वक्फ बिल: कैबिनेट की मंजूरी, सुधारों की राह खुली | Aakhir Tak

आख़िर तक
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वक्फ बिल: कैबिनेट की मंजूरी, सुधारों की राह खुली | Aakhir Tak

आख़िर तक – एक नज़र में

  • केंद्रीय कैबिनेट ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को मंजूरी दे दी है।
  • यह निर्णय संसदीय समिति की रिपोर्ट पर आधारित है, जिसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन करना है।
  • विधेयक में राज्य वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने का प्रस्ताव है।
  • विधेयक वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण को सुव्यवस्थित करने का प्रयास करता है, जिससे प्रबंधन में पारदर्शिता आएगी।
  • विधेयक को बजट सत्र के दूसरे भाग में पेश किया जाएगा।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी संसद में 13 फरवरी को पेश संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट पर आधारित है। सूत्रों के अनुसार, मंत्रिमंडल ने 19 फरवरी को हुई बैठक में विधेयक में संशोधन को मंजूरी दी। यह वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार लाने का एक महत्वपूर्ण कदम है।

सदन में विपक्ष के हंगामे के बीच रिपोर्ट को लोकसभा और राज्यसभा दोनों में पेश किया गया था, जिसके कारण सदन की कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित भी करनी पड़ी। विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि जेपीसी की रिपोर्ट से उनके असहमति नोटों को हटा दिया गया है, लेकिन केंद्र सरकार ने इस आरोप को खारिज कर दिया। सरकार वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन के लिए प्रतिबद्ध है।

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सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले सप्ताह रिपोर्ट को मंजूरी दे दी, जिससे विधेयक को पेश करने का मार्ग प्रशस्त हो गया। इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण को सुव्यवस्थित करना है। इसे बजट सत्र के दूसरे भाग में पेश किया जाएगा, जो 10 मार्च से शुरू होने वाला है। यह वक्फ संपत्तियों से जुड़े मामलों को हल करने में मदद करेगा।

भाजपा नेता जगदंबिका पाल के नेतृत्व वाली जेपीसी ने विपक्ष के असहमत होने के बावजूद कानून में कई संशोधन का सुझाव दिया था। जनवरी में, संसदीय समिति ने सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के सदस्यों द्वारा प्रस्तावित वक्फ बिल के सभी संशोधनों को अपनाया और विपक्ष के सदस्यों द्वारा सुझाए गए हर बदलाव को खारिज कर दिया।

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44 संशोधनों में से 14 बदलाव एनडीए के सदस्यों द्वारा सुझाए गए थे, जिनमें से सभी को मतदान के बाद पैनल द्वारा स्वीकार कर लिया गया। यह दर्शाता है कि सरकार वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार करने के लिए सक्रिय है।

वक्फ बिल क्या है?

वक्फ (संशोधन) विधेयक वक्फ बोर्डों के शासन का एक संपूर्ण नवीनीकरण प्रस्तावित करता है। वक्फ बोर्ड मुस्लिम समुदाय द्वारा धार्मिक और धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए दान की गई संपत्तियों की देखरेख करते हैं। प्रस्तावित बदलावों से इन संपत्तियों का प्रबंधन और बेहतर होगा।

विधेयक के प्रमुख प्रावधानों में राज्य वक्फ बोर्डों में कम से कम दो गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करना शामिल है और यह तय करने के लिए एक सरकारी अधिकारी द्वारा मध्यस्थता करना कि कोई संपत्ति वक्फ संपत्ति है या नहीं। यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में निष्पक्षता और पारदर्शिता लाने का प्रयास करता है।

विचार-विमर्श के बाद, जेपीसी की अंतिम रिपोर्ट 30 जनवरी को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को प्रस्तुत की गई। संशोधित संशोधित विधेयक को 29 जनवरी को पैनल द्वारा अपनाया गया था। जहां सत्तारूढ़ एनडीए के सदस्यों द्वारा प्रस्तावित 14 संशोधनों को मंजूरी दी गई, वहीं विपक्षी सांसदों द्वारा सुझाए गए परिवर्तनों को अस्वीकार कर दिया गया।

शुरुआत में नवंबर 2024 में शीतकालीन सत्र के दौरान पेश किए जाने की उम्मीद थी, इसे विस्तृत जांच के लिए जेपीसी को भेजा गया था। अब, इस विधेयक को बजट सत्र में पेश किए जाने की उम्मीद है, जिससे वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार हो सकेगा।

आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  • केंद्रीय कैबिनेट ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दी, जिससे वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन की उम्मीद है।
  • विधेयक का उद्देश्य राज्य वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करना है।
  • संसदीय समिति ने सत्तारूढ़ एनडीए के सदस्यों द्वारा प्रस्तावित संशोधनों को अपनाया।
  • विधेयक वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण को सुव्यवस्थित करेगा।
  • यह विधेयक बजट सत्र के दूसरे भाग में पेश किया जाएगा।

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आख़िर तक मुख्य संपादक
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