आख़िर तक – इन शॉर्ट्स
- चीन ने ताइवान के खिलाफ रिकॉर्ड 125 विमान और युद्धपोतों के साथ बड़े सैन्य अभ्यास किए।
- ताइवान के राष्ट्रपति के स्वतंत्रता संबंधी बयान के बाद यह अभ्यास एक स्पष्ट चेतावनी थी।
- ताइवान ने शांतिपूर्वक प्रतिक्रिया देते हुए अपने लोकतंत्र और स्वतंत्रता की रक्षा की प्रतिबद्धता दोहराई।
आख़िर तक – इन डेप्थ
चीन ने ताइवान पर दबाव बनाने के लिए अब तक के सबसे बड़े सैन्य अभ्यास का आयोजन किया, जिसमें 125 युद्धक विमान, हेलिकॉप्टर और ड्रोन, साथ ही लियाओनिंग विमानवाहक पोत शामिल थे। यह अभ्यास ताइवान के प्रमुख बंदरगाहों को सील करने का एक अभ्यास था, जो ताइवान के स्वतंत्रता समर्थक राष्ट्रपति, लाई चिंग-ते के बयान के बाद किया गया। उन्होंने चीन के ताइवान पर संप्रभुता के दावे को सिरे से नकारा, जिसके बाद चीन ने इसे “ताइवान स्वतंत्रता के बकवास” के रूप में देखा और यह अभ्यास शुरू किया।
चीन के इस कदम पर ताइवान ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह चीन के किसी भी सैन्य खतरों का उचित जवाब देगा और अपनी रक्षा करेगा। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि यह अभ्यास ताइवान के चारों ओर छह प्रमुख रणनीतिक स्थानों पर केंद्रित था और इन अभ्यासों का उद्देश्य ताइवान की राष्ट्रीय संप्रभुता को चुनौती देना था।
अमेरिका ने भी चीन की इस कार्रवाई को अनुचित करार दिया और सभी पक्षों से शांति और स्थिरता बनाए रखने की अपील की। यह अभ्यास ताइवान और चीन के बीच बढ़ते तनाव का हिस्सा है, जो कई वर्षों से जारी है, जिसमें ताइवान के आस-पास चीनी सैन्य गतिविधियों की बढ़ती संख्या देखी गई है। चीन ताइवान को एक अविभाज्य हिस्सा मानता है, जबकि ताइवान खुद को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में देखता है। यह तनाव वैश्विक स्थिरता के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।
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