निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 में ‘कर’ 51 बार किया जिक्र
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के केंद्रीय बजट में ‘कर’ शब्द का 51 बार जिक्र किया, जो उनके भाषण का प्रमुख विषय रहा। इसके बाद TDS/TCS (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स/टैक्स कलेक्शन एट सोर्स) का जिक्र 26 बार हुआ, इसके अलावा उन्होंने चिकित्सा, दवाओं, सुधारों और किसानों पर भी चर्चा की।
यह बजट भाषण 74 मिनट लंबा था, जो कि सीतारमण का अब तक का दूसरा सबसे संक्षिप्त भाषण था।
अपराजिता सारंगी ने बजट 2025-26 को बताया ‘समग्र’, विपक्ष पर की तीखी टिप्पणी
भा.ज.पा. सांसद अपराजिता सारंगी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट 2025-26 को “पूर्ण” और “समग्र” बताया और कहा कि यह सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
उन्होंने कहा, “विपक्ष को केवल आलोचना के लिए समग्र दृष्टिकोण पर सवाल नहीं उठाना चाहिए।” सारंगी ने यह भी स्पष्ट किया कि बजट में कोई नकारात्मक बिंदु नहीं है और मध्य वर्ग इसके लिए खुश रहेगा।
प्रियंका चतुर्वेदी ने बजट को सराहा, कहा सरकार ने मध्य वर्ग की सुनवाई की
शिवसेना (UBT) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट 2025-26 की सराहना की और कहा कि यह “बहरी” सरकार ने आखिरकार पिछले 10 वर्षों से मध्य वर्ग की चिंताओं का समाधान किया है।
उन्होंने कहा, “बिहार के लोग सोच रहे होंगे कि चुनाव आते रहना चाहिए, क्योंकि कुछ होता है बिहार में जब चुनाव आने वाले होते हैं।” यह टिप्पणी बिहार के लिए बजट में की गई घोषणाओं और योजनाओं को लेकर थी।
अभिषेक बनर्जी ने बजट पर कहा – बिहार के लिए है, आम आदमी के लिए नहीं
त्रिनमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किए गए बजट 2025-26 पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बजट आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया था।
उन्होंने कहा, “पिछले साल यह बजट आंध्र प्रदेश और बिहार पर केंद्रित था। अब आंध्र प्रदेश में अगले 4.5 सालों तक चुनाव नहीं होने हैं। इसलिए, इस बार बजट बिहार पर केंद्रित है। इस बजट में आम आदमी के लिए कुछ नहीं है।”
अमित शाह ने बजट 2025-26 को मोदी सरकार की विजन बताया
अमित शाह ने बजट 2025-26 को मोदी सरकार का विजन बताया
गृह मंत्री अमित शाह ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किए गए बजट 2025-26 की सराहना की और इसे मोदी सरकार का “विकसित और श्रेष्ठ भारत” बनाने की दिशा में एक मजबूत रोडमैप बताया।
अमित शाह ने ट्विटर पर लिखा, “यह बजट, जो हर क्षेत्र – किसानों, गरीबों, मध्यवर्ग, महिलाओं, बच्चों की शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य, स्टार्टअप, नवाचार और निवेश – को कवर करता है, मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत के लिए रोडमैप है।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इस व्यापक और दूरदर्शी बजट के लिए बधाई दी।
PM मोदी ने निर्मला सीतारमण को बजट पेश करने पर दी बधाई
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जैसे ही Union Budget 2025-26 पेश किया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके पास गए और उन्हें इस अहम कार्य को संभालने पर बधाई दी। मोदी ने सीतारमण को शुभकामनाएं देते हुए कहा, “हर कोई आपकी तारीफ कर रहा है।”
यह बधाई इस बात को लेकर थी कि सीतारमण ने भारतीय अर्थव्यवस्था को सुधारने और प्रगति की दिशा में एक मजबूत बजट प्रस्तुत किया। पीएम मोदी की इस प्रतिक्रिया ने वित्त मंत्री के कार्य की सराहना की और बजट के महत्व को दर्शाया।
बजट 2025: TDS को सरल बनाने की घोषणा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 में टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) प्रणाली को सरल बनाने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि यह कदम करदाताओं के लिए अनुपालन बोझ को हल्का करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
यह निर्णय मध्य वर्ग के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगा, क्योंकि इससे उन्हें TDS से संबंधित जटिलताओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए योजना बनाई है कि TDS को सरल, पारदर्शी और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाया जाए। इस कदम का उद्देश्य करदाताओं को कर नियमों के पालन में आसानी प्रदान करना है और इसके माध्यम से मध्य वर्ग के लिए कर अनुपालन को और अधिक सुलभ बनाना है।
सरकार की योजना और उद्देश्य
सीतारमण ने कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य करदाताओं के लिए TDS अनुपालन को सरल बनाना है ताकि वे आसानी से अपनी कर देनदारियों को पूरा कर सकें। यह कदम टैक्स प्रणाली में सुधार और सरकार के ‘कर विश्वास’ दृष्टिकोण का हिस्सा है, जो करदाताओं के साथ पारदर्शिता और विश्वास को बढ़ावा देता है।
बजट 2025: नए आयकर बिल की घोषणा अगले सप्ताह
बजट 2025: अगले सप्ताह नए आयकर बिल की घोषणा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 में ऐलान किया कि अगले सप्ताह एक नया आयकर बिल पेश किया जाएगा। यह बिल सरकार के दशकों के प्रयासों का परिणाम होगा, जो करदाताओं की सुविधा बढ़ाने और कर पालन को आसान बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
इस नए आयकर बिल का उद्देश्य करदाताओं के लिए प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाना है, जिससे उन्हें अपने करों का सही तरीके से भुगतान करने में आसानी हो। इस बिल के अंतर्गत “पहले विश्वास, बाद में जांच” की नीति को लागू किया जाएगा, जिससे सरकार करदाताओं के साथ विश्वास आधारित संवाद को प्राथमिकता देगी और केवल आवश्यक होने पर जांच की जाएगी।
बजट 2025: सरकार करेगी गैर-वित्तीय क्षेत्रों में नियामक सुधार
बजट 2025: गैर-वित्तीय क्षेत्रों में नियामक सुधार के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 में घोषणा की कि सरकार गैर-वित्तीय क्षेत्रों के नियामक सुधार के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन करेगी। यह समिति उद्योगों में सुधार, पारदर्शिता और निवेश को बढ़ावा देने के लिए सिफारिशें प्रदान करेगी। सरकार का उद्देश्य यह है कि भारतीय उद्योग वैश्विक मानकों के अनुरूप हों और इन क्षेत्रों में निवेश की सुविधा प्रदान की जाए।
निवेश मित्रता सूचकांक का शुभारंभ
इसके अलावा, वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि इस वर्ष राज्यों का निवेश मित्रता सूचकांक लॉन्च किया जाएगा। इस सूचकांक का उद्देश्य राज्यों के लिए निवेश संभावनाओं को बढ़ाना और उन राज्यों को पहचानना है जहां निवेश के लिए सर्वोत्तम वातावरण है। यह सूचकांक राज्यों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगा और उन क्षेत्रों में सुधार की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करेगा।
जल जीवन मिशन के लिए बजट आवंटन बढ़ाया गया
जल जीवन मिशन के लिए सरकार ने बजट आवंटन को बढ़ाकर 100 प्रतिशत कवर करने का लक्ष्य रखा है। इस मिशन का उद्देश्य प्रत्येक ग्रामीण परिवार को पाइप से जल आपूर्ति सुनिश्चित करना है, ताकि देश में जल संकट का समाधान किया जा सके और ग्रामीण जीवन स्तर में सुधार हो सके।
बजट 2025: बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा 74% से बढ़ाकर 100% की गई
बजट 2025: बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा 74% से बढ़ाकर 100% की गई
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 में बीमा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) की सीमा को बढ़ाकर 74% से 100% करने की घोषणा की। इस निर्णय से भारत में बीमा कंपनियों को वैश्विक निवेशकों से अतिरिक्त पूंजी आकर्षित करने में मदद मिलेगी।
एफडीआई सीमा में वृद्धि का महत्व
यह कदम बीमा क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने और उद्योग को सशक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। नई व्यवस्था के तहत, वे कंपनियाँ जो बीमा प्रीमियम को पूरी तरह से भारत में निवेश करेंगी, उन्हें 100% FDI सीमा का लाभ मिलेगा। यह निर्णय भारत में बीमा उद्योग के विकास को तेज़ी से गति देगा और इसके साथ ही भारतीय बाजार को विदेशी निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक बनाएगा।
बजट 2025: 12 लाख तक आय पर कोई कर नहीं, मध्य वर्ग को बड़ी राहत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 में एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि नई कर व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लिया जाएगा। यह कदम मध्य वर्ग को राहत देने और उनकी वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
नई कर व्यवस्था की विशेषताएँ
निर्मला सीतारमण ने बताया कि नए कर ढांचे के तहत, अब वे करदाता जिनकी कुल आय 12 लाख रुपये तक होगी, उन्हें आयकर नहीं देना होगा। यह निर्णय करदाताओं के लिए खासकर उन लोगों के लिए राहत लेकर आया है, जिनकी आय मध्यम स्तर की होती है। इससे उनकी खर्च करने की क्षमता में वृद्धि हो सकती है, जिससे समग्र आर्थिक गतिविधियों में सुधार होगा।
