आख़िर तक – एक नज़र में
- जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमला (26 मौतें) के बाद भारत ने पाकिस्तान पर कड़ा शिकंजा कसा है।
- भारत ने ऐतिहासिक सिंधु जल संधि सहयोग को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया है।
- अटारी-वाघा एकीकृत चेकपोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है।
- पाकिस्तानी नागरिकों के भारत आने पर रोक, SAARC और SPES वीजा रद्द किए गए।
- दोनों देशों के उच्चायोगों से रक्षा सलाहकार निष्कासित, स्टाफ संख्या घटाकर 30 की गई।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत ने बुधवार को पाकिस्तान के खिलाफ बड़े पैमाने पर राजनयिक हमला बोला है। इस पहलगाम हमला में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। भारत सरकार ने कड़े कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया है। साथ ही पाकिस्तानी नागरिकों के भारत प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है। ये महत्वपूर्ण फैसले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक के बाद लिए गए। यह हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में हुए सबसे बुरे हमलों में से एक था।
पहलगाम आतंकी हमले का विवरण
मंगलवार दोपहर को यह कायराना पहलगाम हमला हुआ। हमला स्थल पहलगाम कस्बे से करीब 5 किलोमीटर दूर बैसरन घास का मैदान था। इस खूबसूरत जगह को ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ भी कहा जाता है। यहां तक पहुंचने के लिए पैदल या घोड़े का ही सहारा लेना पड़ता है। पांच से छह आतंकवादियों ने पर्यटकों के एक समूह पर अंधाधुंध गोलीबारी की। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आतंकी आसपास के चीड़ के जंगलों से निकले थे। उन्होंने पिकनिक मना रहे, घोड़ों की सवारी कर रहे या खाने-पीने के स्टॉल पर मौजूद लोगों को निशाना बनाया। कश्मीर घाटी में हाल के वर्षों में नागरिकों पर यह सबसे घातक हमलों में से एक था। पीड़ितों में ज्यादातर पर्यटक थे। इनमें संयुक्त अरब अमीरात और नेपाल के दो विदेशी नागरिक भी शामिल थे। हमले में दो स्थानीय लोगों की भी जान गई।
CCS बैठक और सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया
जिस समय यह पहलगाम हमला हुआ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब के दौरे पर थे। हमले की सूचना मिलते ही उन्होंने अपना दौरा छोटा कर दिया। वे दिल्ली लौटे और जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए CCS की बैठक की। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हमले के कुछ ही घंटों में श्रीनगर पहुंच गए। उन्होंने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक के साथ उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की। गृह मंत्री शाह ने पहलगाम में हमले वाली जगह का दौरा भी किया। उन्होंने पीड़ितों के परिवारों और जीवित बचे लोगों से मुलाकात कर ढांढस बंधाया। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हमले को “हाल के वर्षों में नागरिकों पर हुए किसी भी हमले से कहीं बड़ा” बताया।
भारत के पांच कठोर कदम
सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ पांच सूत्रीय कार्रवाई की घोषणा की है। ये कदम सीमा पार आतंकवाद को रोकने के उद्देश्य से उठाए गए हैं:
- सिंधु जल संधि का स्थगन: 1960 में हुई महत्वपूर्ण सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है। यह तब तक लागू रहेगा जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को विश्वसनीय और स्थायी रूप से त्याग नहीं देता।
- अटारी-वाघा चेकपोस्ट बंद: एकीकृत अटारी-वाघा चेकपोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। हालांकि, वैध कागजात के साथ पहले से सीमा पार कर चुके लोग 1 मई 2025 से पहले इसी रास्ते से लौट सकते हैं।
- पाकिस्तानी नागरिकों पर प्रतिबंध: पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क वीजा छूट योजना (SPES) के तहत भारत यात्रा की अनुमति नहीं होगी। पहले जारी किए गए सभी SPES वीजा रद्द माने जाएंगे। वर्तमान में SPES वीजा पर भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ना होगा।
- रक्षा सलाहकारों की वापसी/निष्कासन: भारत इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा। इसी तरह, दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को ‘persona non grata’ (अवांछित व्यक्ति) घोषित किया गया है। उन्हें भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है।
- उच्चायोग स्टाफ में कमी: दोनों देशों में संबंधित उच्चायोगों की कुल संख्या घटाकर 30 कर दी जाएगी। यह राजनयिक उपस्थिति को काफी सीमित कर देगा।
ये कदम पहलगाम हमला जैसी घटनाओं को रोकने के लिए भारत की दृढ़ता दिखाते हैं। सिंधु जल संधि जैसे समझौते का निलंबन एक कड़ा संदेश है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- पहलगाम हमला (26 मौतें) के जवाब में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ 5 कड़े कदम उठाए।
- ऐतिहासिक सिंधु जल संधि को आतंकवाद बंद होने तक स्थगित कर दिया गया है।
- अटारी-वाघा चेकपोस्ट बंद, वापसी की समय सीमा 1 मई 2025 तक है।
- पाकिस्तानी नागरिकों के लिए SAARC/SPES वीजा रद्द; भारत में मौजूद लोगों को 48 घंटे में जाने का आदेश।
- दोनों देशों से रक्षा सलाहकार हटाए गए, उच्चायोग स्टाफ घटाकर 30 किया गया।
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