बांग्लादेश ने भारत में उच्चायुक्त मुस्तफिजुर रहमान को वापस बुलाया है, जो देश में हो रहे प्रमुख राजनयिक पुनर्गठन का हिस्सा है। इसके साथ ही ब्रसेल्स, कैनबरा, लिस्बन और न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मिशन से भी राजनयिकों को तत्काल ढाका लौटने के आदेश दिए गए हैं।
यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब बांग्लादेश में आगामी राष्ट्रीय चुनावों की तैयारी हो रही है। हालांकि, इस फैसले के पीछे के कारण स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह अंतरिम सरकार द्वारा अपने राजनयिक लक्ष्यों को पुनर्गठित करने का प्रयास हो सकता है।
रहमान, जो 2020 से भारत में बांग्लादेश के उच्चायुक्त के रूप में कार्यरत थे, ने दोनों देशों के बीच व्यापार, कनेक्टिविटी और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर नजदीकी सहयोग की अवधि का नेतृत्व किया। उनका यह कदम बांग्लादेश-भारत संबंधों की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का पद छोड़ना और भारत में शरण लेना हाल के घटनाक्रमों में शामिल है।
बांग्लादेश में हाल ही में हुए कई बदलावों में यह फैसला महत्वपूर्ण है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को छात्रों द्वारा शुरू किए गए विरोध प्रदर्शनों के बाद इस्तीफा देना पड़ा, जिसमें 700 से अधिक लोग मारे गए। इन विरोधों के बाद हसीना को भारत में शरण लेनी पड़ी।
इस राजनीतिक बदलाव के तुरंत बाद, बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले की रिपोर्टें भी सामने आईं। अगस्त 5 के बाद, जब शेख हसीना की सरकार का पतन हुआ, कम से कम 205 हमलों की रिपोर्ट दर्ज की गई, जिनमें मंदिरों को भी निशाना बनाया गया।
Discover more from पाएं देश और दुनिया की ताजा खबरें
Subscribe to get the latest posts sent to your email.