तेजस विमानों के 40 आदेश पर चिंता, चीन के छठे पीढ़ी के जेट के परीक्षण के बीच एयर चीफ की टिप्पणी

आख़िर तक
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तेजस विमानों के 40 आदेश पर चिंता, चीन के छठे पीढ़ी के जेट के परीक्षण के बीच एयर चीफ की टिप्पणी

आख़िर तक – एक नज़र में:

  1. भारतीय वायु सेना प्रमुख ने तेजस विमानों की धीमी आपूर्ति पर चिंता जताई।
  2. तेजस के 2009-2010 में किए गए 40 विमानों के आदेश अभी तक पूरे नहीं हो पाए हैं।
  3. एयर चीफ ने उत्पादन प्रक्रिया को बढ़ाने की आवश्यकता की बात की और निजी क्षेत्र के भागीदारी की सिफारिश की।
  4. चीन ने हाल ही में छठे पीढ़ी के युद्धक विमानों का परीक्षण किया, जिससे भारतीय रक्षा में चिंता बढ़ी है।
  5. भारतीय वायु सेना वर्तमान में 42 स्क्वाड्रन के लक्ष्य के मुकाबले 30 स्क्वाड्रन के साथ कार्य कर रही है।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार:

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तेजस विमानों के वितरण में देरी पर एयर चीफ की चिंता
भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने तेजस विमान के धीमे वितरण की कड़ी आलोचना की, जो वायु सेना के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। 2009-2010 में 40 तेजस विमानों का आदेश दिया गया था, लेकिन अब तक इन विमानों का एक भी बैच नहीं प्राप्त हुआ है। उनका कहना था कि “तकनीकी देरी, तकनीकी इनकार” का रूप धारण करती है, और यह समय है कि भारतीय वायु सेना अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाए, ताकि यह विकास की गति को तेजी से प्राप्त कर सके।

चीन के मुकाबले भारतीय वायु सेना की उत्पादन क्षमता पर प्रश्न
चीन द्वारा छठे पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू विमानों का हालिया परीक्षण ने भारतीय सुरक्षा विशेषज्ञों के बीच चिंता पैदा कर दी है। एयर चीफ ने कहा कि चीन की वायु सेना न केवल संख्याओं में बल्कि तकनीकी दृष्टि से भी तेज़ी से प्रगति कर रही है। इसके मुकाबले, भारतीय वायु सेना का पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान अभी डिजाइन और विकास के चरण में है। चीन की इस गति को देखते हुए भारतीय वायु सेना में सुधार की आवश्यकता अधिक स्पष्ट हो गई है।

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तेजस के उत्पादन पर विचार
तेजस, जिसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित किया जा रहा है, मिग-21 लड़ाकू विमान के स्थान पर उपयोग किया जाएगा। मिग-21 को उसकी दुर्घटना दर के कारण “फ्लाइंग कोफिन” के नाम से जाना जाता है। एयर चीफ ने इस विकास की गति को तेज करने के लिए HAL और निजी खिलाड़ियों की भागीदारी पर जोर दिया है। इसके अलावा, उन्होंने प्रतिस्पर्धा के महत्व को स्वीकार करते हुए कहा कि इससे उत्पादन प्रक्रियाओं में सुधार होगा।

वायु सेना की संख्या में कमी और भविष्य की योजना
एयर चीफ मार्शल ने भारतीय वायु सेना की वर्तमान स्थिति की ओर ध्यान दिलाया, जिसमें अभी 42 स्क्वाड्रन की मंजूरी दी गई है, लेकिन वायु सेना के पास केवल 30 स्क्वाड्रन उपलब्ध हैं। यह अंतर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, खासकर जब चीन की आक्रामक सैन्य नीति को ध्यान में रखा जाए।

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आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें:

  • भारतीय वायु सेना के लिए तेजस विमानों का उत्पादन और वितरण का सवाल महत्वपूर्ण है।
  • चीन की वायु सेना की त्वरित आधुनिकीकरण प्रक्रिया से सुरक्षा पर गंभीर खतरे का सामना है।
  • ए.पी. सिंह ने निजी कंपनियों की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता में सुधार हो सके।
  • तेजस का उत्पादन न केवल तकनीकी मामलों में सुधार करेगा बल्कि यह मिग-21 जैसे पुराने विमानों के प्रतिस्थापन में मदद करेगा।
  • भारतीय वायु सेना की संख्या को सुधारने और खतरे का मुकाबला करने के लिए नवीनतम तकनीकी सामर्थ्य की आवश्यकता है।

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आख़िर तक मुख्य संपादक
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