बजट 2025: 20 लाख करोड़ रुपये का परमाणु मिशन और बिजली क्षेत्र सुधार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 में देश में परमाणु ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने 20,000 करोड़ रुपये के परमाणु मिशन की शुरुआत की योजना का ऐलान किया, जो देश में परमाणु ऊर्जा की क्षमता को बढ़ाएगा। इस मिशन के तहत, छोटे परमाणु रिएक्टरों को स्वदेशी तौर पर विकसित किया जाएगा, और निजी क्षेत्र को भी इस क्षेत्र में भागीदारी के लिए आकर्षित किया जाएगा। इसके लिए कानूनी ढांचे में संशोधन किए जाएंगे।
बिजली क्षेत्र सुधार
सीतारमण ने बिजली क्षेत्र में सुधारों को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई योजना की घोषणा की। उन्होंने बताया कि जो राज्य बिजली क्षेत्र में सुधार करेंगे, उन्हें उनके GSDP (राज्य सकल घरेलू उत्पाद) के 0.5 प्रतिशत तक अतिरिक्त उधारी का अवसर मिलेगा। यह कदम राज्यों के बिजली वितरण प्रणालियों को सुधारने और राज्य-स्तरीय ट्रांसमिशन क्षमता को बढ़ाने में मदद करेगा, जिससे विद्युत कंपनियों की वित्तीय सेहत में सुधार होगा।
छोटे परमाणु रिएक्टरों का विकास
20,000 करोड़ रुपये के परमाणु मिशन के अंतर्गत, भारत में पांच छोटे परमाणु रिएक्टरों का स्वदेशी रूप से विकास किया जाएगा। ये रिएक्टर भारतीय ऊर्जा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगे और परमाणु ऊर्जा की सुलभता को बढ़ावा देंगे। इसके साथ ही, भारत को अपनी परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता में भी वृद्धि देखने को मिलेगी, जिससे ऊर्जा संकट की समस्या पर काबू पाया जा सकेगा।
प्राइवेट क्षेत्र की भागीदारी
सरकार निजी क्षेत्र को भी परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में भागीदार बनाने के लिए कानूनी ढांचे में संशोधन करने की योजना बना रही है। यह कदम निजी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए उठाया जाएगा, ताकि देश में परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में प्रगति हो सके।
बजट 2025: होमस्टे के लिए मुद्रा ऋण और 50 पर्यटन स्थलों का विकास
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के बजट में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदमों का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सरकार राज्यों के साथ मिलकर देश के 50 प्रमुख पर्यटन स्थलों का विकास करेगी। इन स्थलों का सुधार और संवर्धन स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ पर्यटन उद्योग को भी एक नया दिशा देगा।
होमस्टे के लिए मुद्रा ऋण
इसके अलावा, वित्त मंत्री ने होमस्टे संचालन करने वालों के लिए मुद्रा ऋण की योजना शुरू करने की घोषणा की। इस योजना के तहत, छोटे और मझोले स्तर पर होमस्टे चलाने वालों को सस्ती ब्याज दरों पर वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इस कदम से पर्यटन क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और स्थानीय स्तर पर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
बुद्ध के जीवन से जुड़े स्थल पर विशेष ध्यान
सीतारमण ने यह भी बताया कि सरकार भगवान बुद्ध से जुड़े पर्यटन स्थलों को विशेष महत्व देगी। इन स्थलों पर विकास कार्यों को गति दी जाएगी ताकि भारत को धार्मिक पर्यटन के एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित किया जा सके।
मेडिकल पर्यटन को बढ़ावा
मेडिकल पर्यटन के क्षेत्र में भी सरकार ने पहल की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार निजी क्षेत्र के साथ मिलकर मेडिकल टूरिज़्म को बढ़ावा देने की योजना बना रही है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को चिकित्सा सेवाओं का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनाने का प्रयास किया जाएगा।
पर्यटन क्षेत्र के विकास की दिशा
इन पहलों के माध्यम से, भारत में पर्यटन उद्योग को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान मिलेगी। सरकार का लक्ष्य है कि पर्यटन क्षेत्र में रोजगार सृजन, निवेश, और समग्र विकास को बढ़ावा दिया जाए। इस तरह से, भारत को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित किया जा सके।
बजट 2025: राज्यों को 1.5 लाख करोड़ रुपये के ब्याज मुक्त ऋण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के संघीय बजट में राज्यों के लिए एक बड़ी घोषणा की है। उन्होंने राज्यों को 50 वर्षों के लिए ब्याज मुक्त ऋण देने के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया। यह कदम राज्य सरकारों को बुनियादी ढांचा विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगा और उनकी विकास परियोजनाओं को गति देने में मदद करेगा।
राज्यों को ब्याज मुक्त ऋण देने का उद्देश्य
यह ऋण राज्य सरकारों के लिए बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की गति को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। राज्यों में सड़कों, पुलों, जल आपूर्ति, आवासीय परियोजनाओं और अन्य विकास कार्यों को पूरा करने के लिए इन ऋणों का उपयोग किया जाएगा। इस कदम से राज्यों को दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता प्रदान होगी, जिससे वे अपनी विकास योजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा कर सकेंगे।
राज्य-स्तरीय विकास को बढ़ावा
ब्याज मुक्त ऋण योजना राज्यों के बीच समग्र आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए बनाई गई है। इससे राज्यों के बीच बराबरी का विकास संभव होगा, खासकर उन राज्यों के लिए जो अधिक पिछड़े हुए हैं। इससे देशभर में समावेशी विकास को बढ़ावा मिलेगा और प्रत्येक राज्य को अपने नागरिकों के लिए अधिक सुविधाएं प्रदान करने का अवसर मिलेगा।
शिक्षा क्षेत्र में एआई केंद्र की स्थापना
इसके साथ ही वित्त मंत्री ने शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव की ओर कदम बढ़ाते हुए, 500 करोड़ रुपये के साथ एक केंद्र ऑफ एक्सीलेंस (CoE) की स्थापना का भी प्रस्ताव दिया। इस केंद्र का उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के उपयोग को बढ़ावा देना है। यह केंद्र एआई की क्षमताओं का उपयोग करके शिक्षा को अधिक प्रभावी और गुणवत्तापूर्ण बनाने में मदद करेगा।
बजट 2025: UDAN योजना को संशोधित कर 120 गंतव्यों को जोड़ा जाएगा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के संघीय बजट में एयर कनेक्टिविटी के विस्तार के लिए UDAN (उड़े देश का आम नागरिक) योजना को संशोधित करने की घोषणा की है। इस योजना के तहत 120 गंतव्यों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे अगले 10 वर्षों में 4 करोड़ अतिरिक्त यात्रियों को सुविधा मिलेगी।
UDAN योजना का महत्व
UDAN योजना का उद्देश्य भारत के सभी क्षेत्रों को सस्ती और सुलभ हवाई यात्रा सेवा से जोड़ना है। अब तक इस योजना के तहत छोटे शहरों और कस्बों में एयर कनेक्टिविटी को बढ़ावा दिया गया है। अब इस योजना को संशोधित कर इसे और अधिक गंतव्यों से जोड़ा जाएगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों और दूरदराज के स्थानों में हवाई यात्रा की सुविधाएं पहुंचेंगी।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
इस योजना के तहत नए हवाई मार्गों की शुरूआत से न केवल यात्रियों को लाभ होगा, बल्कि इससे स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं में भी सक्रियता आएगी। नए गंतव्यों के जुड़ने से पर्यटन, व्यापार और परिवहन के क्षेत्रों में वृद्धि होगी, जिससे राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों को वाणिज्यिक दृष्टिकोण से भी सशक्त करेगी, क्योंकि उन्हें देश के अन्य हिस्सों से जोड़ा जाएगा।
नए प्रोजेक्ट्स के लिए 10 लाख करोड़ रुपये का पूंजी निवेश
इसके अतिरिक्त, वित्त मंत्री ने 2025-30 के दौरान नए प्रोजेक्ट्स के लिए 10 लाख करोड़ रुपये के पूंजी निवेश की योजना की भी घोषणा की। इस पूंजी का उपयोग बुनियादी ढांचा, परिवहन, ऊर्जा और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में किया जाएगा। इसका उद्देश्य देश की विकास प्रक्रिया को तेज करना और राष्ट्रीय आर्थिक संरचना को और सशक्त बनाना है।
बजट 2025: 1 करोड़ गिग श्रमिकों के लिए ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण
बजट 2025: 1 करोड़ गिग श्रमिकों के लिए ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण और पहचान पत्र
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के संघीय बजट में यह घोषणा की कि सरकार एक करोड़ गिग श्रमिकों के लिए पहचान पत्र और ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण सुनिश्चित करेगी। यह कदम “नई युग” सेवा अर्थव्यवस्था में गिग श्रमिकों के महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देने के लिए उठाया गया है, जो ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर कार्य करते हैं।
गिग श्रमिकों की भूमिका और योगदान
