आख़िर तक – शॉर्ट्स में:
- संजय रॉय ने अदालत में दावा किया कि उन्हें असली दोषियों को बचाने के लिए फंसाया जा रहा है।
- पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर फ्रंट ने संजय के दावे पर नए सवाल उठाए।
- वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने विरोधी बयान देकर रॉय के दावे की निंदा की।
- सीबीआई ने 87 दिनों के भीतर आरोप पत्र दाखिल किया; मुकदमा 11 नवंबर से शुरू होगा।
- आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज की डॉक्टर की हत्या और बलात्कार का मामला फिर से सुर्खियों में।
आख़िर तक – विस्तृत में:
संजय रॉय, जो आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में आरोपी हैं, ने 4 नवंबर को अदालत से बाहर मीडिया से कहा कि उन्हें फंसाया जा रहा है। उनका कहना था, “मुझे असली दोषियों को बचाने के लिए फंसाया गया है।” उनके इस दावे ने पश्चिम बंगाल के डॉक्टर समुदाय के बीच फिर से बहस छेड़ दी।
जूनियर डॉक्टर संगठनों की प्रतिक्रिया: पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर फ्रंट (WBJDF) ने तुरंत सोशल मीडिया पर एक बयान जारी कर 10 सवाल उठाए। वहीं, वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (WBJDA), जो तृणमूल कांग्रेस समर्थक बताया जाता है, ने WBJDF पर आरोप लगाया कि वे आरोपी के बयान का समर्थन कर रहे हैं।
सीबीआई की जांच: केस की गंभीरता को देखते हुए, 87 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल की गई। सीबीआई ने अपने चार्जशीट में भारतीय न्याय संहिता की धारा 64, 66, और 103(1) के तहत संजय रॉय पर आरोप लगाए।
भविष्य की राह: अदालत ने 11 नवंबर से मुकदमे की शुरुआत करने की घोषणा की। रॉय दोषी साबित होने पर अदालत के फैसले को चुनौती दे सकते हैं।
याद रखने योग्य प्रमुख बिंदु:
- संजय रॉय के दावे ने डॉक्टरों के बीच नई बहस छेड़ दी।
- डॉक्टरों के दो समूहों की तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली।
- सीबीआई ने 87 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल कर दी।
- 11 नवंबर से मुकदमा शुरू होगा।
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