जम्मू-कश्मीर में 10 सालों के बाद आयोजित हुए ऐतिहासिक विधानसभा चुनाव के पहले चरण में कुल 58.85% मतदान दर्ज किया गया। यह चुनाव अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद हो रहा है, जिसने जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति समाप्त कर इसे केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था।
पहले चरण के तहत 24 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान हुआ, जिसमें सबसे ज्यादा वोटिंग इंदरवाल क्षेत्र में 80.06% दर्ज की गई। इसके बाद पाडर-नगसेनी में 76.80%, किश्तवाड़ में 75.04% और डोडा पश्चिम में 74.14% मतदान हुआ। वहीं, कश्मीर घाटी में पहलगाम क्षेत्र में 67.86% मतदान हुआ, जो घाटी में सबसे अधिक था।
हालांकि, पुलवामा जिले के चार निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत 50% से कम रहा, जिनमें सबसे कम 40.58% मतदान त्राल में दर्ज किया गया।
मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्ण रही और किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली। चुनाव आयोग के अनुसार, पहले चरण में कुल 23.27 लाख मतदाता थे, जिनमें 11.76 लाख पुरुष और 11.51 लाख महिलाएं शामिल थीं।
कुल 219 उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें से 90 स्वतंत्र उम्मीदवार थे। प्रमुख दलों में नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, कांग्रेस और बीजेपी शामिल थे। चुनाव की सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए थे, जिसमें केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और जम्मू-कश्मीर पुलिस की कई स्तरों की सुरक्षा शामिल थी।
दूसरे चरण का मतदान 25 सितंबर को और तीसरा चरण 1 अक्टूबर को होगा। मतगणना 8 अक्टूबर को निर्धारित है।
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