नरेन्दर मान नियुक्ति: तहव्वुर राणा मामले में विशेष अभियोजक

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नरेन्दर मान नियुक्ति: तहव्वुर राणा मामले में विशेष अभियोजक

आख़िर तक – एक नज़र में

  • केंद्र सरकार ने नरेन्दर मान नियुक्ति की है, वे वकील हैं।
  • मान तहव्वुर राणा मामला में NIA के विशेष लोक अभियोजक होंगे।
  • यह नियुक्ति 26/11 मुंबई हमला मामले के मुकदमे के लिए हुई है।
  • प्रत्यर्पित होकर आए तहव्वुर राणा को तिहाड़ जेल में रखा जाएगा।
  • मान की नियुक्ति तीन साल या मुकदमे के पूरा होने तक प्रभावी रहेगी।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

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तहव्वुर राणा मामले में नरेन्दर मान होंगे विशेष लोक अभियोजक

केंद्र सरकार ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले से जुड़े तहव्वुर राणा मामला में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने प्रसिद्ध वकील नरेन्दर मान को इस हाई-प्रोफाइल मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) का प्रतिनिधित्व करने के लिए विशेष लोक अभियोजक (SPP) नियुक्त किया है। नरेन्दर मान नियुक्ति की यह घोषणा तहव्वुर राणा के अमेरिका से भारत प्रत्यर्पण के बाद आई है।

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नियुक्ति का विवरण और मान का अनुभव

गृह मंत्रालय द्वारा जारी गजट अधिसूचना के अनुसार, नरेन्दर मान नियुक्ति तीन साल की अवधि के लिए की गई है। यह अवधि अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से शुरू होगी। यदि तहव्वुर राणा मामला का मुकदमा तीन साल से पहले पूरा हो जाता है, तो उनकी नियुक्ति तब तक मान्य रहेगी।

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अधिसूचना में कहा गया है, “केंद्र सरकार, नरेन्दर मान, वकील को विशेष लोक अभियोजक नियुक्त करती है।” वे दिल्ली में एनआईए विशेष अदालतों और अपीलीय अदालतों के समक्ष राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ओर से NIA मामले (RC-04/2009/NIA/DLI) से संबंधित मुकदमे और अन्य मामलों का संचालन करेंगे। नरेन्दर मान पहले भी विभिन्न मामलों में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) का प्रतिनिधित्व विशेष लोक अभियोजक के रूप में कर चुके हैं। उनका अनुभव इस जटिल एनआईए जांच में महत्वपूर्ण होगा।

तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण और आगे की प्रक्रिया

तहव्वुर राणा को 26/11 मुंबई हमला में उसकी भूमिका के लिए अमेरिका से प्रत्यर्पित किया गया है। उसकी गिरफ्तारी के लगभग 16 साल बाद यह प्रत्यर्पण संभव हुआ है। जैसे ही राणा को लेकर विशेष उड़ान दिल्ली पहुंचेगी, NIA उसे आधिकारिक तौर पर गिरफ्तार करेगी। इसके बाद उसे वर्चुअल माध्यम से अदालत में पेश किया जाएगा। फिर उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाएगा।

राणा, जो पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है, को तिहाड़ जेल के एक उच्च सुरक्षा वाले वार्ड में रखा जाएगा। राणा प्रत्यर्पण को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा उसकी अंतिम याचिका खारिज करने के बाद मंजूरी मिली थी। राणा ने प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग की थी।

26/11 हमले में राणा की भूमिका

राणा एक पूर्व पाकिस्तानी सेना कर्मी है। उस पर डेविड कोलमैन हेडली को लॉजिस्टिकल और वित्तीय सहायता प्रदान करने का आरोप है। हेडली ने मुंबई में उन ठिकानों की रेकी की थी जहां बाद में लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने हमला किया था। यह तहव्वुर राणा मामला का मुख्य आधार है।

मुंबई में 60 घंटे तक चली इस घेराबंदी के दौरान आतंकवादियों ने कई स्थानों पर 166 लोगों की हत्या कर दी थी। नौ आतंकवादी मारे गए थे। एक आतंकवादी, अजमल कसाब, जिंदा पकड़ा गया था। कसाब को 2012 में पुणे की यरवडा जेल में फांसी दे दी गई थी।

मुकदमे का महत्व

नरेन्दर मान नियुक्ति इस मुकदमे को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता दर्शाती है। राणा पर मुकदमा 26/11 मुंबई हमला के पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। एनआईए जांच और मुकदमे से हमले की साजिश के और गहरे तार सामने आ सकते हैं।

आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  • केंद्र सरकार ने वकील नरेन्दर मान नियुक्ति विशेष लोक अभियोजक के रूप में की है।
  • मान तहव्वुर राणा मामला में NIA का प्रतिनिधित्व करेंगे, जो 26/11 मुंबई हमला से जुड़ा है।
  • राणा को अमेरिका से राणा प्रत्यर्पण के बाद तिहाड़ जेल में रखा जाएगा।
  • मान की नियुक्ति 3 साल या एनआईए जांच के मुकदमे के पूरा होने तक है।
  • यह नियुक्ति 26/11 हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में अहम कदम है।

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