कानपुर में नाबालिग NEET छात्रा बंधक बनाकर बलात्कार, दो शिक्षक गिरफ्तार

आख़िर तक
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कानपुर में नाबालिग NEET छात्रा बंधक बनाकर बलात्कार, दो शिक्षक गिरफ्तार

आखिर तक – इन शॉर्ट्स

  • कानपुर में NEET की तैयारी कर रही नाबालिग छात्रा के साथ छह महीनों तक बंधक बनाकर बलात्कार किया गया।
  • पुलिस ने दो शिक्षकों को गिरफ्तार किया है, जिन पर छात्रा को धमकाने और अपराध करने का आरोप है।
  • आरोपी शिक्षकों में से एक ने छात्रा का वीडियो रिकॉर्ड कर उसे ब्लैकमेल किया।
  • मामला POCSO एक्ट और भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत दर्ज किया गया है।
  • छात्रा ने कलेवरपुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है।

आखिर तक – इन डेप्थ

कानपुर की एक 17 वर्षीय छात्रा, जो मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET की तैयारी कर रही थी, के साथ एक भयावह अपराध का मामला सामने आया है। छात्रा का आरोप है कि उसे छह महीने तक बंधक बनाकर दो शिक्षकों ने उसका यौन उत्पीड़न किया और उसे धमकाया। पुलिस ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि आरोपी शिक्षकों ने छात्रा का वीडियो रिकॉर्ड कर उसे चुप रहने के लिए मजबूर किया था।

मामले की पृष्ठभूमि

यह घटना दिसंबर 2022 में शुरू हुई, जब छात्रा कानपुर के एक छात्रावास में रह रही थी। बायोलॉजी के शिक्षक साहिल सिद्दीकी ने उसे न्यू ईयर पार्टी के लिए अपने मित्र के फ्लैट पर बुलाया था। छात्रा का कहना है कि वहां पहुंचने पर उसने देखा कि सिद्दीकी के अलावा कोई और नहीं था। सिद्दीकी ने उसे बेहोशी की हालत में नशीला पेय पिलाया और फिर बलात्कार किया।

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धमकियों का सिलसिला और उत्पीड़न

छात्रा का आरोप है कि सिद्दीकी ने उसे धमकाया कि अगर वह किसी को बताएगी तो वह उसके वीडियो को इंटरनेट पर डाल देगा। छह महीनों तक उसे बंधक बनाकर रखा गया और मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न किया गया। इसके अलावा, कुछ महीनों बाद रसायन विज्ञान के शिक्षक विकास पोर्वाल ने भी उसका उत्पीड़न किया।

पुलिस कार्रवाई

इस घटना की शिकायत छात्रा ने जब पुलिस से की, तब कलेवरपुर पुलिस स्टेशन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी शिक्षकों के खिलाफ कड़ी धाराओं में मामला दर्ज किया। इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 328, 376(2)(एन), 344, और 506 के तहत आरोप लगाए गए हैं, साथ ही POCSO एक्ट के प्रावधान भी लागू किए गए हैं।

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निष्कर्ष

कानपुर की इस घटना ने शिक्षा क्षेत्र में विश्वास को ठेस पहुंचाई है। छात्रा ने साहस दिखाकर आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की, जिससे न्याय की उम्मीद बंधी है। यह घटना दर्शाती है कि ऐसे अपराधों के खिलाफ समाज को सतर्क रहना होगा और पीड़ितों को मदद पहुंचानी होगी।


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आख़िर तक मुख्य संपादक
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