आखिर तक – इन शॉर्ट्स:
- बाबा सिद्दीक़ी की हत्या के आरोपी धर्मराज कश्यप को नाबालिग साबित करने की कोशिश विफल।
- हड्डी ऑसिफिकेशन टेस्ट ने खुलासा किया कि कश्यप बालिग है।
- हत्या की जांच में मुंबई पुलिस ने तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
आखिर तक – इन डेप्थ:
मुंबई की अदालत के आदेश पर करवाई गई हड्डी की ऑसिफिकेशन जांच में यह साफ़ हो गया कि बाबा सिद्दीक़ी की हत्या के आरोपी धर्मराज कश्यप नाबालिग नहीं, बल्कि बालिग है। पहले कश्यप ने अदालत में खुद को 17 साल का बताया था, लेकिन उसके आधार कार्ड में जन्म वर्ष 2003 लिखा था, जिससे उसकी उम्र 21 साल निकलती थी। अदालत ने सही उम्र जानने के लिए ऑसिफिकेशन टेस्ट का आदेश दिया, जिससे स्पष्ट हुआ कि वह बालिग है।
यह जांच हत्या के उस मामले से जुड़ी है जिसमें महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीक़ी की मुंबई में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कश्यप और दो अन्य लोगों को हत्या में संलिप्त पाया गया है। हत्या के आरोपियों में से एक ने जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह से जुड़े होने का दावा किया था। इस हत्या का मुख्य उद्देश्य सलमान ख़ान से बाबा सिद्दीक़ी की करीबी को बताया जा रहा है, जिसे बिश्नोई गिरोह लंबे समय से निशाने पर रखे हुए था।
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि इस हत्या की साजिश बिश्नोई गैंग ने रची थी और इसे एक कॉन्ट्रैक्ट किलिंग के तौर पर अंजाम दिया गया। इस मामले में पुलिस ने अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। शिव कुमार उर्फ़ शिवा गौतम नामक एक शूटर अब भी फरार है।
मुंबई पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस हत्या में बिश्नोई गिरोह की कितनी गहरी संलिप्तता है।
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