आख़िर तक – एक नज़र में
- कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बजट 2025 को लेकर मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला।
- उन्होंने बजट को “गंभीर घाव पर बैंड-एड” करार दिया और सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना की।
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में कर छूट की सीमा को ₹12 लाख तक बढ़ाने की घोषणा की।
- बजट में कृषि और मध्यम वर्ग को लाभ पहुंचाने वाले कई प्रावधान किए गए हैं।
- राहुल गांधी का कहना है कि सरकार के पास आर्थिक संकट से निपटने के लिए कोई नया दृष्टिकोण नहीं है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
राहुल गांधी का सरकार पर हमला
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बजट 2025 को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने बजट को “गंभीर घाव पर बैंड-एड” करार देते हुए कहा कि इस बजट में देश की आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए कोई ठोस समाधान नहीं है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार के पास आर्थिक संकट से उबरने की कोई नई रणनीति नहीं है।
बजट 2025 की प्रमुख घोषणाएँ
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में अपना आठवां बजट पेश करते हुए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं। इस बजट में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने और मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं।
मुख्य घोषणाएँ:
- कर छूट: जिनकी सालाना आय ₹12 लाख तक है, उन्हें अब कोई आयकर नहीं देना होगा। इससे पहले, यह सीमा ₹7 लाख थी।
- कृषि क्षेत्र को समर्थन: किसानों को आसान ऋण और कृषि उत्पादों पर सब्सिडी प्रदान करने के लिए नए उपाय किए गए हैं।
- रोजगार सृजन: विनिर्माण और स्टार्टअप सेक्टर के लिए कर लाभ की घोषणा की गई है, जिससे रोजगार के नए अवसर बन सकते हैं।
राहुल गांधी की आलोचना का क्या अर्थ है?
राहुल गांधी का मानना है कि मौजूदा सरकार देश की आर्थिक समस्याओं के समाधान में विफल रही है। उन्होंने कहा कि जब दुनिया आर्थिक अस्थिरता के दौर से गुजर रही है, तब भारत को एक नए दृष्टिकोण की जरूरत है, लेकिन सरकार के पास कोई ठोस रणनीति नहीं है।
सरकार की प्रतिक्रिया
भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी की टिप्पणी को खारिज करते हुए कहा कि बजट 2025 देश के विकास को गति देगा। उनका कहना है कि कर छूट से मध्यम वर्ग को सीधा लाभ मिलेगा और यह बजट आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- राहुल गांधी ने बजट 2025 को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
- बजट में कर छूट की सीमा ₹12 लाख तक बढ़ाई गई।
- कृषि और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने वाले कई उपाय किए गए हैं।
- सरकार का कहना है कि यह बजट देश के आर्थिक विकास को गति देगा।
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