेगा,” प्रसाद ने बताया।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- JDU ने मणिपुर इकाई प्रमुख को अनुशासनहीनता पर बर्खास्त किया।
- भाजपा के समर्थन पर पत्र को भ्रामक बताया गया।
- पार्टी ने भाजपा के साथ गठबंधन बनाए रखने की पुष्टि की।
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