आख़िर तक – एक नज़र में
- पुणे के हॉस्टल में 4 लड़कियों को निष्कासित किया गया।
- यह कार्रवाई ऑनलाइन पिज्जा मंगाने के कारण हुई।
- सोशल जस्टिस डिपार्टमेंट द्वारा संचालित हॉस्टल में यह घटना हुई।
- वार्डन ने 8 फरवरी तक स्वीकार करने का समय दिया था।
- अभिभावकों को बुलाकर गैर-शैक्षणिक बातें की गईं।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
महाराष्ट्र के पुणे में एक हॉस्टल से चार छात्राओं को एक महीने के लिए निष्कासित कर दिया गया क्योंकि उनमें से एक लड़की ने ऑनलाइन पिज्जा मंगाया था। सोशल जस्टिस डिपार्टमेंट द्वारा संचालित सोशल वेलफेयर हॉस्टल में 250 छात्र रहते हैं। रिपोर्टों के अनुसार, हॉस्टल वार्डन, मीनाक्षी नारहारे, ने छात्राओं को आधिकारिक नोटिस जारी किया, जब उन्हें पता चला कि एक कमरे में पिज्जा ऑर्डर किया गया था। इनकार करने के बाद, उनका हॉस्टल प्रवेश एक महीने के लिए निलंबित कर दिया गया।
छात्राओं को जारी नोटिस में कहा गया है कि यदि उनमें से किसी ने भी 8 फरवरी तक पिज्जा ऑर्डर करने की बात स्वीकार नहीं की, तो सभी चार को एक महीने के लिए निष्कासित कर दिया जाएगा। विवाद को बढ़ाते हुए, छात्रों के माता-पिता को बुलाया गया और कथित तौर पर उनके बच्चों के शैक्षणिक प्रदर्शन के बजाय असंबंधित मामलों पर चर्चा की गई। उनके अनुरोधों के बावजूद, अधिकारियों ने अनुशासनात्मक कार्रवाई के साथ आगे बढ़े।
इस घटना ने हॉस्टल नियमों और छात्रों के अधिकारों को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या ऑनलाइन पिज्जा मंगाना इतना बड़ा अपराध है कि इसके लिए निष्कासन जैसा कठोर कदम उठाया जाए? क्या हॉस्टल प्रशासन ने इस मामले को अधिक संवेदनशीलता से नहीं संभालना चाहिए था? इन सवालों के जवाब आने बाकी हैं। यह घटना छात्रों और हॉस्टल प्रशासन के बीच विश्वास की कमी को भी दर्शाती है। हॉस्टल नियमों को छात्रों के अनुकूल बनाने की आवश्यकता है ताकि वे अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
पुणे हॉस्टल में पिज्जा मंगाने पर 4 लड़कियां निष्कासित। सोशल जस्टिस डिपार्टमेंट द्वारा संचालित हॉस्टल। 8 फरवरी तक स्वीकार करने का समय। अभिभावकों को बुलाकर गैर-शैक्षणिक बातें।
Discover more from पाएं देश और दुनिया की ताजा खबरें
Subscribe to get the latest posts sent to your email.