आख़िर तक – एक नज़र में
- राज्यसभा में वक्फ (संशोधन) बिल, 2024 की रिपोर्ट पेश की गई।
- विपक्ष ने रिपोर्ट में असहमति नोटों को हटाने का आरोप लगाया।
- हंगामे के बीच सभापति जगदीप धनखड़ को कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
- विपक्ष ने “फर्जी रिपोर्ट” को अस्वीकार करने की बात कही।
- कांग्रेस ने रिपोर्ट को वापस भेजने और फिर से पेश करने की मांग की।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
राज्यसभा में भारी विरोध के बीच वक्फ (संशोधन) बिल, 2024 पर संयुक्त समिति की रिपोर्ट पेश की गई और उसे स्वीकार कर लिया गया। विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि असहमति नोटों के कुछ हिस्सों को रिपोर्ट से हटा दिया गया, जिसके कारण उन्होंने नारेबाजी की। इस वक्फ बिल का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण को सुव्यवस्थित करना है।
विपक्ष का हंगामा
जैसे ही राज्यसभा सांसद मेधा कुलकर्णी ने विधेयक पर रिपोर्ट पेश की, विपक्षी सांसदों ने दावा किया कि असहमति नोटों को हटा दिया गया है और हंगामा शुरू कर दिया। सभापति जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रपति का संदेश पढ़ने की कोशिश की, लेकिन हंगामा जारी रहा। धनखड़ ने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से विपक्षी सदस्यों को शांत करने का आग्रह किया।
विपक्ष का आरोप
खड़गे ने कहा कि विपक्ष “फर्जी रिपोर्ट” को स्वीकार नहीं करेगा जो “हमारे विचारों को कुचलती है”। कांग्रेस प्रमुख ने मांग की कि रिपोर्ट को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को वापस भेजा जाए और फिर से पेश किया जाए।
“जेपीसी रिपोर्ट में, कई सदस्यों के पास अपनी असहमति रिपोर्ट है। उन नोटों को हटाना और हमारे विचारों को कुचलना सही नहीं है। यह लोकतंत्र विरोधी है… हम ऐसी फर्जी रिपोर्ट कभी स्वीकार नहीं करेंगे। यदि रिपोर्ट में विरोधी विचार नहीं हैं, तो इसे वापस भेजा जाना चाहिए और फिर से पेश किया जाना चाहिए,” खड़गे ने कहा। विपक्ष का कहना है कि वक्फ बिल में कई ऐसे प्रावधान हैं जो अल्पसंख्यक समुदाय के हितों के खिलाफ हैं।
समिति की रिपोर्ट
संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की अंतिम रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को महीनों की चर्चा के बाद 30 जनवरी को सौंपी गई थी। संशोधित विधेयक को 29 जनवरी को पैनल द्वारा अपनाया गया था। सत्तारूढ़ एनडीए के सदस्यों द्वारा प्रस्तावित 14 संशोधनों को मंजूरी दी गई, जबकि विपक्षी सांसदों द्वारा सुझाए गए परिवर्तनों को खारिज कर दिया गया। इस वक्फ बिल के पारित होने से वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार की उम्मीद है। यह वक्फ संपत्तियों के प्रभावी उपयोग को सुनिश्चित करने में मदद करेगा।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
राज्यसभा में वक्फ बिल (Waqf Bill) पर जोरदार हंगामा हुआ। विपक्ष ने रिपोर्ट में असहमति नोटों को हटाने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने रिपोर्ट को वापस भेजने की मांग की। वक्फ बिल का उद्देश्य संपत्तियों का पंजीकरण सुव्यवस्थित करना है।
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