आख़िर तक – एक नज़र में
- तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भाषा विवाद पर अपनी बात दोहराई, कहा कि राज्य “एक और भाषा युद्ध” के लिए तैयार है।
- केंद्र पर हिंदी थोपने का आरोप लगाया गया है।
- द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) ने तीन-भाषा नीति का लगातार विरोध किया है।
- के अन्नामलाई ने स्टालिन के बयानों पर पलटवार किया, DMK पर भाषा नीति में पाखंड का आरोप लगाया।
- स्टालिन ने परिसीमन मुद्दे पर चर्चा के लिए 5 मार्च को सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
स्टालिन: भाषा युद्ध के लिए तमिलनाडु तैयार? अन्नामलाई का पलटवार
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने “हिंदी थोपने” के खिलाफ अपना कड़ा रुख दोहराया है। उन्होंने घोषणा की कि अगर जरूरत पड़ी तो राज्य “एक और भाषा युद्ध” के लिए तैयार है। स्टालिन का यह बयान केंद्र की तीन-भाषा नीति को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच आया है। तमिलनाडु में भाषा विवाद फिर से गरमा गया है।
DMK का विरोध
एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) ने तीन-भाषा नीति का लगातार विरोध किया है। DMK का कहना है कि तमिलनाडु तमिल और अंग्रेजी के साथ जारी रखेगा। DMK ने बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर राज्य में हिंदी को बढ़ावा देने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। सत्तारूढ़ दल ने 1965 के हिंदी विरोधी आंदोलन का बार-बार उल्लेख किया है, जिसके दौरान द्रविड़ आंदोलन ने हिंदी के थोपने का सफलतापूर्वक विरोध किया था।
क्या केंद्र बीज बो रहा है?
जब स्टालिन से पूछा गया कि क्या केंद्र हिंदी थोपने के अपने कथित प्रयासों के माध्यम से “एक और भाषा युद्ध के बीज बो रहा है”, तो स्टालिन ने जवाब दिया, “हाँ, निश्चित रूप से। हम इसके लिए तैयार हैं।” भाषा नीति DMK के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार और बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के बीच लंबे समय से विवाद का विषय रही है।
अन्नामलाई का पलटवार
इस बीच, तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के अन्नामलाई ने स्टालिन के बयानों पर पलटवार किया है। अन्नामलाई ने DMK पर भाषा नीति के मामले में पाखंड का आरोप लगाया है। अन्नामलाई ने एक्स पर एक पोस्ट में आरोप लगाया कि जहां स्टालिन किसी भी भाषा का विरोध नहीं करने का दावा करते हैं, वहीं तमिलनाडु में सरकारी स्कूल के छात्रों को तीसरी भाषा सीखने का अवसर नहीं दिया जाता है, जबकि CBSE और मैट्रिक निजी स्कूलों में ऐसा नहीं है।
अन्नामलाई का सवाल
अन्नामलाई ने सवाल किया, “क्या स्टालिन यह कह रहे हैं कि तीसरी भाषा सीखने पर कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन अगर आप इसे सीखना चाहते हैं, तो आपको DMK सदस्यों द्वारा संचालित CBSE या मैट्रिक स्कूलों में अपने बच्चों का दाखिला कराना चाहिए?” उन्होंने आगे दावा किया कि DMK के दोहरे मापदंड हैं, “अमीरों के लिए एक नियम और गरीबों के लिए दूसरा”।
DMK कार्यकर्ताओं पर कटाक्ष
हिंदी थोपने के खिलाफ विरोध कर रहे DMK कार्यकर्ताओं पर कटाक्ष करते हुए अन्नामलाई ने टिप्पणी की, “आपकी पार्टी के सदस्य, जो पेंट के डिब्बे के साथ घूम रहे हैं, वे आपके बयान में हिंदी और अंग्रेजी के बीच अंतर को स्पष्ट करना भूल गए हैं।”
परिसीमन पर सर्वदलीय बैठक
सचिवालय में कैबिनेट बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए स्टालिन ने घोषणा की कि परिसीमन मुद्दे पर चर्चा के लिए 5 मार्च को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि तमिलनाडु को परिवार नियोजन नीतियों को लागू करने में अपनी सफलता के कारण आठ लोकसभा सीटों के नुकसान का “खतरा” है, जिससे जनसंख्या नियंत्रण हुआ है।
परिसीमन का प्रभाव
स्टालिन ने यह भी तर्क दिया कि परिसीमन न केवल तमिलनाडु के प्रतिनिधित्व को कम करेगा बल्कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), NEET, और केंद्रीय निधि आवंटन जैसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों पर चिंताओं को व्यक्त करने की क्षमता को भी प्रभावित करेगा। उन्होंने समझाया, “तमिलनाडु ने परिवार नियोजन कार्यक्रम के माध्यम से जनसंख्या नियंत्रण में सफलता प्राप्त की। सिर्फ इसलिए कि हमारी जनसंख्या कम है, हम अब ऐसी स्थिति का सामना कर रहे हैं जहां हमारी लोकसभा सीटें कम हो जाएंगी। हमें आठ सीटों का नुकसान होगा और परिणामस्वरूप, हम वर्तमान 39 के बजाय केवल 31 सांसदों के साथ रह जाएंगे।” तमिलनाडु में भाषा विवाद जारी है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु “भाषा युद्ध” के लिए तैयार है।
- यह बयान केंद्र पर हिंदी थोपने के आरोपों के बीच आया है।
- अन्नामलाई ने DMK पर भाषा नीति में पाखंड का आरोप लगाया है।
- स्टालिन ने परिसीमन पर चर्चा के लिए 5 मार्च को सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
- तमिलनाडु को लोकसभा सीटों के नुकसान का खतरा है।
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