राहुल गांधी ने अमेरिका में भारतीय लोकतंत्र की नाकामी पर जताई चिंता

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राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता पर याचिका, केंद्र से कोर्ट का जवाब तलब

अमेरिका में राहुल गांधी का बयान: ‘लोकतंत्र की नाकामी के कारण मजबूरन निकली यात्रा’

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अमेरिका में अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान भारत जोड़ो यात्रा और न्याय यात्रा को भारत में लोकतांत्रिक संस्थाओं की नाकामी का जवाब बताया। राहुल गांधी, जो कि लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं, ने वॉशिंगटन डीसी में प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि यात्रा निकालना एक राजनीतिक मजबूरी थी क्योंकि भारत में लोकतंत्र के सभी साधन काम करना बंद कर चुके थे।

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राहुल गांधी ने कहा, “राजनीतिक और व्यक्तिगत दोनों स्तरों पर यात्रा जरूरी थी। बचपन से मेरा सपना था कि एक दिन मैं अपने देश के हर हिस्से को पैदल देखूं और समझूं।” उन्होंने यात्रा के दौरान जनता के साथ अपने अनुभवों और विचारों को भी साझा किया।

उन्होंने कांग्रेस और बीजेपी के बीच संघर्ष को भारत के भविष्य की दो विपरीत सोचों के रूप में बताया। कांग्रेस का विजन विविधता और स्वतंत्रता को संरक्षित करने वाला है, जबकि बीजेपी का विजन एक केंद्रीकृत और कठोर दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करता है। राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियाँ एक ऐसे भारत की कल्पना करती हैं, जो हर नागरिक के अधिकारों की सुरक्षा करता है और स्वतंत्र विचारों का स्वागत करता है।

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गांधी ने विपक्षी पार्टियों के INDIA ब्लॉक की दिशा और दृष्टि पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह गठबंधन बीजेपी की केंद्रीकृत और एकाधिकारवादी सोच से बिल्कुल अलग होगा। उन्होंने अमेरिका और भारत में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर फोकस बढ़ाने की वकालत की।

अमेरिका के वॉशिंगटन में गांधी ने कहा कि पश्चिमी देश और भारत ने मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में चीन को बढ़त दी है, और इस क्षेत्र में पुनः निवेश करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि केवल सर्विस सेक्टर पर निर्भर रहना भारत के लिए रोजगार के अवसरों को सीमित कर देता है।

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राहुल गांधी ने मंगलवार को वर्जीनिया के हर्नडन में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले जो डर का माहौल था, वह अब खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि “मोदीजी का 56 इंच का सीना और भगवान से सीधा संपर्क जैसी बातें अब इतिहास बन चुकी हैं।”

गांधी ने आरएसएस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि यह संगठन कुछ राज्यों को दूसरों से कमतर बताता है क्योंकि वह भारत को समझ नहीं पाते।


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