चीन से सीमा समाधान: जयशंकर ने ‘टीम प्रयास’ को सराहा

आख़िर तक
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भारत-चीन संबंध: परस्पर सहयोग और विश्वास बहाली पर जोर

आख़िर तक – इन शॉर्ट्स

  1. एस जयशंकर ने पुणे में छात्रों से बातचीत में भारत-चीन सीमा समाधान को ‘टीम प्रयास’ बताया।
  2. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बैठक का ज़िक्र किया, जिसमें सीमा समाधान पर बातचीत हुई थी।
  3. भारत की सेना और कूटनीति ने मिलकर इस समाधान को सफल बनाया, जिससे सीमा पर गश्त दोबारा शुरू हुई है।

आख़िर तक – इन डेप्थ

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में पुणे में छात्रों के साथ चर्चा करते हुए भारत-चीन सीमा समाधान को ‘टीम प्रयास’ का परिणाम बताया। उन्होंने भारतीय सेना और कूटनीतिक प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर भारत की स्थिति को मजबूत किया। जयशंकर ने कहा कि इस समाधान में सेना और सरकार का सामूहिक सहयोग प्रमुख रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हुई बैठक का ज़िक्र किया, जिसमें सीमा समाधान की दिशा में चर्चा हुई थी।

जयशंकर ने यह भी बताया कि सीमा पर स्थिति को सामान्य बनाने में समय लगेगा, क्योंकि विश्वास को पुनः स्थापित करना एक चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया है। हाल के वर्षों में, भारत ने चीन की सीमा पर तैनाती के लिए अपने बजट को पांच गुना बढ़ाया है और दुर्गम क्षेत्रों में आवश्यक ढांचा तैयार किया है। यह सब सरकार, सेना, और कूटनीति के संयुक्त प्रयासों से संभव हुआ है।

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विदेश मंत्री ने घरेलू औद्योगिक क्षमता विकसित करने के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत एक आर्थिक रणनीति ही नहीं बल्कि एक आत्म-रक्षा नीति भी है। उन्होंने उल्लेख किया कि भारत को चीन पर निर्भरता घटाने के लिए खुद की आपूर्ति श्रृंखला विकसित करने की जरूरत है।

भारत ने इस हफ्ते चीन के साथ एक महत्वपूर्ण समझौते की घोषणा की है, जिसमें पूर्वी लद्दाख में गश्त को दोबारा शुरू करने पर सहमति बनी है। यह समझौता दोनों देशों के बीच 2020 में शुरू हुए तनाव को कम करने में सहायक साबित हो सकता है। जयशंकर ने बताया कि इस प्रक्रिया का पहला कदम सैनिकों को उनके बेस पर वापस भेजना है ताकि भविष्य में किसी भी संभावित विवाद से बचा जा सके। इसके अतिरिक्त, देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में गश्त को पुनः स्थापित करने के लिए एक नई व्यवस्था पर सहमति बनी है, जिससे सीमा विवाद का हल होने में मदद मिलेगी।

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