Aakhir Tak – In Shorts
- भारत ने कनाडा पर आरोप लगाया कि उसने भारतीय अधिकारियों की ऑडियो और वीडियो निगरानी कर उन्हें ‘उत्पीड़न और धमकी’ दी है।
- विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जैसवाल ने बताया कि यह कार्रवाई राजनयिक प्रोटोकॉल का उल्लंघन है।
- भारत ने कनाडा के समक्ष इस मुद्दे पर आधिकारिक विरोध जताया है।
Aakhir Tak – In Depth
भारत और कनाडा के बीच चल रहे राजनयिक तनाव में और बढ़ोतरी हो गई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जैसवाल ने शनिवार को दिल्ली में संवाददाताओं को बताया कि कनाडा ने हाल ही में भारतीय अधिकारियों को सूचना दी कि उनके काउंसुलर स्टाफ को ऑडियो और वीडियो निगरानी में रखा गया है। इस निगरानी के तहत उनकी संचार गतिविधियों को भी अवरोधित किया गया है। जैसवाल ने कहा, “हमने कनाडा सरकार के समक्ष औपचारिक विरोध दर्ज किया है, क्योंकि यह कार्रवाई संबंधित राजनयिक और कांसुलर संधियों का उल्लंघन करती है।”
जैसवाल ने कहा कि तकनीकी कारणों का हवाला देकर कनाडा सरकार इस कार्रवाई को उचित नहीं ठहरा सकती। उन्होंने जोड़ा कि भारतीय अधिकारी पहले से ही एक ऐसे वातावरण में कार्य कर रहे हैं जहां उग्रवाद और हिंसा का खतरा बना हुआ है।
यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब सितंबर 2023 में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच में कनाडा सरकार ने भारतीय राजनयिकों को ‘संदिग्ध व्यक्तियों’ के रूप में नामित किया। इसके बाद प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया कि इस हत्या में भारतीय एजेंट्स का हाथ है, जिसे भारत ने सख्ती से खारिज कर दिया।
कनाडा के इस बयान के बाद भारत ने अपने उच्चायुक्त और अन्य अधिकारियों को ओटावा से बुला लिया। इसके बाद कनाडा ने छह भारतीय राजनयिकों को निष्कासित कर दिया, जिसके प्रत्युत्तर में भारत ने भी इसी तरह की कार्रवाई की। तब से, दोनों देशों के बीच आरोप-प्रत्यारोप की प्रक्रिया जारी है और तनाव कम होने का कोई संकेत नहीं है।
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