ट्रूडो: “मैं एक Zionist हूँ”

आख़िर तक
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ट्रूडो: "मैं एक Zionist हूँ"

आख़िर तक – एक नज़र में

  • कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खुद को Zionist बताया, जिससे विवाद हो गया।
  • ट्रूडो ने antisemitism की निंदा की और Zionist शब्द को अपमानजनक तरीके से इस्तेमाल करने की आलोचना की।
  • कनाडा में इजरायल के दूतावास ने ट्रूडो के समर्थन की सराहना की है।
  • UN मानवाधिकार विशेष दूत फ्रांसेस्का अल्बानीस ने Zionist विचारधारा की आलोचना की।
  • सोशल मीडिया पर ट्रूडो के बयान पर तीखी प्रतिक्रियाएं आई हैं।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के Zionist होने के बयान से राजनीतिक माहौल गरमा गया है। राष्ट्रीय मंच पर antisemitism का मुकाबला करने के लिए बोलते हुए, ट्रूडो ने कहा, “कनाडा में किसी को भी खुद को Zionist कहने से डरना नहीं चाहिए।” इस बयान के बाद कई तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं हैं।

antisemitism पर ट्रूडो का कड़ा रुख

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ट्रूडो ने antisemitism की बढ़ती घटनाओं की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि Zionist शब्द का इस्तेमाल अपमानजनक तरीके से किया जा रहा है, जो कि गलत है। ट्रूडो ने जोर देकर कहा कि Zionist होने का मतलब है कि यहूदी लोगों को भी अपना भविष्य तय करने का अधिकार है, जैसे कि अन्य सभी लोगों को है। उन्होंने कहा, “antisemitism के प्रति बढ़ती उदासीनता सामान्य नहीं है।” ट्रूडो का यह बयान कनाडा में यहूदी समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश था।

इजरायल के दूतावास की प्रशंसा

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कनाडा में इजरायल के दूतावास ने ट्रूडो के बयान की प्रशंसा की है। दूतावास ने कहा कि यह विशेष रूप से ऐसे समय में महत्वपूर्ण है जब antisemitism की घटनाएं बढ़ रही हैं। दूतावास ने सोशल मीडिया पर लिखा, “हम प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस बयान की गहराई से सराहना करते हैं कि ‘कनाडा में किसी को भी खुद को Zionist कहने से डरना नहीं चाहिए’ और Zionist के रूप में उनकी स्पष्ट पहचान – खासकर कनाडा और दुनिया भर में यहूदियों के लिए ऐसे बुरे समय में।” इजरायल के दूतावास ने कनाडा में antisemitism के खिलाफ ठोस कदम उठाने का आग्रह किया है।

UN की आलोचना

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार के विशेष दूत फ्रांसेस्का अल्बानीस ने ट्रूडो के Zionist होने के बयान की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि Zionist विचारधारा फिलिस्तीनी आत्मनिर्णय को कमजोर करती है। अल्बानीस ने लिखा, “antisemitism, सभी नस्लवाद की तरह, घृणित है और एक कानूनी और नैतिक कर्तव्य के रूप में लड़ा जाना चाहिए। लेकिन इसका विरोध करने का मतलब दूसरों के अधिकारों को अनदेखा करना नहीं होना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि कनाडा को फिलिस्तीनी आत्मनिर्णय का समर्थन करना चाहिए, न कि उसे बाधित करना चाहिए। ऐसा करने में विफलता के अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत कानूनी परिणाम हो सकते हैं।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया

ट्रूडो के बयान पर सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रियाएं आई हैं। एक उपयोगकर्ता ने लिखा, “वह खुद को रंगभेद कानूनों पर गर्व करने वाला, इजरायल के अवैध कब्जे पर गर्व करने वाला, उनके नरसंहार पर गर्व करने वाला घोषित कर सकते हैं।” एक अन्य उपयोगकर्ता ने टिप्पणी की, “कार्यालय में अपने अंतिम दिनों में यह टिप्पणी उनकी विरासत होगी,” जबकि एक अन्य ने लिखा, “कोई टिप्पणी नहीं, केवल मतली।” सोशल मीडिया पर ट्रूडो के बयान को लेकर कई तरह के नकारात्मक कमेंट देखने को मिले हैं।

पहले भी Zionist का समर्थन

यह पहली बार नहीं है जब ट्रूडो ने Zionist विचारधारा का समर्थन किया है। पिछले साल भी उन्होंने कहा था कि “Zionist कोई गंदा शब्द नहीं है।” ट्रूडो ने इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के स्थायी समाधान के लिए दो-राज्य समाधान की वकालत की थी।

ट्रूडो का राजनीतिक भविष्य

ट्रूडो, जिन्होंने 2013 से लिबरल पार्टी का नेतृत्व किया है और 2015 से प्रधान मंत्री के रूप में सेवा की है, ने जनवरी में घोषणा की कि वे पद छोड़ देंगे, निराशाजनक मतदान संख्या और आंतरिक पार्टी असंतोष का हवाला देते हुए। ट्रूडो के Zionist होने के बयान से उनकी राजनीतिक विरासत पर और असर पड़ सकता है।

आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  • जस्टिन ट्रूडो ने खुद को Zionist बताया, जिससे कनाडा में विवाद हो गया।
  • ट्रूडो ने antisemitism की निंदा की और Zionist शब्द के गलत इस्तेमाल की आलोचना की।
  • इजरायल के दूतावास ने ट्रूडो के समर्थन की सराहना की।
  • UN मानवाधिकार विशेष दूत ने Zionist विचारधारा की आलोचना की।
  • सोशल मीडिया पर ट्रूडो के बयान पर तीखी प्रतिक्रियाएं आईं, जिससे राजनीतिक माहौल और गरमा गया।

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आख़िर तक मुख्य संपादक
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