गिग श्रमिक, जो ऑनलाइन प्लेटफार्मों के माध्यम से काम करते हैं, वर्तमान समय में भारतीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुके हैं। इन श्रमिकों की कार्यशक्ति ने न केवल नई सेवाओं को जन्म दिया है, बल्कि रोजगार के नए रूप भी विकसित किए हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य गिग श्रमिकों को एक समान पहचान देना और उनके लिए एक स्थिर और सुरक्षित कार्य वातावरण तैयार करना है।
ई-श्रम पोर्टल और पहचान पत्र का महत्व
ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण से श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा लाभ, जैसे स्वास्थ्य बीमा, पेंशन योजनाओं, और अन्य लाभ मिल सकेंगे। इसके अलावा, पहचान पत्र इन श्रमिकों को अधिकारों और लाभों का एक मजबूत दावा प्रदान करेगा। यह कदम गिग श्रमिकों के अधिकारों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और उन्हें सही तरीके से पहचाना जाएगा।
आर्थिक और सामाजिक उत्थान योजना
इसके अलावा, वित्त मंत्री ने शहरी श्रमिकों के लिए सामाजिक और आर्थिक उत्थान की योजना को लागू करने का भी ऐलान किया। इस योजना का उद्देश्य शहरी श्रमिकों को बेहतर कामकाजी परिस्थितियाँ, आय सहायता और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। इससे श्रमिकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जाएगा और उनका जीवन स्तर सुधरेगा।
गिग श्रमिकों की मदद से अर्थव्यवस्था को नई दिशा
सरकार की इस पहल से गिग श्रमिकों की स्थिति में सुधार होगा, और साथ ही नई सेवाओं के निर्माण में भी सहायता मिलेगी। गिग श्रमिकों का पहचान पत्र और उनके लिए योजनाओं का विस्तार, भारतीय अर्थव्यवस्था में सेवाओं के क्षेत्र को और मजबूत करेगा। यह कदम श्रमिकों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो उनके सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए लगातार काम कर रही है।
बजट 2025: 5 IITs के लिए अतिरिक्त बुनियादी ढांचा, पटना शाखा का विस्तार
बजट 2025: 5 IITs के लिए अतिरिक्त बुनियादी ढांचा, पटना शाखा का विस्तार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 का संघीय बजट पेश करते हुए यह घोषणा की कि केंद्र सरकार पांच भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IITs) में अतिरिक्त बुनियादी ढांचा विकसित करेगी और IIT पटना का विस्तार किया जाएगा। यह कदम तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में भारत की क्षमता को बढ़ाने और भविष्य में छात्रों के लिए अधिक अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।
5 IITs के लिए अतिरिक्त बुनियादी ढांचा
सीतारमण ने घोषणा की कि सरकार पांच IITs में बुनियादी ढांचा बढ़ाएगी, जिससे इन संस्थानों की क्षमता में वृद्धि होगी। इससे न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि छात्रों को बेहतर सुविधाएं और रिसर्च के लिए बेहतर संसाधन भी उपलब्ध होंगे। यह कदम भारत के तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
IIT पटना का विस्तार
वित्त मंत्री ने IIT पटना के विस्तार का भी प्रस्ताव किया, जिससे राज्य के छात्रों को अधिक अवसर मिल सकेंगे। विस्तार से न केवल छात्रों के लिए सीटों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि संस्थान को और भी आधुनिक सुविधाएं प्राप्त होंगी, जिससे यह देश के प्रमुख तकनीकी संस्थानों में से एक बन सकेगा।
10,000 नई सीटें मेडिकल कॉलेजों में
इसके साथ ही सीतारमण ने मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं। अगले वर्ष तक 10,000 नई सीटें मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में जोड़ी जाएंगी, और अगले पांच वर्षों में कुल 75,000 सीटों की वृद्धि की जाएगी। यह कदम देश में मेडिकल पेशेवरों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए उठाया गया है।
शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
ये घोषणाएँ शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण मील के पत्थर साबित हो सकती हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों और मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या बढ़ने से न केवल शिक्षा के स्तर में सुधार होगा, बल्कि देश में गुणवत्तापूर्ण पेशेवरों की भी संख्या बढ़ेगी। इस प्रकार, यह बजट शिक्षा, तकनीकी और स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत को एक नई दिशा देने की कोशिश करेगा।
बिहार को बजट 2025 में विशेष राहत: मखाना बोर्ड और एयरपोर्ट विस्तार
बिहार को बजट 2025 में विशेष राहत: मखाना बोर्ड और एयरपोर्ट विस्तार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 में बिहार के लिए कई विशेष घोषणाएँ कीं, जिनमें मखाना बोर्ड की स्थापना और पटना एयरपोर्ट का विस्तार प्रमुख हैं। यह घोषणाएँ चुनावी साल में बिहार को दी गई बड़ी राहत के रूप में देखी जा रही हैं, विशेषकर जब राज्य में नवंबर में चुनाव होने की संभावना है।
मखाना बोर्ड की स्थापना
वित्त मंत्री ने मखाना, जिसे ‘सुपरफूड’ के नाम से भी जाना जाता है, की खेती करने वाले किसानों के लिए मखाना बोर्ड की स्थापना की घोषणा की। इस बोर्ड का उद्देश्य मखाना उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन में सुधार करना है। मखाना को बिहार का प्रमुख उत्पाद माना जाता है, और इससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।
पटना एयरपोर्ट का विस्तार और नई एयरपोर्ट की स्थापना
पटना एयरपोर्ट के विस्तार और बिहार के बिहटा में एक नया ब्राउनफील्ड एयरपोर्ट स्थापित करने की घोषणा की गई। यह कदम राज्य के विमानन क्षेत्र को बेहतर बनाने और अधिक घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को आकर्षित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। नए एयरपोर्ट के बनने से बिहार के हवाई यातायात में वृद्धि होगी और व्यापारिक व पर्यटन गतिविधियाँ भी बढ़ेंगी।
राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान की स्थापना
बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान (NIFTEM) की स्थापना का प्रस्ताव किया गया है। इस संस्थान का उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को मजबूत बनाना और पूर्वी भारत में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में नवाचार और विकास को बढ़ावा देना है। यह कदम बिहार में कृषि आधारित उद्योगों को प्रोत्साहित करेगा और रोजगार सृजन में भी मदद करेगा।
नवंबर में होने वाले चुनावों के बीच विशेष पैकेज
बिहार की राजनीतिक स्थिति को देखते हुए यह बजट घोषणाएँ महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं। बिहार में नीतीश कुमार की अगुवाई में JD(U) और BJP की गठबंधन सरकार है, और नवंबर में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। ऐसे में यह बजट बिहार के लिए विशेष पैकेज के रूप में देखा जा रहा है, जो चुनावी दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।
जूता, लेदर और खिलौना निर्माण के लिए नई योजनाएं: बजट 2025
जूता, लेदर और खिलौना निर्माण क्षेत्रों के लिए नई योजनाएं
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के Union Budget में जूता और लेदर क्षेत्र के लिए एक विशेष योजना की घोषणा की। यह योजना इन उद्योगों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की जाएगी। साथ ही, भारत को वैश्विक खिलौना निर्माण हब बनाने के लिए सरकार कई कदम उठाएगी। इन योजनाओं से न केवल इन क्षेत्रों का विकास होगा बल्कि भारतीय उत्पादों की वैश्विक बाजार में पहचान भी बढ़ेगी।
फुटवियर और लेदर क्षेत्र के लिए समर्पित योजना
फुटवियर और लेदर क्षेत्र के लिए सरकार द्वारा घोषित योजना का उद्देश्य इन क्षेत्रों में उत्पादन क्षमता को बढ़ाना और उन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाना है। यह योजना उद्योगों के लिए नई तकनीकों और नीतियों का समर्थन करेगी, जिससे भारत का फुटवियर और लेदर क्षेत्र वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक प्रमुख खिलाड़ी बनेगा।
भारत को खिलौना निर्माण हब बनाने की दिशा में कदम
भारत को वैश्विक खिलौना निर्माण हब बनाने के लिए सरकार ने एक व्यापक मिशन की शुरुआत की है। यह मिशन खिलौना उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देने पर केंद्रित होगा। भारत में खिलौना उत्पादन को बढ़ाने से न केवल रोजगार सृजन होगा बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनेगा। इस योजना के तहत नई तकनीकों, डिजाइन और गुणवत्तापूर्ण उत्पादों पर ध्यान दिया जाएगा।
स्वच्छ प्रौद्योगिकी निर्माण के लिए मिशन
वित्त मंत्री ने स्वच्छ प्रौद्योगिकी निर्माण के लिए भी एक मिशन की घोषणा की। यह मिशन स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से जिम्मेदार उद्योगों की वृद्धि को प्रोत्साहित करेगा। इसके तहत, सरकार विभिन्न उद्योगों को स्वच्छ प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगी, जिससे भारत के निर्माण क्षेत्र में नवाचार और स्थिरता आएगी।
निवेश का तीसरा इंजन: लोग, नवाचार और अर्थव्यवस्था
वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि निवेश का तीसरा इंजन ‘लोगों, नवाचार और अर्थव्यवस्था’ में निवेश को लेकर होगा। इस दृष्टिकोण से, सरकार का उद्देश्य विकास के नए रास्ते खोलना और भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर मजबूती से खड़ा करना है। यह पहल न केवल उद्योगों को बढ़ावा देगी, बल्कि एक स्थिर और समावेशी अर्थव्यवस्था की दिशा में भी मदद करेगी।
1 लाख करोड़ रुपये का शहरी चुनौती फंड: शहरों को विकास हब बनाने के लिए
1 लाख करोड़ रुपये का शहरी चुनौती फंड: शहरों को विकास हब बनाने के लिए
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के Union Budget में 1 लाख करोड़ रुपये के शहरी चुनौती फंड की घोषणा की। यह फंड भारत के शहरों को विकास हब में बदलने के लिए एक बड़ा कदम होगा, जिसके तहत शहरों में रचनात्मक पुनर्विकास को बढ़ावा दिया जाएगा और जल आपूर्ति एवं स्वच्छता अवसंरचना में सुधार होगा। इस फंड का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों की समग्र स्थिति को बेहतर बनाना और उनके विकास को गति देना है।
फंड के प्रमुख उद्देश्य और संरचना
शहरी चुनौती फंड का उपयोग उन बैंक योग्य परियोजनाओं के लिए किया जाएगा, जो शहरों में विकास को प्रोत्साहित करने में सहायक होंगी। इस फंड का 25 प्रतिशत हिस्सा इन परियोजनाओं की लागत को वित्तपोषित करने के लिए प्रदान किया जाएगा, और शेष 50 प्रतिशत से अधिक फंड बांड्स, बैंक लोन, या सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) के माध्यम से जुटाना होगा। सरकार ने इस योजना के लिए 2025-26 के लिए 10,000 करोड़ रुपये की प्रारंभिक राशि निर्धारित की है।
शहरी पुनर्विकास और जल स्वच्छता
शहरी चुनौती फंड के माध्यम से सरकार शहरों में रचनात्मक पुनर्विकास के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेगी, जिससे शहरों की अवसंरचना में सुधार होगा। इसके साथ ही, जल आपूर्ति और स्वच्छता के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण परिवर्तन किए जाएंगे, जिससे शहरों के नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं मिल सकेंगी।
विकास हब के रूप में शहरों का रूपांतरण
यह फंड शहरों को विकास हब के रूप में बदलने का अवसर प्रदान करेगा, जिससे न केवल शहरी जीवन में सुधार होगा बल्कि आर्थिक विकास में भी बढ़ोतरी होगी। यह स्मार्ट शहरों के निर्माण की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा, जिससे नागरिकों को बेहतर सार्वजनिक सेवाओं का लाभ मिलेगा और रोजगार सृजन में भी सहायता होगी।
सभी सरकारी स्कूलों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान होगी
सभी सरकारी स्कूलों और स्वास्थ्य केंद्रों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के Union Budget में एक अहम घोषणा की, जिसमें सभी सरकारी माध्यमिक स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। यह कदम डिजिटल साक्षरता और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने के लिए महत्वपूर्ण होगा, जिससे गांवों और दूरदराज क्षेत्रों तक बेहतर सेवाएं पहुंच सकेंगी।
ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी का महत्व:
ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के माध्यम से, छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा, डिजिटल कक्षाएं, और अन्य शैक्षिक संसाधनों तक पहुंच प्राप्त होगी। इससे सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा और छात्रों के लिए अधिक अवसर पैदा होंगे। इसके अलावा, स्वास्थ्य केंद्रों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों से रिमोट कंसल्टेशन की सुविधा मिलेगी, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं और अधिक सुलभ हो सकेंगी।
दूरदराज के क्षेत्रों में डिजिटल कनेक्टिविटी की पहुंच:
इस योजना का उद्देश्य देश के दूरदराज और पिछड़े क्षेत्रों में डिजिटल कनेक्टिविटी का विस्तार करना है। इससे उन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य, शिक्षा, और सरकारी सेवाओं का लाभ मिलेगा। यह कदम भारत में डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देने के साथ-साथ सरकारी योजनाओं और सेवाओं तक पहुंच को भी बेहतर बनाएगा।
शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार:
ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के माध्यम से, न केवल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा, बल्कि यह दोनों क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का भी विकास करेगा। डिजिटल प्लेटफॉर्मों का उपयोग करके, छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मिल सकेगी और डॉक्टरों को रोगियों की देखभाल में मदद मिलेगी। इससे भारत के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच डिजिटल खाई को कम करने में मदद मिलेगी।
स्टार्टअप्स के लिए 10,000 करोड़ रुपये का फंड स्थापित होगा
स्टार्टअप्स के लिए 10,000 करोड़ रुपये का फंड और विशेष लोन योजना
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के Union Budget में स्टार्टअप्स के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने घोषणा की कि सरकार स्टार्टअप्स के लिए एक “फंड ऑफ फंड्स” स्थापित करेगी, जिसमें 10,000 करोड़ रुपये का योगदान किया जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने पहली बार महिला, अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) उद्यमियों के लिए 2 करोड़ रुपये तक के टर्म लोन की योजना की भी घोषणा की।
स्टार्टअप्स के लिए फंड ऑफ फंड्स की स्थापना:
“फंड ऑफ फंड्स” का उद्देश्य भारतीय स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इससे स्टार्टअप्स को निवेश प्राप्त करने में आसानी होगी और वे अपने व्यवसाय को बेहतर तरीके से बढ़ा सकेंगे। 10,000 करोड़ रुपये का यह फंड स्टार्टअप्स की बुनियादी जरूरतों को पूरा करेगा, जैसे कि शोध और विकास (R&D), प्रौद्योगिकी, और विपणन में निवेश। इस फंड से निवेशकों को भी आकर्षित किया जाएगा, जिससे भारतीय स्टार्टअप्स का वैश्विक स्तर पर विस्तार संभव होगा।
महिला, SC और ST उद्यमियों के लिए लोन योजना:
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार पहली बार महिला, SC और ST उद्यमियों के लिए 2 करोड़ रुपये तक के टर्म लोन की सुविधा शुरू करेगी। इस योजना का उद्देश्य इन वर्गों के उद्यमियों को अपना व्यवसाय स्थापित करने में मदद करना है। यह योजना उद्यमियों को आवश्यक पूंजी उपलब्ध कराएगी, जिससे वे अपने स्टार्टअप्स को शुरू करने और बढ़ाने में सक्षम होंगे।
स्वतंत्रता और सशक्तिकरण के लिए कदम:
इस योजना के माध्यम से, सरकार महिलाओं और कम प्रतिनिधित्व वाले वर्गों को सशक्त बनाने का प्रयास कर रही है। इससे उन्हें न केवल पूंजी प्राप्त होगी, बल्कि वे अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में भी सक्षम होंगे। यह कदम आर्थिक समावेशिता की दिशा में महत्वपूर्ण होगा और भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्त करेगा।
उच्च उपज वाले बीजों और कपास उत्पादन के लिए मिशन
उच्च उपज वाले बीजों और कपास उत्पादन के लिए मिशन
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के Union Budget में उच्च उपज वाले बीजों के राष्ट्रीय मिशन की घोषणा की। यह मिशन भारतीय कृषि उत्पादकता को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम होगा। इसके साथ ही, पांच साल की योजनाओं के तहत कपास उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विशेष मिशन शुरू किया जाएगा। ये दोनों पहलें भारतीय कृषि को और अधिक सशक्त बनाने और किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए बनाई गई हैं।
राष्ट्रीय मिशन: उच्च उपज वाले बीजों का लक्ष्य
उच्च उपज वाले बीजों के राष्ट्रीय मिशन का उद्देश्य किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराना है, जो कृषि उत्पादन में वृद्धि करें। इस मिशन के तहत, किसानों को बेहतर बीजों की सप्लाई की जाएगी, जिससे उनके फसलों की उत्पादकता बढ़ सके। इसके साथ ही, खेती की लागत में कमी आएगी, और किसानों के पास बेहतर विकल्प होंगे।
कपास उत्पादन में वृद्धि के लिए पांच साल की योजना
वित्त मंत्री ने कहा कि कपास उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार एक पांच साल की योजना शुरू करेगी। इस मिशन का उद्देश्य कपास के उत्पादन में वृद्धि करना और किसानों को इस फसल से बेहतर लाभ दिलाना है। इस योजना के तहत, किसानों को उन्नत तकनीकों, कृषि अनुसंधान और बेहतर सिंचाई सुविधाओं का लाभ मिलेगा, जिससे कपास उत्पादन में सुधार होगा और घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कपास की मांग को पूरा किया जा सकेगा।
कृषि क्षेत्र में नए अवसर और उन्नति
इन मिशनों का उद्देश्य भारतीय कृषि को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाना और वैश्विक स्तर पर इसके प्रभाव को बढ़ाना है। उच्च उपज वाले बीजों और कपास उत्पादन की योजनाओं से किसानों को नई तकनीकों और संसाधनों का लाभ मिलेगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी और भारतीय कृषि क्षेत्र को सशक्त किया जाएगा।
बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना से उत्पादन में सुधार होगा
बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना से उत्पादन में सुधार होगा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के Union Budget में बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना की घोषणा की। यह कदम मखाना उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है। मखाना एक प्रमुख कृषि उत्पाद है, जिसे विशेष रूप से बिहार में उगाया जाता है और इसका उत्पादन देश और विदेश में उच्च मांग में है।
मखाना के उत्पादन और प्रसंस्करण में सुधार:
मखाना बोर्ड की स्थापना से मखाना उत्पादकों को प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण और हाथ में सहारा मिलेगा, जिससे उनके उत्पादन और प्रसंस्करण की क्षमता में वृद्धि होगी। मखाना की कृषि गतिविधियों से जुड़े किसान संगठन (FPOs) को भी सशक्त किया जाएगा, ताकि वे एकसाथ काम कर सकें और बेहतर संसाधनों का लाभ उठा सकें।
मूल्य संवर्धन और विपणन के अवसर:
मखाना बोर्ड का प्रमुख उद्देश्य मखाना के मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देना है। इसके तहत, किसानों को उन्नत तकनीकों के बारे में जानकारी दी जाएगी, जिससे वे अपनी उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार कर सकेंगे। इसके साथ ही, विपणन रणनीतियों को सुदृढ़ करने के लिए भी काम किया जाएगा, ताकि मखाना की बिक्री को और बढ़ाया जा सके और इसका आर्थिक लाभ अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचे।
सरकारी योजनाओं का लाभ:
मखाना बोर्ड किसानों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने में मदद करेगा। इस बोर्ड के माध्यम से, मखाना उत्पादकों को सरकार की योजनाओं, सब्सिडी और अन्य सहायता का सीधा लाभ मिलेगा, जिससे वे अपने कारोबार को और बढ़ा सकेंगे।
बिहार के लिए विशेष अवसर:
सीतारमण ने कहा कि बिहार के लिए मखाना बोर्ड एक विशेष अवसर है, क्योंकि यह राज्य मखाना उत्पादन में अग्रणी है। इससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि बिहार की कृषि अर्थव्यवस्था को भी मजबूत किया जाएगा।
मछली पालन क्षेत्र के लिए नई रूपरेखा लाएगी सरकार
मछली पालन क्षेत्र के लिए नई रूपरेखा लाएगी सरकार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के Union Budget में घोषणा की कि सरकार मछली पालन क्षेत्र के लिए एक सक्षम रूपरेखा लाएगी। यह रूपरेखा विशेष रूप से भारतीय उपमहाद्वीप के विशेष आर्थिक क्षेत्रों (EEZs) और उच्च समुद्रों में मछली पालन संसाधनों को स्थिरता प्रदान करने पर केंद्रित होगी। इस कदम का उद्देश्य भारतीय मछली पालन उद्योग के विकास को बढ़ावा देना और समुद्री संसाधनों का स्थायी उपयोग सुनिश्चित करना है।
विशेष आर्थिक क्षेत्रों (EEZs) में मछली पालन:
सीतारमण ने कहा कि मछली पालन क्षेत्र का विकास भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है और इसे सशक्त बनाने के लिए एक विस्तृत नीति रूपरेखा तैयार की जाएगी। इसके अंतर्गत, मछली पालन के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्रों में संसाधनों का प्रबंधन और संरक्षण किया जाएगा। इससे मछली पालन उद्योग को और अधिक सशक्त बनाया जाएगा और देश के समुद्री संसाधनों का अधिकतम उपयोग किया जाएगा।
उच्च समुद्रों में मछली पालन के लिए पहल:
इसके अलावा, उच्च समुद्रों में मछली पालन के लिए भी कदम उठाए जाएंगे। उच्च समुद्रों में मछली पालन का विस्तार भारतीय मछली पालन उद्योग के लिए एक बड़ी संभावना है, जो न केवल मछली उत्पादन को बढ़ाएगा बल्कि नए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करेगा।
मेक इन इंडिया कार्यक्रम के लिए नीति समर्थन:
सीतारमण ने मेक इन इंडिया कार्यक्रम को और सशक्त बनाने के लिए एक नया मिशन शुरू करने की घोषणा की। इस मिशन के तहत, छोटे, मध्यम और बड़े उद्योगों को नीति समर्थन और विस्तार की रूपरेखा मिलेगी, जिससे भारत में निर्मित उत्पादों की गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा मिलेगा।
आर्थिक वृद्धि में योगदान:
यह रूपरेखा मछली पालन और मेक इन इंडिया कार्यक्रम के लिए नए अवसरों का निर्माण करेगी और भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी। इससे न केवल रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे बल्कि भारतीय उद्योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलेगी।
भारत पोस्ट को बड़े सार्वजनिक लॉजिस्टिक्स संगठन में बदला जाएगा
भारत पोस्ट को बड़े सार्वजनिक लॉजिस्टिक्स संगठन में बदला जाएगा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के Union Budget में घोषणा की कि भारत पोस्ट को एक बड़े सार्वजनिक लॉजिस्टिक्स संगठन में परिवर्तित किया जाएगा। इस योजना के तहत, भारत पोस्ट के 1.5 लाख ग्रामीण डाकघर अब ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इससे न केवल भारतीय पोस्टल नेटवर्क की पहुंच बढ़ेगी, बल्कि ग्रामीण इलाकों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था में योगदान:
भारत पोस्ट के इस परिवर्तन से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे और व्यापारों के लिए बेहतर लॉजिस्टिक्स सेवाएं उपलब्ध होंगी। ग्रामीण पोस्ट ऑफिसों को केंद्र के रूप में कार्य करने के लिए सशक्त किया जाएगा, जिससे किसानों, व्यापारियों और छोटे उद्यमियों को माल परिवहन, वितरण और अन्य लॉजिस्टिक्स सेवाओं में आसानी होगी।
भारत पोस्ट का विस्तार और उपयोगिता:
भारत पोस्ट, जो पहले मुख्य रूप से डाक वितरण सेवा प्रदान करता था, अब एक व्यापक लॉजिस्टिक्स नेटवर्क के रूप में काम करेगा। यह एक बहु-उपयोगी संगठन बनकर उभरेगा, जो न केवल डाक सेवाएं, बल्कि पेमेंट बैंक सेवाएं, बीमा, वित्तीय सेवाएं और अन्य महत्वपूर्ण सेवाएं भी प्रदान करेगा।
नई रणनीतियाँ और विकास:
भारत पोस्ट के इस विस्तार के साथ, सरकार ग्रामीण विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाएगी। इसके तहत, पोस्ट ऑफिसों को डिजिटल और लॉजिस्टिक्स सेवाओं से जोड़कर एक समृद्ध नेटवर्क स्थापित किया जाएगा। इससे भारत के दूर-दराज के इलाकों में बुनियादी ढांचे में सुधार होगा और ग्रामीण विकास की गति तेज होगी।
भारत की आर्थिक वृद्धि में योगदान:
भारत पोस्ट के इस पुनर्निर्माण से भारतीय अर्थव्यवस्था को भी व्यापक लाभ होगा। यह न केवल ग्रामीण विकास को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि छोटे और मझोले व्यापारों के लिए नए बाजारों तक पहुंचने के अवसर भी उत्पन्न करेगा। साथ ही, इसके माध्यम से भारतीय अर्थव्यवस्था को समग्र रूप से अधिक समावेशी और सशक्त बनाने में मदद मिलेगी।
MSME क्रेडिट गारंटी कवर को 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ किया जाएगा
MSME क्रेडिट गारंटी कवर को 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ किया जाएगा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के Union Budget में MSME (माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज) के लिए क्रेडिट गारंटी कवर को 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपए करने की घोषणा की। इस निर्णय का उद्देश्य MSME क्षेत्र को और अधिक वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि इस क्षेत्र के व्यापारियों और उद्यमियों को अधिक कर्ज मिल सके। यह कदम अगले पांच वर्षों में MSME को 1.5 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त क्रेडिट उपलब्ध कराएगा।
MSME क्षेत्र के लिए बड़े लाभ:
निर्मला सीतारमण ने कहा कि MSMEs हमारे निर्यात का 45% हिस्सा प्रदान करते हैं, इसलिए उनके लिए क्रेडिट तक पहुंच बढ़ाना आवश्यक है। MSME क्षेत्र में अधिक क्रेडिट प्रवाह से यह क्षेत्र और भी सशक्त बनेगा, और इसके माध्यम से छोटे व्यवसायों को उनकी जरूरतों के अनुसार वित्तीय सहायता मिलेगी। यह निर्णय विशेष रूप से माइक्रो एंटरप्राइजेज के लिए लाभकारी होगा, जिनके पास सीमित संसाधन होते हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाने का निर्णय:
इसके अलावा, वित्त मंत्री ने Kisan Credit Card (KCC) की सीमा को भी बढ़ाने की घोषणा की। अब KCC के तहत कर्ज की सीमा 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए की जाएगी। KCC ने अब तक 7.07 करोड़ किसानों को ऋण प्रदान किया है, और अब यह कदम किसानों को और अधिक वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएगा।
MSME और कृषि क्षेत्र में विस्तार:
MSME क्षेत्र में क्रेडिट गारंटी कवर बढ़ाने से छोटे व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा, और कृषि क्षेत्र में KCC के माध्यम से किसानों को अधिक वित्तीय मदद मिलेगी। इसके अलावा, विशेष रूप से माइक्रो एंटरप्राइजेज के लिए कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड की योजना भी पेश की जाएगी, जिसमें 5 लाख रुपए तक की सीमा होगी। इससे छोटे उद्यमियों को आसानी से वित्तीय सहायता प्राप्त होगी।
आर्थिक विकास में योगदान:
