यूएसएआईडी फंडिंग: भारत या बांग्लादेश? भाजपा-कांग्रेस में तकरार

आख़िर तक
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यूएसएआईडी फंडिंग: भारत या बांग्लादेश? भाजपा-कांग्रेस में तकरार

आख़िर तक – एक नज़र में

  • यूएसएआईडी की 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग को लेकर भाजपा और कांग्रेस में छिड़ी जंग।
  • रिपोर्ट में दावा किया गया कि फंडिंग भारत के बजाय बांग्लादेश के लिए थी।
  • भाजपा ने रिपोर्ट को झूठा बताया, कांग्रेस ने भाजपा पर तथ्यों को सत्यापित न करने का आरोप लगाया।
  • विवाद का केंद्र बिंदु इंडियन एक्सप्रेस की जांच रिपोर्ट है।
  • रिपोर्ट में 2008 के बाद भारत में चुनाव संबंधी किसी भी परियोजना के लिए यूएसएआईडी अनुदान आवंटित नहीं होने का दावा किया गया है।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

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यूएसएआईडी फंडिंग को लेकर भारत में राजनीतिक पारा चढ़ गया है। भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। डोनाल्ड ट्रम्प के एक बयान के बाद यह मामला और भी गंभीर हो गया है। ट्रम्प ने संकेत दिया था कि 2024 के लोकसभा चुनावों में हस्तक्षेप के लिए यूएसएआईडी फंडिंग का इस्तेमाल किया जा सकता है।

रिपोर्ट का दावा

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एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यूएसएआईडी की 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग “वोटर टर्नआउट” के लिए बांग्लादेश को दी गई थी, न कि भारत को। इस रिपोर्ट के बाद भाजपा और कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया है। यूएस प्रशासन द्वारा रद्द किए गए यूएसएआईडी अनुदान ने राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है।

कांग्रेस का आरोप

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कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भाजपा पर तथ्यों को सत्यापित किए बिना विपक्ष पर आरोप लगाने का आरोप लगाया। उन्होंने भाजपा को “राष्ट्रविरोधी” करार दिया। खेड़ा ने कहा कि भाजपा लंबे समय तक विपक्ष में रही है और उसने कांग्रेस सरकारों को अस्थिर करने के लिए बाहरी ताकतों से “प्रत्यक्ष मदद” ली है। उन्होंने ट्वीट किया, “क्या भाजपा के लिए तथ्यों को सत्यापित किए बिना विपक्ष पर उंगली उठाना और यह महसूस किए बिना कि भाजपा सबसे लंबे समय तक विपक्ष में रही है और समय-समय पर सरकारों को अस्थिर करने के लिए बाहरी ताकतों से प्रत्यक्ष और अनैतिक मदद ली है, राष्ट्रविरोधी नहीं है?”

खेड़ा ने कहा कि अगर अनुदान वास्तव में भारत को दिया गया था, तो यह भाजपा के मुंह पर तमाचा है। उन्होंने सवाल किया, “अजीत डोभाल, आईबी और रॉ कहां हैं? अगर 21 मिलियन अमरीकी डॉलर आपके देश में आ सकते हैं, तो यह उनके (भाजपा के) मुंह पर तमाचा है। बाद में उन्होंने अपना बयान बदल दिया और कहा कि पैसा 2012 में आया था। क्या उन्होंने उस पैसे से 2014 का चुनाव जीता?”

कांग्रेस के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने भी खेड़ा का समर्थन करते हुए कहा कि रिपोर्ट ने भाजपा के झूठ को उजागर कर दिया है और पार्टी से माफी मांगने की मांग की है।

भाजपा का पलटवार

भाजपा ने रिपोर्ट में किए गए दावों को खारिज कर दिया है। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि रिपोर्ट ने 2012 में एस वाई कुरैशी के तहत चुनाव आयोग और इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टोरल सिस्टम्स (आईएफईएस) के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओयू) को दरकिनार कर दिया है। मालवीय ने कहा कि आईएफईएस अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि सोरोस के संगठन को मुख्य रूप से यूएसएआईडी द्वारा वित्त पोषित किया जाता है। मालवीय ने ट्वीट किया, “उनकी रिपोर्ट बाद में 2014 से शुरू होने वाली विभिन्न श्रेणियों के तहत भारत की चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने के उद्देश्य से फंडिंग पर भी चुप है।”

मालवीय ने कहा कि कांग्रेस की त्वरित प्रतिक्रिया से उसकी हताशा का पता चलता है। इससे यह “तेजी से स्पष्ट” हो गया है कि यूपीए ने भारत के हितों के खिलाफ काम करने वाली ताकतों द्वारा “भारत के संस्थानों में घुसपैठ” को सक्षम किया।

आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  • यूएसएआईडी की फंडिंग को लेकर भाजपा और कांग्रेस में तकरार।
  • कांग्रेस ने भाजपा पर तथ्यों को सत्यापित न करने का आरोप लगाया।
  • भाजपा ने रिपोर्ट को झूठा बताया।
  • रिपोर्ट में बांग्लादेश को फंडिंग देने का दावा।
  • विवाद का केंद्र बिंदु इंडियन एक्सप्रेस की जांच रिपोर्ट।

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आख़िर तक मुख्य संपादक
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