आख़िर तक – एक नज़र में
- महाराष्ट्र के जलगांव में ट्रेन हादसे में 13 लोगों की मौत हुई।
- अफवाह के कारण यात्री ट्रेन से कूदे और दूसरी ट्रेन की चपेट में आ गए।
- रेलवे और राज्य सरकार ने मुआवजा घोषित किया है।
- प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने संवेदना व्यक्त की।
- रेलवे ने कहा, कोच में कोई आग नहीं लगी थी।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
जलगांव ट्रेन हादसे का विवरण
महाराष्ट्र के जलगांव में बुधवार रात एक भयानक ट्रेन हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई। हादसा तब हुआ जब लखनऊ से मुंबई जा रही पुष्पक एक्सप्रेस में आग की अफवाह फैल गई। यात्री घबराकर ट्रेन से कूद गए और पास की पटरियों पर आ रही कर्नाटक एक्सप्रेस की चपेट में आ गए।
घटनाक्रम और सुरक्षा उपाय
पुष्पक एक्सप्रेस के यात्री जब कोच में आग की अफवाह से डरे, तो उन्होंने चेन खींचकर ट्रेन रोकी। लेकिन जब यात्री दूसरी पटरी पर कूदे, तो वहां से गुजर रही कर्नाटक एक्सप्रेस की चपेट में आ गए। रेलवे ने पुष्टि की कि कोच में आग या चिंगारी का कोई सबूत नहीं मिला।
मुआवजे की घोषणा
रेलवे मंत्रालय ने मृतकों के परिवारों के लिए ₹1.5 लाख, गंभीर घायलों के लिए ₹50,000 और सामान्य घायलों के लिए ₹5,000 की घोषणा की। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मृतकों के परिवारों को ₹5 लाख और घायलों के इलाज का पूरा खर्च वहन करने का ऐलान किया।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संवेदना व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवारों को सांत्वना दी। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। मुख्यमंत्री फडणवीस ने दुर्घटना को दुखद बताते हुए हर संभव सहायता प्रदान करने का वादा किया।
जांच की स्थिति
रेलवे अधिकारी और स्थानीय प्रशासन दुर्घटना के कारणों की जांच कर रहे हैं। यह घटना भारतीय रेलवे की सुरक्षा प्रक्रियाओं पर भी सवाल खड़े करती है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- जलगांव हादसे में 13 लोगों की जान गई।
- रेलवे ने अफवाह पर सफाई देते हुए आग से इंकार किया।
- राज्य और केंद्र सरकारों ने मुआवजा और मदद की घोषणा की।
- पीएम और सीएम ने घटना पर संवेदना व्यक्त की।
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