MSMEs के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाने से भारतीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि होगी। MSME क्षेत्र में निवेश बढ़ने से रोजगार सृजन होगा, और छोटे व्यवसायों को लाभ होगा, जिससे देश की आर्थिक स्थिरता को मजबूत किया जाएगा। सरकार का यह कदम आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने और छोटे व्यापारियों के लिए एक मजबूत आधार तैयार करने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।
निर्मला सीतारमण ने वेजिटेबल्स, फ्रूट्स उत्पादन बढ़ाने के लिए कार्यक्रम की घोषणा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फलों और सब्जियों के उत्पादन बढ़ाने के लिए कार्यक्रम की घोषणा की
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के Union Budget में फलों और सब्जियों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए एक व्यापक कार्यक्रम की घोषणा की। इस कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल घरेलू उत्पादन में वृद्धि करना है, बल्कि किसानों को उनकी उपज के लिए उचित और लाभकारी मूल्य भी प्रदान करना है। इस पहल के माध्यम से सरकार कृषि क्षेत्र में समृद्धि और स्थिरता लाने का प्रयास कर रही है।
कार्यक्रम का उद्देश्य:
निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र में विविधता लाना है, ताकि किसान केवल पारंपरिक फसलों पर निर्भर न रहें। सब्जियों और फलों का उत्पादन बढ़ाने से न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि यह खाद्य सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेगा। सरकार इन उत्पादों के लिए मूल्य निर्धारण नीति को भी अनुकूलित करेगी, ताकि किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिल सके।
किसानों के लिए लाभकारी पहलें:
इस व्यापक कार्यक्रम में किसानों को विभिन्न लाभकारी उपायों के बारे में जानकारी दी जाएगी, जिसमें कृषि उत्पादों की गुणवत्ता सुधारने के लिए प्रशिक्षण, बेहतर तकनीक का उपयोग, और फसल सुरक्षा पर जोर दिया जाएगा। इसके अलावा, इस योजना में किसानों को फसल उत्पादकता बढ़ाने के लिए उन्नत बीजों और उर्वरकों का वितरण भी शामिल होगा।
वृद्धि और स्थिरता:
फलों और सब्जियों के उत्पादन में वृद्धि से भारतीय कृषि क्षेत्र को स्थिरता मिलेगी। इसके माध्यम से घरेलू आपूर्ति में वृद्धि होगी, जिससे देश में खाद्य वस्त्रों की कीमतों में भी स्थिरता आएगी। इसके अतिरिक्त, वैश्विक स्तर पर भारतीय कृषि उत्पादों की मांग बढ़ने की संभावना है, जिससे भारत को एक प्रमुख कृषि निर्यातक बनने का अवसर मिलेगा।
दीर्घकालिक लाभ:
निर्मला सीतारमण ने इस कार्यक्रम को दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखा। यह न केवल कृषि क्षेत्र की समृद्धि में योगदान करेगा, बल्कि यह भारत को वैश्विक कृषि उत्पादों के निर्यातक के रूप में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाएगा। सरकार का उद्देश्य भारत के कृषि क्षेत्र को हर दृष्टिकोण से आत्मनिर्भर बनाना है, ताकि यह देश की आर्थिक स्थिरता और विकास में योगदान कर सके।
निर्मला सीतारमण ने 6 साल के मिशन की घोषणा की, ‘आत्मनिर्भरता’ के लिए
निर्मला सीतारमण ने ‘आत्मनिर्भरता’ के लिए 6 साल के मिशन की घोषणा की
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के Union Budget में दालों में आत्मनिर्भरता (self-reliance) हासिल करने के लिए एक छह साल का मिशन घोषित किया। यह घोषणा दालों के उत्पादन में भारत की निर्भरता को समाप्त करने के उद्देश्य से की गई है। इस मिशन का लक्ष्य है कि अगले छह वर्षों में भारत अपनी दालों की आवश्यकता को पूरी तरह से घरेलू उत्पादन से पूरा कर सके, जिससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा को भी मजबूती मिलेगी।
आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम:
निर्मला सीतारमण ने कहा कि दालों का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार कई पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करेगी। इस मिशन का प्रमुख उद्देश्य किसानों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करना है, ताकि वे दालों की खेती को बढ़ावा दे सकें। इसके लिए, सरकार ने कई नई योजनाओं का प्रस्ताव किया है, जिसमें उर्वरक वितरण, बीज गुणवत्ता में सुधार, और सिंचाई सुविधाओं का विस्तार शामिल है।
किसानों को लाभ:
इस मिशन का सीधा लाभ किसानों को होगा, क्योंकि भारत में दालों की कीमतें अक्सर विदेशी आयातों और आपूर्ति संकट के कारण बढ़ जाती हैं। आत्मनिर्भरता हासिल करने से किसानों को एक स्थिर बाजार मिलेगा, जिससे उन्हें बेहतर मूल्य प्राप्त होगा। इसके साथ ही, किसानों की आय में भी वृद्धि होने की संभावना है, जिससे कृषि क्षेत्र में आर्थिक सुधार हो सकेगा।
प्रभाव और वैश्विक प्रभाव:
इस छह साल के मिशन का लक्ष्य सिर्फ भारत को आत्मनिर्भर बनाना नहीं है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर दालों के उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला में भारत की भूमिका को भी सशक्त करेगा। इससे भारत को दालों के प्रमुख निर्यातक के रूप में उभरने का अवसर मिलेगा, जो वैश्विक खाद्य सुरक्षा में योगदान करेगा।
बजट में अन्य कृषि संबंधित पहलें:
निर्मला सीतारमण ने इस मिशन के अलावा कृषि क्षेत्र में कई अन्य पहलें भी की हैं। इन पहलों में किसानों के लिए बेहतर ऋण सुविधाएँ, कृषि-तकनीकी उन्नति, और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए विशेष बजट आवंटन शामिल हैं। इन कदमों का उद्देश्य कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाना और किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, जिससे वे अपने उत्पादन को बढ़ा सकें।
दीर्घकालिक दृष्टिकोण:
निर्मला सीतारमण ने इस मिशन को एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण के रूप में प्रस्तुत किया, जो केवल वर्तमान की आवश्यकता को पूरा करने के लिए नहीं, बल्कि भविष्य में भारतीय कृषि को मजबूत करने और दालों के उत्पादन को आत्मनिर्भर बनाने के लिए है। यह मिशन भारतीय किसानों के लिए एक नया युग लेकर आएगा, जो कृषि क्षेत्र में समृद्धि और आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त करेगा।
भारत की अर्थव्यवस्था ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया: निर्मला सीतारमण
भारत की अर्थव्यवस्था ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया: निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के Union Budget का प्रस्तुतीकरण करते हुए भारत की अर्थव्यवस्था के बारे में महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाली है। सीतारमण ने यह भी कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत ने जो विकासात्मक सुधार किए हैं, उन्होंने वैश्विक समुदाय का ध्यान आकर्षित किया है। वित्त मंत्री ने विश्वास जताया कि आने वाले पांच वर्षों में भारत एक अद्वितीय अवसर का सामना करेगा, जिससे पूरे देश का समग्र विकास संभव होगा।
भारत की विकास यात्रा:
वित्त मंत्री ने भारत के विकास को लेकर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भारत के आर्थिक सुधारों और विकासात्मक कदमों ने दुनिया भर में इसके प्रति विश्वास को बढ़ाया है। पिछले दशक में भारत ने कई महत्वपूर्ण सुधारों की दिशा में कदम बढ़ाए हैं, जैसे डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, और GST लागू करना। इन कदमों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद की है।
भारत की वृद्धि दर और वैश्विक ध्यान:
निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर अब वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख विषय बन चुकी है। भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है और इसके भविष्य में और अधिक वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है। दुनिया भर में भारतीय बाजार और निवेश के अवसरों को लेकर रुचि बढ़ी है, और देश में कई अंतर्राष्ट्रीय कंपनियाँ निवेश करने के लिए उत्सुक हैं।
आने वाले पांच वर्षों का अवसर:
वित्त मंत्री ने आगामी पांच वर्षों को एक विशेष अवसर बताया। उन्होंने कहा कि यह समय भारत के लिए सभी क्षेत्रों के समग्र विकास को प्रोत्साहित करने का है। आने वाले समय में हर राज्य और क्षेत्र में संतुलित विकास सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे हर नागरिक को समान अवसर मिलेगा। यह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में संभव होगा, जिनके नेतृत्व में देश आर्थिक रूप से सशक्त बन रहा है।
भारत के विकास में चुनौतियाँ और अवसर:
हालांकि सीतारमण ने भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था की सराहना की, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि इसमें कई चुनौतियाँ हैं, जैसे रोजगार सृजन, वित्तीय समावेशन, और कृषि क्षेत्र में सुधार। सरकार इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए अपनी नीतियों को लगातार अनुकूलित कर रही है।
बजट का दीर्घकालिक दृष्टिकोण:
भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था और उसके वैश्विक प्रभाव को देखते हुए, वित्त मंत्री ने इसे एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण के रूप में प्रस्तुत किया। सरकार के सुधारात्मक कदम और योजनाएँ न केवल भारत के विकास को गति देंगी, बल्कि इसे एक नई दिशा भी प्रदान करेंगी।
