यूएस कैंप: पगड़ी कूड़ेदान में, यातना | Aakhir Tak

आख़िर तक
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यूएस कैंप: पगड़ी कूड़ेदान में, यातना | Aakhir Tak

आख़िर तक – एक नज़र में

  • अमेरिका से डिपोर्ट किए गए युवक ने बयां की आपबीती, यूएस कैंप में हुई यातना।
  • युवक ने बताया, उसकी पगड़ी को कूड़ेदान में फेंका गया और उसे जंजीरों से बांधकर रखा गया।
  • 50 लाख रुपये देकर अमेरिका जाने की कोशिश की, एजेंट ने धोखा दिया।
  • कुल 112 अवैध आप्रवासियों को अमेरिका से अमृतसर डिपोर्ट किया गया।
  • पीड़ित अब भारत में नौकरी ढूंढने और कभी विदेश न जाने की बात कह रहा है।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

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अमृतसर: अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 23 वर्षीय युवक जतिंदर सिंह ने एक भयावह कहानी सुनाई है। उसने बताया कि अमेरिका के डिटेंशन कैंप में उसे यातना दी गई। यह यातना उसे अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश करने पर दी गई थी। रविवार को 111 अन्य लोगों के साथ उसे अमृतसर डिपोर्ट कर दिया गया।

डिटेंशन कैंप में यातना:

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जतिंदर सिंह ने डिटेंशन कैंप में बिताए दो हफ्तों का दर्दनाक अनुभव साझा किया। उसने आरोप लगाया कि उसे प्रताड़ित किया गया और उसे उचित भोजन तक नहीं दिया गया। जतिंदर ने बताया कि अमेरिकी सेना ने उसकी पगड़ी (दस्ता) को जबरदस्ती उतरवाकर कूड़ेदान में फेंक दिया। यह घटना उसके लिए बेहद अपमानजनक थी।

बेरोजगारी और बेहतर भविष्य की तलाश:

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जतिंदर सिंह ने बताया कि अमृतसर में रोजगार के अवसरों की कमी के कारण वह विदेश में बसना चाहता था। वह अपने परिवार का भरण-पोषण करना चाहता था। उसने यह भी आरोप लगाया कि उसे लगभग 36 घंटे तक जंजीरों में बांधकर रखा गया। यह उस अमेरिकी सैन्य विमान में हुआ जो उसे और 111 अन्य अवैध भारतीयों को अमृतसर वापस लाया था।

पगड़ी का अपमान:

जतिंदर ने बताया, “27 नवंबर को अमेरिका की सीमा में प्रवेश करते हुए पकड़े जाने के बाद मुझे दो सप्ताह के लिए डिटेंशन कैंप भेजा गया। मैंने 12 सितंबर को घर छोड़ा था। डिटेंशन कैंप में, उन्होंने मेरे विरोध के बावजूद मेरी पगड़ी उतरवाई। उन्होंने कहा कि यह उनका नियम है और पगड़ी को कूड़ेदान में फेंक दिया।” यह घटना सिख समुदाय के लिए गहरी चिंता का विषय है।

खराब खाना और अमानवीय व्यवहार:

उसने आगे बताया कि अमेरिकी सेना ने एयर कंडीशनर को कम तापमान पर चालू कर दिया और हीटर की शक्ति बढ़ा दी, जिसके परिणामस्वरूप उसकी त्वचा सूख गई। जतिंदर ने कहा, “मुझे वहां ठीक से खाना भी नहीं मिला। वे मुझे दिन में दो बार सिर्फ लेज़ चिप्स और फ्रूटी जूस देते थे।” यह अमानवीय व्यवहार उसे और भी परेशान कर रहा था।

एजेंट का धोखा:

जतिंदर सिंह ने बताया कि नवंबर 2024 में वह अपने दोस्तों की सलाह पर एक एजेंट के संपर्क में आया और उसे 50 लाख रुपये दिए। एजेंट ने उसे अमेरिका ले जाने का वादा किया था। “मेरे परिवार ने अपनी सारी जमीन (1.3 एकड़) बेच दी और मैंने एजेंट को 22 लाख रुपये अग्रिम दिए। मैंने अपनी दो विवाहित बहनों के गहने भी बेच दिए और एजेंट को बाकी रकम चुकाई,” उसने कहा।

