नेवी का ₹70,000 करोड़ प्रोजेक्ट, आर्मी टैंक

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डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (DAC) भारतीय नेवी और आर्मी के लिए ₹1.3 लाख करोड़ से अधिक के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स को मंजूरी देने वाली है। मंगलवार को होने वाली बैठक में नेवी के ₹70,000 करोड़ के प्रोजेक्ट 17 ब्रावो को मंजूरी दी जाएगी, जिसका उद्देश्य सात उन्नत वारशिप्स का निर्माण करना है। मजगांव डॉकयार्ड्स लिमिटेड (MDL) और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) इस प्रोजेक्ट के मुख्य दावेदार हैं, जो फिलहाल प्रोजेक्ट 17A (नीलगिरी क्लास) के तहत फ्रिगेट्स का निर्माण कर रहे हैं।

MDL चार फ्रिगेट्स बना रहा है, जबकि GRSE तीन फ्रिगेट्स का निर्माण कर रहा है। हालांकि, श्रेणी 1 के अन्य शिपयार्ड्स को भी इस टेंडर में भाग लेने की अनुमति होगी। संभावना है कि यह मेगा प्रोजेक्ट दो शिपयार्ड्स के बीच विभाजित किया जाएगा, जिसमें सबसे कम बोली लगाने वाले को चार और दूसरे को तीन जहाज मिल सकते हैं।

साथ ही, भारतीय सेना के ₹50,000 करोड़ के प्रोजेक्ट के तहत 1,700 फ्यूचर-रेडी कॉम्बैट व्हीकल्स की खरीदारी का प्रस्ताव भी बैठक में चर्चा के लिए रखा जाएगा। यह परियोजना सेना के लिए महत्वपूर्ण है, जो उच्च ऊंचाई और रेगिस्तानों में संचालन करती है, क्योंकि यह अपने बख्तरबंद वाहनों के बेड़े को आधुनिक बनाने का लक्ष्य रखती है।

रक्षा मंत्रालय का नेवी और आर्मी की क्षमताओं को अपग्रेड करने पर ध्यान भारत के रक्षा क्षेत्र को मजबूत बनाने के ongoing प्रयासों को दर्शाता है। इन प्रोजेक्ट्स की मंजूरी न केवल भारत की नौसेना और थल सेना को मजबूती प्रदान करेगी बल्कि क्षेत्र में देश के रणनीतिक हितों में भी योगदान देगी।

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