आखिर तक – शॉर्ट में
- बंगाल मंत्री फिरहाद हकीम ने बीजेपी नेता रेखा पात्रा को ‘माल’ कहा, जिससे विवाद शुरू हो गया।
- रेखा पात्रा संदीशखाली में महिलाओं के आंदोलन की अगुआ थीं।
- बीजेपी ने इस टिप्पणी को महिलाओं के खिलाफ असम्मानजनक बताया।
- बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने कानूनी कार्रवाई की मांग की।
- मंत्री हकीम का बयान, “बीजेपी चुनाव हारती है और केवल मुकदमे दर्ज कराती है।”
आखिर तक – विस्तार से
पश्चिम बंगाल के मंत्री फिरहाद हकीम ने बीजेपी नेता रेखा पात्रा को ‘माल’ कहने पर विवाद खड़ा कर दिया है। यह बयान उन्होंने उस समय दिया जब वह संदीशखाली में महिलाओं के विरोध प्रदर्शन का उल्लेख कर रहे थे। संदीशखाली में महिलाओं ने तृणमूल नेता शेख शाहजहां पर भूमि कब्जा और यौन शोषण का आरोप लगाया था, जिसका नेतृत्व रेखा पात्रा ने किया था।
संदीशखाली विवाद की पृष्ठभूमि
इस वर्ष के शुरुआत में, संदीशखाली ने उस समय सुर्खियाँ बटोरीं जब महिलाओं ने ज़िला परिषद सदस्य शेख शाहजहां और उसके सहयोगियों के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया। आरोप था कि शाहजहां ने स्थानीय महिलाओं का शोषण किया। इस मुद्दे का बीजेपी ने लोकसभा चुनावों में तृणमूल सरकार के खिलाफ इस्तेमाल किया। बीजेपी ने पात्रा को बसीरहाट से टिकट दिया, जो कि संदीशखाली क्षेत्र में आता है। हालांकि, पात्रा चुनाव हार गईं।
सुवेंदु अधिकारी और बीजेपी की प्रतिक्रिया
बीजेपी के नेता सुवेंदु अधिकारी ने हकीम के बयान को महिलाओं के प्रति अपमानजनक बताते हुए कानूनी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने ट्वीट किया, “रेखा पात्रा अनुसूचित जाति की महिला हैं। यह उनकी पूरी समुदाय का अपमान है।”
बीजेपी नेता अग्निमित्रा पॉल ने भी इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी और इसे तृणमूल सरकार की महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण का प्रमाण बताया।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तंज
बीजेपी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी निशाना साधा और हकीम के बयान को उनकी सरकार के महिलाओं के प्रति अपमानजनक दृष्टिकोण का उदाहरण बताया।
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