खतरनाक यात्रा:

एजेंट ने उसे बताया कि वह पहले पनामा के जंगलों को तीन दिनों तक कवर करके और मैक्सिको के लिए एक विमान में सवार होकर अमेरिका में प्रवेश करेगा। वहां से वह तिजुआना से अमेरिकी सीमा में प्रवेश करेगा। जतिंदर सिंह ने बताया कि पनामा के जंगल बहुत घने थे और उसने अवैध आप्रवासियों के शव देखे, जो एक “निराशाजनक” दृश्य था। एजेंट ने उसे बीच रास्ते में ही धोखा दे दिया।

जंजीरों में कैद:

जतिंदर सिंह ने दावा किया कि उसे अमेरिकी सैन्य विमान में जंजीरों में रखा गया था। उसने जोर देकर कहा कि पुरुषों और बच्चों को 36 घंटे की उड़ान के दौरान संयमित नहीं किया गया था। “मेरे हाथों में हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां डाली गई थीं। हमें भोजन और वॉशरूम तक पहुंच से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ा। उड़ान उतरने से 10 मिनट पहले उन्होंने हमारी बेड़ियां खोलीं,” उसने कहा।

डिपोर्टेशन और भविष्य की योजना:

जतिंदर ने कहा कि अब वह भारत में नौकरी ढूंढेगा और कभी विदेश नहीं जाएगा। अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीय आप्रवासियों के साथ व्यवहार को लेकर चिंताएं इस महीने की शुरुआत में तेज हो गईं। 5 फरवरी को 104 डिपोर्टियों को लेकर एक अमेरिकी वायु सेना का विमान अमृतसर में उतरा। उनमें से कुछ ने कहा कि उन्हें उड़ान की अवधि के लिए उनकी कलाई और टखनों पर हथकड़ी से बांधा गया था और भारत पहुंचने के बाद ही उन्हें मुक्त किया गया था।

अवैध आप्रवासियों का डिपोर्टेशन:

रविवार को अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरे 112 डिपोर्टियों में से 44 हरियाणा, 33 गुजरात, 31 पंजाब, दो उत्तर प्रदेश और एक-एक उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश से थे। शनिवार देर रात, 116 अवैध भारतीय आप्रवासियों को लेकर एक दूसरा अमेरिकी सैन्य विमान अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा। डिपोर्ट किए गए लोगों में पुरुषों ने दावा किया कि उन्हें पूरी उड़ान के दौरान जंजीरों में रखा गया था और सिख युवाओं के सिर पर कथित तौर पर पगड़ी भी नहीं थी, जिसकी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने निंदा की थी।

इन 116 डिपोर्टियों में से 65 पंजाब, 33 हरियाणा, आठ गुजरात, दो-दो उत्तर प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र और राजस्थान से थे, और एक-एक हिमाचल प्रदेश और जम्मू और कश्मीर से थे। अमेरिका ने अब तक सभी तीन उड़ानों में कुल 332 अवैध भारतीय आप्रवासियों को डिपोर्ट किया है। यह मामला भारत और अमेरिका के संबंधों में एक चिंता का विषय बन गया है।

आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  • अमेरिका से डिपोर्ट किए गए युवक ने डिटेंशन कैंप में यातना का दर्द बयां किया।
  • युवक ने बताया कि उसकी पगड़ी को कूड़ेदान में फेंका गया, जो सिख समुदाय के लिए अपमानजनक है।
  • उसने एजेंट को 50 लाख रुपये दिए, लेकिन एजेंट ने उसे धोखा दिया।
  • कुल 332 अवैध आप्रवासियों को अमेरिका से डिपोर्ट किया गया है।
  • पीड़ित अब भारत में नौकरी ढूंढेगा और कभी विदेश न जाने की बात कह रहा है। यह घटना अवैध आप्रवासन के खतरे को दर्शाती है।

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आख़िर तक मुख्य संपादक
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