निर्मला सीतारमण ने 2025-26 बजट के लिए GYAN का किया जिक्र
निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 में GYAN का जिक्र किया
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 का Union Budget पेश करते हुए GYAN (गरीब, युवा, अन्नदाता, और नारी शक्ति) शब्द का जिक्र किया, जो इस बजट का मुख्य उद्देश्य और दिशा स्पष्ट करता है। उनके अनुसार, यह बजट समाज के चार महत्वपूर्ण वर्गों पर केंद्रित है – गरीब, युवा, किसान और महिलाओं का सशक्तिकरण। वित्त मंत्री ने कहा कि इस बजट में विशेष रूप से इन वर्गों की भलाई के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।
GYAN का महत्व:
निर्मला सीतारमण ने GYAN को एक स्पष्ट रणनीति के रूप में प्रस्तुत किया, जिसका उद्देश्य हर वर्ग के कल्याण और विकास के लिए कार्य करना है। GYAN का मतलब है:
- गरीब (Garib): गरीब वर्ग के जीवन स्तर को सुधारने के लिए सरकार ने कई योजनाओं की घोषणा की है।
- युवा (Yuva): युवाओं के लिए रोजगार, शिक्षा, और कौशल विकास की योजनाओं को बढ़ावा दिया जाएगा।
- अन्नदाता (Annadata): किसानों के लिए आर्थिक सहायता और नई योजनाएँ बनाई जाएंगी।
- नारी शक्ति (Nari Shakti): महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए विशेष कदम उठाए जाएंगे।
मध्य वर्ग और बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित:
वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में विशेष रूप से मध्य वर्ग की जरूरतों का ध्यान रखा गया है। सरकार ने इस वर्ग के लिए टैक्स राहत और जीवन स्तर में सुधार के कदम उठाए हैं। इसके अलावा, बजट में बुनियादी ढांचे पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है, ताकि देश में विकास और समृद्धि की दिशा में तेजी लाई जा सके। नए इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स, स्मार्ट सिटी योजनाएँ, और परिवहन क्षेत्र में सुधार के लिए अतिरिक्त निवेश की बात की गई है।
कृषि और किसानों के लिए समर्थन:
2025-26 के बजट में अन्नदाता (किसान) वर्ग के लिए भी महत्वपूर्ण घोषणाएँ की गई हैं। सरकार ने कृषि के लिए वित्तीय सहायता, बीमा योजनाओं का विस्तार, और खाद्य सुरक्षा के लिए नई योजनाओं का प्रस्ताव दिया है। इन योजनाओं से किसानों को आर्थिक राहत मिलेगी और उनका जीवन स्तर बेहतर होगा।
महिलाओं का सशक्तिकरण:
इस बजट में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई नई योजनाएँ पेश की गई हैं। वित्त मंत्री ने महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए योजनाओं का ऐलान किया, ताकि महिलाएँ स्वतंत्र रूप से कारोबार चला सकें। इसके अलावा, महिलाओं के लिए रोजगार और सुरक्षा के अवसर बढ़ाए गए हैं, जिससे उन्हें समान अवसर मिल सकें।
बजट का दीर्घकालिक दृष्टिकोण:
निर्मला सीतारमण ने इस बजट में देश के समग्र विकास के लिए एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाया है। आर्थिक वृद्धि के साथ-साथ सामाजिक समरसता को भी प्राथमिकता दी गई है। GYAN शब्द के माध्यम से सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि यह बजट न केवल वर्तमान जरूरतों को पूरा करने के लिए है, बल्कि भविष्य में समृद्ध भारत के निर्माण के लिए भी है।
निर्मला सीतारमण ने आठवीं बार पेश किया बजट
निर्मला सीतारमण ने आठवीं बार पेश किया 2025 का Union Budget
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में एक ऐतिहासिक क्षण को साझा करते हुए 2025-26 का Union Budget पेश किया। यह उनका आठवां बजट था, और इस बार भी उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की हैं। इस बार का बजट भारतीय अर्थव्यवस्था के स्थिरता और विकास को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
निर्मला सीतारमण का इतिहास:
निर्मला सीतारमण, जो पहली बार 2019 में वित्त मंत्री बनी थीं, अब तक लगातार आठ बार बजट प्रस्तुत कर चुकी हैं। यह भारतीय राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए बजटों ने भारतीय अर्थव्यवस्था में कई परिवर्तन और सुधार लाए हैं। यह भी एक रिकॉर्ड है कि उन्होंने एक महिला वित्त मंत्री के रूप में इस ऐतिहासिक भूमिका को निभाया है।
2025 के बजट की प्रमुख घोषणाएँ:
इस बार के बजट में सरकार ने कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, और विज्ञान जैसे प्रमुख क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने का प्रस्ताव किया है। किसानों के लिए विशेष पैकेज, महिलाओं के लिए नए रोजगार अवसर और युवा वर्ग के लिए कौशल विकास योजनाएँ भी प्रमुख बिंदु हैं। इसके अलावा, सरकार ने आगामी समय में अर्थव्यवस्था को स्थिर करने और विकास दर को बढ़ाने के लिए कई उपायों का ऐलान किया है।
कृषि क्षेत्र में सुधार:
कृषि क्षेत्र के लिए इस बजट में सरकार ने कई योजनाओं का ऐलान किया है। इसमें किसान क्रेडिट कार्ड योजना को बढ़ावा देने के साथ-साथ कृषि आधारित उद्योगों के लिए भी सुविधाएँ बढ़ाई गई हैं। किसानों के लिए विशेष आर्थिक सहायता और राहत पैकेज भी प्रस्तुत किए गए हैं।
महिलाओं और युवाओं के लिए योजनाएँ:
महिलाओं और युवाओं के लिए यह बजट कई सकारात्मक कदम लेकर आया है। महिलाओं के लिए महिला उद्यमिता योजनाओं को बढ़ावा देने की बात की गई है, जबकि युवाओं के लिए रोजगार और शिक्षा के नए अवसर दिए जाएंगे। सरकार ने युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में प्रशिक्षित करने के लिए विशेष योजनाओं का ऐलान किया है।
अर्थव्यवस्था के लिए दीर्घकालिक योजना:
यह बजट भारतीय अर्थव्यवस्था की दीर्घकालिक स्थिरता के लिए अहम साबित होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह सुनिश्चित किया कि आगामी वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था एक मजबूत दिशा में बढ़े, साथ ही हर वर्ग को न्याय मिले।
प्रधानमंत्री मोदी का बयान: 2025 का बजट सामान्य जनता के लिए है
प्रधानमंत्री मोदी ने 2025-26 का बजट सामान्य जनता के लिए बताया
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025-26 के बजट को लेकर अहम बयान दिया है। सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी ने कहा कि यह बजट विशेष रूप से सामान्य जनता के कल्याण के लिए तैयार किया गया है। बजट में किसानों, गरीबों, महिलाओं और युवाओं के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इस बयान से साफ है कि केंद्र सरकार ने आने वाले वित्तीय वर्ष में इन वर्गों के हितों को प्राथमिकता दी है।
बजट की प्रमुख बातें:
प्रधानमंत्री मोदी के बयान के मुताबिक, 2025-26 का बजट एक समग्र दृष्टिकोण से तैयार किया गया है, जो किसानों के लिए समर्थन, गरीबों के लिए अवसर, महिलाओं के लिए सुरक्षा और युवाओं के लिए रोजगार अवसर प्रदान करेगा। सरकार का उद्देश्य ऐसे फैसले लेने का है जो आर्थिक वृद्धि के साथ-साथ समाज के सभी वर्गों के लिए समान रूप से लाभकारी हों।
किसानों के लिए प्रमुख योजनाएँ:
2025 के बजट में किसानों के लिए विशेष योजनाओं का ऐलान किया गया है। इसके तहत कृषि उत्पादों की खरीद में अधिक पारदर्शिता लाने के साथ-साथ किसानों को वित्तीय सहायता भी दी जाएगी। किसानों के लिए राहत पैकेज और फसल बीमा योजना को भी बढ़ाया जाएगा, जिससे उनके जीवनस्तर में सुधार हो सके।
महिलाओं और युवाओं के लिए कदम:
प्रधानमंत्री मोदी ने महिलाओं और युवाओं के लिए भी बजट में कई अहम घोषणाएँ की हैं। महिलाओं के लिए स्वरोजगार योजनाओं के तहत नई पहलें लाने की योजना बनाई गई है। युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने पर भी जोर दिया गया है। विशेष रूप से, कौशल विकास और नए उद्योगों के लिए समर्थन देने वाली योजनाओं पर सरकार का फोकस रहेगा।
गरीबों के लिए सुरक्षा:
2025 का बजट गरीबों के लिए आर्थिक सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। सरकार ने गरीब वर्ग के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में सुधार करने की बात की है, जिससे उनका जीवन स्तर बेहतर हो सके।
निरंतर आर्थिक विकास की दिशा में बजट का महत्व:
यह बजट केवल वर्तमान जरूरतों को पूरा करने के लिए नहीं, बल्कि लंबे समय तक देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर और मजबूत बनाने के लिए तैयार किया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बजट आर्थिक विकास को गति देने के साथ-साथ समग्र समाज के लिए एक समृद्ध भविष्य का निर्माण करेगा।
बढ़ती मध्यवर्गीय आय, विकास और निवेश पर ध्यान केंद्रित: निर्मला सीतारमण
बजट 2025: एक नई दिशा में कदम वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट 2025 को प्रस्तुत किया। यह बजट विशेष रूप से मध्यवर्गीय परिवारों की आय बढ़ाने और उनकी खर्च करने की क्षमता को बढ़ाने पर केंद्रित है। बजट में 6 प्रमुख क्षेत्रों में सुधार की योजना बनाई गई है, जिनमें कराधान, ऊर्जा, शहरी विकास, खनन, वित्तीय क्षेत्र और नियामक सुधार शामिल हैं।
