आख़िर तक – एक नज़र में
प्रयागराज के महा कुंभ के दौरान एयरलाइन द्वारा टिकेट मूल्य वृद्धि ने भारत में भारी असंतोष पैदा किया है। उदाहरण के लिए, दिल्ली-प्रयागराज के एयरफेयर में चार गुना वृद्धि देखी गई है। फिर भी, महा कुंभ या अन्य कोई उत्सव हो, भारतीय एयरफेयर पूरे वर्ष हाई रहते हैं। इस पर सबसे बड़ा सवाल यह है कि एयरलाइंस टिकट कीमतें कैसे निर्धारित करती हैं। DGCA (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) ने इस मुद्दे पर हस्तक्षेप किया है और एयरलाइंस से एयरफेयर को रैशनलाइज करने का निर्देश दिया है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
एयरलाइनों द्वारा मूल्य निर्धारण फार्मूला:
भारत में एयरलाइन टिकेट मूल्य निर्धारण से जुड़े कई सवाल उठते हैं, और इनमें से सबसे बड़ा सवाल यह है कि एयरलाइंस यह मूल्य निर्धारण कैसे करती हैं? हाल ही में प्रयागराज की यात्रा के लिए एयरफेयर में पांच गुना वृद्धि ने इस मुद्दे को और प्रमुख बना दिया है। महा कुंभ के दौरान लोग विशेष रूप से शाही स्नान में भाग लेने के लिए भारी संख्या में प्रयागराज आ रहे हैं, जिससे एयरलाइंस उच्च कीमतों के लिए बहाने बना रही हैं।
प्रयागराज जाने वाली एयरलाइंस का दावा है कि यह मूल्य वृद्धि घटना के कारण है, लेकिन कई लोग इसे “साफ तौर पर मुनाफाखोरी” मानते हैं। इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी सर्विस के मूल लागत में बदलाव नहीं आया है, तो क्यों टिकेट की कीमतें इतनी अधिक हैं?
वर्तमान बाजार की स्थिति:
भारत के एयरलाइन उद्योग ने कुछ बड़े परिवर्तन देखे हैं। Air India की प्राइवेटाइजेशन और अन्य एयरलाइंस के संचालन में कमी के बाद एयरलाइन क्षेत्र में एक प्रकार का ओलिगोपली बन चुका है। इसका परिणाम है कि अब दो प्रमुख एयरलाइंस के पास भारतीय बाजार में लगभग 90% का बाजार हिस्सेदारी है। इसका प्रमुख असर अब एयरफेयर पर दिख रहा है, जहां कुछ ही बड़े खिलाड़ी इस बाजार पर हावी हैं, और इनका बेजा मुनाफ़ा टिकट की कीमतों में साफ़ झलकता है।
विशेषज्ञ अमिताभ तिवारी बताते हैं कि हालांकि सरकार ने कोविड के दौरान टिकटों की कीमतों पर सीमाएं लागू की थीं, अब ऐसी नीति की आवश्यकता हो सकती है।
आयरलाइन की मुनाफाखोरी:
टिकेट्स की कीमतों में अत्यधिक वृद्धि के मुद्दे पर कोई स्पष्ट नियम नहीं है। अब अधिकतर भारतीय यात्री एयरलाइन टिकटों की कीमतों को लेकर लगातार शिकायत कर रहे हैं, खासकर त्योहारों के समय में। इस मामले में सरकार से इस मुद्दे पर ऐक्शन की उम्मीद जताई जा रही है, लेकिन फिलहाल कोई निगरानी संस्था काम नहीं कर रही है।
घरेलू और अंतरराष्ट्रीय एयरफेयर तुलना:
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, भारत में घरेलू एयरफेयर कीमतें अन्य अंतरराष्ट्रीय यात्रा स्थलों के मुकाबले बहुत अधिक हैं। उदाहरण के लिए, भुवनेश्वर से बैंकॉक के लिए विमान यात्रा केवल 10,000 रुपये है, जबकि भुवनेश्वर से प्रयागराज के टिकट का मूल्य 39,000 रुपये तक है, जो बेजा मुनाफ़ा को दर्शाता है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- एयरलाइन उद्योग में मुनाफ़ा अत्यधिक बढ़ा है और ये यात्रियों की जेब पर भारी पड़ रहा है।
- महा कुंभ जैसी घटनाओं को ध्यान में रखते हुए, एयरफेयर में अचानक वृद्धि को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
- वर्तमान स्थिति में एयरलाइन मूल्य निर्धारण की कोई पारदर्शिता नहीं है।
- सरकार द्वारा किसी निगरानी तंत्र की स्थापना की आवश्यकता है।
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