आख़िर तक – एक नज़र में
- डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रंप का दावा किया कि उनके प्रशासन ने भारत-पाक संघर्ष रोका।
- उन्होंने कहा, व्यापार दबाव का इस्तेमाल कर संभावित परमाणु युद्ध टाला गया।
- ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच पूर्ण युद्धविराम कराने का श्रेय लिया।
- उन्होंने कहा, व्यापार जारी रखने की शर्त पर दोनों देश पीछे हटे।
- हालांकि, भारत सरकार के सूत्रों ने व्यापार चर्चाओं के दावे का खंडन किया है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा ट्रंप का दावा किया है। उन्होंने कहा कि उनके प्रशासन ने भारत और पाकिस्तान के बीच एक संभावित परमाणु युद्ध को टालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ट्रंप के अनुसार, उनकी कूटनीति और व्यापार दबाव की नीति ने इसे संभव बनाया। उन्होंने यह भी कहा कि उनके प्रशासन ने दोनों देशों के बीच “पूर्ण और तत्काल युद्धविराम” कराया।
ट्रंप का युद्धविराम कराने का दावा
ट्रंप ने विस्तार से बताया कि कैसे उन्होंने कथित तौर पर स्थिति को संभाला। उन्होंने कहा, “मेरे प्रशासन ने भारत और पाकिस्तान के बीच एक पूर्ण और तत्काल युद्धविराम कराने में मदद की, मुझे लगता है कि यह स्थायी है, जिससे बहुत सारे परमाणु हथियारों वाले दो राष्ट्रों का खतरनाक संघर्ष समाप्त हुआ।” ट्रंप ने अपने दृष्टिकोण को स्पष्ट करते हुए कहा कि उन्होंने व्यापार को एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा, “मैंने कहा, चलो हम आप लोगों के साथ बहुत सारा व्यापार करेंगे इसलिए इसे रोकें। इसे रोकें और हम व्यापार करेंगे। यदि आप इसे नहीं रोकते हैं, तो हम कोई व्यापार नहीं करेंगे।” यह ट्रंप का दावा उनके प्रशासन की भूमिका पर जोर देता है।
व्यापार दबाव की रणनीति
ट्रंप ने इस बात पर जोर दिया कि व्यापार भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने के प्रमुख कारणों में से एक था। उन्होंने कहा कि भारत के साथ व्यापार वार्ता चल रही है। ट्रंप ने कहा, “उन्होंने कई कारणों से ऐसा किया। लेकिन व्यापार एक बड़ा कारण है। हम पाक और भारत दोनों के साथ बहुत सारा व्यापार करने जा रहे हैं। हम अभी भारत के साथ बातचीत कर रहे हैं। हम जल्द ही पाक के साथ बातचीत करेंगे।” पूर्व राष्ट्रपति का यह बयान व्यापार को कूटनीति के केंद्र में रखता है।
भारत सरकार का खंडन
हालांकि, ट्रंप के दावों के विपरीत, भारत सरकार के सूत्रों ने इंडिया टुडे टीवी को अलग जानकारी दी। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के बीच हुई बातचीत में कोई व्यापार चर्चा नहीं हुई। इसी तरह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के बीच हुई बातचीत में भी व्यापार का उल्लेख नहीं किया गया था। यह खंडन ट्रंप का दावा पर सवाल खड़े करता है।
‘परमाणु युद्ध’ टालने का दावा
ट्रंप ने आगे दावा किया कि अमेरिका ने एक संभावित परमाणु संघर्ष को रोका। उन्होंने कहा, “हमने एक परमाणु संघर्ष को रोका। मुझे लगता है कि यह एक बुरा परमाणु युद्ध हो सकता था। लाखों लोग मारे जा सकते थे, इसलिए मुझे इस पर बहुत गर्व है।” यह ट्रंप का दावा घटना की गंभीरता को रेखांकित करता है, जैसा कि वह इसे देखते हैं।
दोनों देशों के नेतृत्व की प्रशंसा
अपने दावों के साथ, ट्रंप ने दोनों देशों के नेतृत्व की प्रशंसा भी की। उन्होंने कहा, “मुझे आपको यह बताते हुए बहुत गर्व हो रहा है कि भारत और पाकिस्तान का नेतृत्व अटूट, शक्तिशाली था – लेकिन दोनों ही मामलों में अटूट था। वे स्थिति की गंभीरता को पूरी तरह से जानने और समझने की ताकत, ज्ञान और दृढ़ता रखने के दृष्टिकोण से वास्तव में थे।”
युद्धविराम या समझ?
ट्रंप की यह टिप्पणी उनके द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की घोषणा के कुछ दिनों बाद आई है। उन्होंने यह घोषणा दोनों देशों द्वारा इस मामले पर टिप्पणी करने से पहले ही कर दी थी। हालांकि, भारत ने ‘युद्धविराम’ शब्द का इस्तेमाल करने से परहेज किया। सरकारी सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि यह सभी सैन्य कार्रवाइयों को रोकने के लिए एक ‘समझ’ है। इसका कारण यह है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है। यह ट्रंप का दावा और भारत के रुख के बीच अंतर को दर्शाता है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- डोनाल्ड ट्रंप का दावा है कि उन्होंने भारत-पाक परमाणु युद्ध को रोका।
- उन्होंने कहा कि व्यापार दबाव का इस्तेमाल कर पूर्ण युद्धविराम कराया गया।
- अमेरिकी प्रशासन की मध्यस्थता से लाखों जानें बचीं, ऐसा ट्रंप ने कहा।
- भारतीय सूत्रों ने महत्वपूर्ण बैठकों में व्यापार चर्चा के दावे का खंडन किया है।
- भारत इसे ‘युद्धविराम’ नहीं, बल्कि सैन्य कार्रवाई रोकने की ‘समझ’ मानता है।
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