आज तक के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2024 में मध्यम वर्ग के लिए फायदों को समझाया। उन्होंने कर स्लैब में बदलाव और मानक कटौती में वृद्धि पर जोर दिया, जिसका उद्देश्य वेतनभोगी व्यक्तियों को राहत प्रदान करना है।
कर स्लैब में मुख्य बदलाव
सीतारमण ने कर स्लैब में महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की। मानक कटौती को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया गया है। इस बदलाव का उद्देश्य वेतनभोगी व्यक्तियों की कर योग्य आय को कम करना है। इसके अलावा, नई कर व्यवस्था के तहत 3-7 लाख रुपये की आय पर 5% कर दर, 7-10 लाख रुपये पर 10%, और 10-12 लाख रुपये पर 15% कर दर निर्धारित की गई है।
सब्सिडी वाली शिक्षा और आवास ऋण
बजट में मध्यम वर्ग के बच्चों के लिए 10 लाख रुपये तक के सब्सिडी वाली शिक्षा ऋण की घोषणा की गई। इस पहल का उद्देश्य उच्च शिक्षा को अधिक सुलभ बनाना है। इसके अलावा, सरकार ने किफायती आवास ऋण पर छूट की घोषणा की। ये उपाय मध्यम वर्ग को वित्तीय राहत और समर्थन प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
उदार प्रेषण योजना (एलआरएस)
बजट में उदार प्रेषण योजना (एलआरएस) के प्रावधान भी शामिल हैं। एलआरएस के तहत प्रेषित राशि बढ़ा दी गई है, जिससे व्यक्तियों को अधिक धन विदेश भेजने की अनुमति मिलती है। यह बदलाव विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो अंतर्राष्ट्रीय निवेश या खर्च करना चाहते हैं।
मध्यम वर्ग की भलाई पर ध्यान
सीतारमण ने जोर देकर कहा कि सरकार की नीतियां मध्यम वर्ग की भलाई पर केंद्रित हैं। उन्होंने कहा, “हम विभिन्न क्षेत्रों में मध्यम वर्ग को लाभ पहुंचाने के लिए कई योजनाएं ला रहे हैं। यह केवल एक पहलू नहीं है; हम व्यापक समर्थन प्रदान करने के लिए कई क्षेत्रों में काम कर रहे हैं।”
निष्कर्ष
केंद्रीय बजट 2024 मध्यम वर्ग के लिए कई लाभ प्रदान करता है। कर राहत से लेकर सब्सिडी वाले ऋण तक, सरकार की पहल का उद्देश्य मध्यम वर्गीय परिवारों को वित्तीय स्थिरता और विकास के अवसर प्रदान करना है। ये उपाय सरकार की अपने नागरिकों की आर्थिक भलाई का समर्थन करने की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
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