Aakhir Tak – In Shorts
- सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की याचिका खारिज कर दी, जो पीएम मोदी की शैक्षणिक योग्यता पर दिए गए बयान के मामले में दायर की गई थी।
- गुजरात विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार द्वारा दर्ज किए गए मानहानि मामले में केजरीवाल और संजय सिंह को राहत नहीं मिली।
- अदालत ने कहा कि संजय सिंह की याचिका पहले ही खारिज की जा चुकी है, जिससे मामले में एक समान दृष्टिकोण बनाए रखना ज़रूरी है।
Aakhir Tak – In Depth
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अरविंद केजरीवाल की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें गुजरात हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी। यह मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षणिक योग्यता पर दिए गए केजरीवाल के बयान से संबंधित है। इस बयान के बाद गुजरात विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार पियूष पटेल ने केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज किया था।
गुजरात हाई कोर्ट ने पहले ही सूचना के अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत मोदी की डिग्री से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराने के आदेश को रद्द कर दिया था। इस निर्णय के बाद, केजरीवाल और संजय सिंह ने विश्वविद्यालय और पीएम मोदी की डिग्री पर तंज कसते हुए बयान दिए थे।
इस मानहानि मामले में पहले संजय सिंह की याचिका भी खारिज की जा चुकी है, जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने समान दृष्टिकोण अपनाते हुए केजरीवाल की याचिका भी खारिज कर दी। केजरीवाल के वकील ने दलील दी कि यह मामला मेरिट पर आधारित नहीं है, क्योंकि बयान में विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार का सीधा उल्लेख नहीं था। हालांकि, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जवाब दिया कि केजरीवाल अक्सर “मानहानि और गलत बयानबाजी” करते हैं और फिर माफी मांग लेते हैं।
अदालत ने यह स्पष्ट किया कि उनके द्वारा मामले के गुण-दोष पर टिप्पणी नहीं की गई है, केवल यह फैसला किया गया कि इस याचिका पर विचार नहीं किया जाएगा।
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