मध्यवर्ग की बढ़ती ताकत निर्मला सीतारमण ने बताया कि बजट का मुख्य लक्ष्य बढ़ते मध्यवर्ग को अधिक खर्च करने योग्य बनाने का है, जिससे देश की आर्थिक वृद्धि को नया उत्साह मिलेगा। मध्यवर्ग का विकास सुनिश्चित करना भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिर और मजबूत बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सुधारों का ब्योरा बजट में घोषित सुधारों के तहत कराधान प्रणाली को सरल बनाया जाएगा और ऊर्जा क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा। शहरी विकास और खनन क्षेत्र में सुधार से रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ने की संभावना है। वित्तीय क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ाने और नियामक सुधारों के तहत नए निवेश अवसर उत्पन्न होंगे।
नवीन निवेश की संभावनाएं निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा कि बजट में नए निवेश योजनाओं की शुरुआत की जाएगी, जो न केवल भारतीय बाजार को मजबूत करेंगे, बल्कि वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करेंगे। यह कदम भारत को एक निवेश केंद्र के रूप में स्थापित करेगा।
बजट 2025 के पीछे कौन है? जानिए भारत के वित्तीय भविष्य को आकार देने वाली टीम
बजट 2025: एक ऐतिहासिक चुनौती
भारत के वित्तीय भविष्य को आकार देने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में एक अनुभवी टीम काम कर रही है। 1 फरवरी को पेश होने वाला बजट 2025 सरकार के कर, खर्च और आर्थिक वृद्धि के योजनाओं को दर्शाएगा। वित्त मंत्री के आठवें बजट के रूप में यह बजट विशेष महत्व रखता है, क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी के संकेतों का सामना कर रही है। इस बजट को तैयार करने में शामिल प्रमुख अधिकारी इस संकट के समय में आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
वित्त और राजस्व सचिव: तुहीन कांता पांडे
तुहीन कांता पांडे, जो 1987 बैच के ओडिशा कैडर के आईएएस अधिकारी हैं, को हाल ही में वित्त और राजस्व सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। उनका कार्य कर संकलन में सुधार लाना और टैक्स कटौती और प्रोत्साहनों के लिए उठाए गए कदमों का प्रबंधन करना है। पांडे ने पहले निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के सचिव के रूप में कार्य किया था और वे सरकारी विनिवेश रणनीति के प्रमुख रहे हैं। इस बार बजट में उन्हें आयकर कानूनों के सुधार की जिम्मेदारी दी गई है।
मुख्य आर्थिक सलाहकार: वी अनंथा नागेश्वरन
मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंथा नागेश्वरन, जिनके पास IIM अहमदाबाद से शिक्षा और यूएमASS से डॉक्टरेट की डिग्री है, भारत के आर्थिक सर्वेक्षण को तैयार करते हैं। उनका उद्देश्य भारत की आर्थिक स्थिति का विश्लेषण करना और वृद्धि के लिए सुझाव प्रदान करना है। उनका आर्थिक सर्वेक्षण निजी निवेश को बढ़ावा देने, उद्यमिता को प्रोत्साहित करने, और वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत की वृद्धि को समर्थन देने पर केंद्रित होगा।
वित्तीय सेवाओं के सचिव: एम नगराजू
एम नगराजू, एक 1993 बैच के त्रिपुरा कैडर के आईएएस अधिकारी हैं, और वित्तीय सेवाओं विभाग के सचिव हैं। उनका कार्य वित्तीय क्षेत्र में सुधार लाना और डिजिटल सेवाओं के माध्यम से वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना है। वे पहले कोयला मंत्रालय में कार्य कर चुके हैं और निजी क्षेत्र को कोयला उद्योग में भाग लेने के लिए प्रेरित किया था। अब वे भारत के बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं को मजबूत करने में जुटे हुए हैं।
निर्मला सीतारमण की साड़ी का खास कनेक्शन
बजट डे पर खास साड़ी का चुनाव
बजट 2025 के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक सफेद साड़ी पहनी, जिसमें सुनहरे बॉर्डर के साथ काले रंग की मधुबनी कलाकृतियां बनी हुई थीं। इस साड़ी को बिहार की प्रसिद्ध मधुबनी चित्रकार दुलारी देवी ने उपहार में दिया था।
दुलारी देवी और मधुबनी कला
दुलारी देवी, जो 2021 में पद्मश्री से सम्मानित हुई थीं, दो प्रमुख मधुबनी चित्रकला शैलियों – ‘कचनी’ (रेखांकन) और ‘भरनी’ (रंगीन चित्रण) में माहिर हैं। उन्होंने वित्त मंत्री से अनुरोध किया था कि वह इस साड़ी को बजट पेश करते समय पहनें।
हथकरघा और पारंपरिक साड़ियों के प्रति प्रेम
निर्मला सीतारमण ने बजट प्रस्तुतिकरण के दौरान हमेशा भारतीय पारंपरिक हथकरघा साड़ियों को प्राथमिकता दी है।
✅ 2019 में उन्होंने आंध्र प्रदेश की मंगलगिरि साड़ी पहनी थी।
✅ 2020 में उन्होंने पीली साड़ी पहनी, जो नए आरंभ और समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है।
✅ 2021 में उन्होंने तेलंगाना के पोचमपल्ली गांव की प्रसिद्ध पोचमपल्ली साड़ी पहनी थी।
भारतीय परंपरा को बढ़ावा देने की पहल
सीतारमण का यह साड़ी चयन केवल एक फैशन स्टेटमेंट नहीं है, बल्कि यह भारतीय हथकरघा उद्योग और पारंपरिक कलाओं के प्रति उनके समर्थन को दर्शाता है। इससे न केवल भारतीय बुनकरों को प्रोत्साहन मिलता है, बल्कि देश की सांस्कृतिक विरासत को भी वैश्विक मंच पर पहचान मिलती है।
बजट 2025: क्या मध्य वर्ग को कर राहत मिलेगी?
बजट 2025 की घोषणा से पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में ‘मध्य वर्ग, गरीब और महिलाओं’ के लिए आर्थिक सुधारों के संकेत दिए। इस बार का बजट इन वर्गों को कर राहत देने और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत करने पर केंद्रित हो सकता है।
मध्य वर्ग के लिए नई कर नीति
सूत्रों के अनुसार, नई कर नीति में निम्नलिखित बदलाव देखे जा सकते हैं:
✅ ₹15 लाख से ₹18 लाख की वार्षिक आय पर 25% कर दर लागू हो सकती है।
✅ ₹18 लाख से अधिक की आय पर 30% कर लागू हो सकता है।
✅ कर छूट सीमा ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख की जा सकती है।
✅ राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) में व्यक्तिगत योगदान पर कर छूट मिल सकती है।
प्रधानमंत्री आवास योजना का विस्तार
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने घोषणा की कि प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) को तीन करोड़ और परिवारों तक विस्तारित किया जाएगा। यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS), निम्न आय वर्ग (LIG) और मध्यम आय वर्ग (MIG-I) के लिए किफायती आवास प्रदान करती है।
महिला सशक्तिकरण के लिए नई योजनाएं
प्रधानमंत्री मोदी के भाषण में महिलाओं के लिए नई योजनाओं के संकेत भी मिले। बजट 2025 में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए विशेष योजनाएं शुरू की जा सकती हैं।
बजट 2025: जनता को क्या मिलेगा?
अगर प्रस्तावित कर सुधार और योजनाएं लागू होती हैं, तो इससे मध्य वर्ग, गरीब और महिलाओं को राहत मिलेगी। आयकर में छूट मिलने से लोगों की क्रय शक्ति बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा।
आख़िर तक – एक नज़र में
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट 2025-26 पेश करने वाली हैं।
- मिडिल क्लास को टैक्स में राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
- रिपोर्ट्स के अनुसार, टैक्स छूट की सीमा बढ़कर ₹10 लाख हो सकती है।
- सरकार को इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश और वित्तीय घाटे को भी संतुलित करना होगा।
- यह बजट अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
बजट 2025 और मिडिल क्लास की उम्मीदें
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2025-26 का आम बजट पेश करने जा रही हैं। इस बजट से मिडिल क्लास को राहत मिलने की उम्मीद की जा रही है, क्योंकि जीडीपी वृद्धि दर 6.4% तक सीमित हो सकती है और महंगाई की मार जारी है।
संभावित टैक्स सुधार
विशेषज्ञों के अनुसार, सरकार इस बार आयकर छूट की सीमा को ₹10 लाख तक बढ़ा सकती है। इसके अलावा, ₹15-20 लाख की आय वालों के लिए 25% का नया टैक्स स्लैब लागू करने की भी संभावना है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश जारी रहेगा
बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए भारी निवेश की संभावना है। सरकार अपने कुल खर्च का 23% पहले ही पूंजीगत व्यय के लिए आवंटित कर चुकी है, और इस बार रेलवे और रक्षा क्षेत्र में भी बड़े निवेश की उम्मीद है।
वित्तीय घाटा: एक चुनौती
फिलहाल सरकार का वित्तीय घाटा ₹9.14 लाख करोड़ है, जो वार्षिक लक्ष्य का 56.7% है। सरकार इसे 4.9% तक लाने की योजना बना रही है, लेकिन यह आसान नहीं होगा।
कौन-कौन से सेक्टर होंगे फोकस में?
- रेलवे: ₹1 लाख करोड़ के निवेश की उम्मीद।
- रक्षा: ₹6 लाख करोड़ का बजट मिल सकता है।
- कृषि: किसान कल्याण और ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए ₹1.35 से ₹1.4 लाख करोड़ का आवंटन संभव।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- मिडिल क्लास को टैक्स में छूट मिलने की संभावना है।
- इंफ्रास्ट्रक्चर और रक्षा क्षेत्रों में निवेश पर जोर रहेगा।
- वित्तीय घाटे को नियंत्रित रखना सरकार के लिए चुनौती होगी।
- बजट से अर्थव्यवस्था को संतुलित करने की उम्मीद है।
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