आख़िर तक – एक नज़र में
- केरल की नर्स निमिषा प्रिया को 2017 में यमन में एक हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
- यमन की अदालत ने 2020 में उन्हें मौत की सजा सुनाई, जिसे 2023 में सुप्रीम न्यायिक परिषद ने बरकरार रखा।
- ईरान सरकार ने उनके मामले में हस्तक्षेप कर यमन सरकार से चर्चा की पहल की है।
- परिवार खून-बहाए (ब्लड मनी) की व्यवस्था कर निमिषा की सजा माफ करने की कोशिश कर रहा है।
- भारत सरकार ने परिवार को सभी संभव मदद का आश्वासन दिया है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
मामले की पृष्ठभूमि
केरल के पालक्काड जिले की निवासी निमिषा प्रिया को यमन में एक यमनी नागरिक तलाल अब्दो मेहदी की हत्या के आरोप में 2017 में गिरफ्तार किया गया था। जांच और गवाही के बाद सना की ट्रायल कोर्ट ने 2020 में उन्हें मौत की सजा सुनाई।
ईरान का हस्तक्षेप
ईरान सरकार ने कहा है कि वह निमिषा के मामले में यमन सरकार से बातचीत करेगी। ईरानी अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि इस मामले में वह हरसंभव प्रयास करेंगे।
परिवार और ब्लड मनी का मामला
यमनी कानून के अनुसार, पीड़ित के परिवार की माफी और ब्लड मनी भुगतान के आधार पर सजा माफ की जा सकती है। निमिषा के परिवार ने वकील को फीस के रूप में $40,000 जुटाने का प्रयास किया, लेकिन धन की कमी के कारण प्रक्रिया अटक गई।
भारत सरकार का रुख
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि सरकार परिवार को हरसंभव मदद प्रदान कर रही है। परिवार यमन में निमिषा की सजा माफ कराने के विकल्पों पर काम कर रहा है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- निमिषा प्रिया को यमन में हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई है।
- ब्लड मनी द्वारा सजा माफ होने की संभावना अभी भी है।
- ईरान सरकार ने मामले में हस्तक्षेप करने की पहल की है।
- भारत सरकार ने परिवार को सभी संभव मदद का आश्वासन दिया है।
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