प्रशांत किशोर और BPSC छात्रों का संघर्ष: क्यों उठा सवाल?

आख़िर तक
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प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी: गांधी मैदान से धरना समाप्त

आख़िर तक – एक नज़र में

  • बिहार सिविल सेवा परीक्षा के पुनर्मूल्यांकन के लिए छात्रों ने प्रदर्शन किया।
  • पुलिस लाठीचार्ज के बाद प्रदर्शनकारी प्रशांत किशोर पर भड़के।
  • छात्रों ने प्रशांत किशोर को प्रदर्शन स्थल से हटने को कहा।
  • प्रशांत किशोर ने आरोपों का खंडन कर समर्थन जारी रखने का वादा किया।
  • मामले में पुलिस ने प्रशांत किशोर और अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

बिहार सिविल सेवा परीक्षा विवाद:
70वीं BPSC परीक्षा में अनियमितताओं को लेकर छात्रों ने पटना के गांधी मैदान में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में हज़ारों छात्रों ने पुनर्मूल्यांकन और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने की मांग की।

पुलिस लाठीचार्ज और छात्रों का गुस्सा:
27 दिसंबर की रात को बिहार पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। घटना के बाद, प्रदर्शनकारी प्रशांत किशोर पर भड़क उठे, जो लाठीचार्ज के समय वहां मौजूद नहीं थे।

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प्रशांत किशोर की प्रतिक्रिया:
प्रशांत किशोर ने सोमवार को प्रेस वार्ता में छात्रों का समर्थन जारी रखने का वादा किया। उन्होंने कहा कि वह 2 जनवरी से आंदोलन में शामिल होंगे यदि समाधान नहीं निकला।

छात्रों और प्रशासन के बीच तनाव:
छात्रों ने प्रशासन पर प्रदर्शन रोकने और उनकी आवाज दबाने का आरोप लगाया। प्रशासन ने दावा किया कि प्रदर्शन बिना अनुमति के था।

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क्या कहा प्रशांत किशोर ने?
प्रशांत किशोर ने कहा, “छात्र खुद इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं। प्रशासन का दावा गलत है।” उन्होंने पुलिस के खिलाफ FIR दर्ज कराने की बात कही।


आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  • 70वीं BPSC परीक्षा के पुनर्मूल्यांकन की मांग पर विवाद।
  • प्रदर्शन के दौरान पुलिस लाठीचार्ज।
  • प्रशांत किशोर ने FIR और मानवाधिकार आयोग तक मामला ले जाने का आश्वासन दिया।

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आख़िर तक मुख्य संपादक
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