ग्वादर हवाई अड्डा: पाकिस्तान की खुशी, चीन का ‘दान’

आख़िर तक
3 Min Read
ग्वादर हवाई अड्डा: पाकिस्तान की खुशी, चीन का 'दान'

आख़िर तक – एक नज़र में

  1. पाकिस्तान ने ग्वादर के नए हवाई अड्डे का उद्घाटन किया।
  2. चीन इसे एक ‘दान’ के रूप में देखता है, जबकि पाकिस्तान इसे दोस्ती का प्रतीक मानता है।
  3. इस हवाई अड्डे की लागत 230 मिलियन अमरीकी डॉलर है, जिसे चीनी सरकार ने वित्तपोषित किया है।
  4. ग्वादर को CPEC के तहत चीनी निवेश का मुख्य केंद्र माना जाता है।
  5. कई आलोचकों ने इसे चीन के ‘ऋण जाल कूटनीति’ का हिस्सा बताया है।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

ग्वादर हवाई अड्डे का उद्घाटन

ग्वादर, जो पाकिस्तान के बलोचिस्तान प्रांत का हिस्सा है, एक रणनीतिक स्थल है। यहाँ अक्टूबर 2024 में नए ग्वादर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन किया गया। इस हवाई अड्डे का निर्माण चीन द्वारा 230 मिलियन अमरीकी डॉलर की सहायता से हुआ है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इसे पाकिस्तान-चीन मित्रता का प्रतीक बताया, जबकि चीन की सरकारी मीडिया ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने इसे ‘दान’ के रूप में वर्णित किया है।

पाकिस्तान-चीन रिश्ते में ग्वादर का महत्व

ग्वादर हवाई अड्डा और चीनी निर्मित ग्वादर पोर्ट दोनों CPEC (चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा) का हिस्सा हैं। CPEC परियोजना का उद्देश्य पाकिस्तान को पश्चिमी चीन से अरब सागर और अन्य अंतरराष्ट्रीय मार्गों से जोड़ना है। इस परियोजना के माध्यम से चीन को मलक्का जलडमरूमध्य से बचने की रणनीति भी बनानी थी। हालांकि, पाकिस्तानी समाज में इस परियोजना के प्रति विभिन्न मत हैं, खासकर बलोचिस्तान में जो CPEC परियोजना का हिस्सा बनने के बावजूद विकास की कमी का सामना कर रहा है।

- विज्ञापन -

आलोचनाएँ और विरोध

सीपीईसी और ग्वादर हवाई अड्डे को लेकर आलोचनाओं का एक बड़ा हिस्सा चीन द्वारा दिए गए ऋणों के इर्द-गिर्द घूमता है। विशेषज्ञों और पत्रकारों का मानना ​​है कि चीन इन देशों को विकासात्मक ऋणों के जाल में फंसा सकता है, जैसा कि श्रीलंका के साथ हुआ था। साथ ही, बलोचिस्तान में लगातार संघर्ष और स्थानीय विरोध ने परियोजना को और भी जटिल बना दिया है। Baloch Liberation Army जैसे ग्रुप्स ने चीन के खिलाफ हमले किए हैं।

निष्कर्ष

ग्वादर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा एक बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है जो पाकिस्तान के लिए चीन से आर्थिक समर्थन को दर्शाता है। हालांकि, आलोचना और स्थानीय विवादों के बावजूद, यह परियोजना चीन के साथ पाकिस्तान के रणनीतिक रिश्ते को मजबूत करती है। पाकिस्तान को इस हवाई अड्डे के व्यावसायिक उपयोग को बढ़ाने और इसकी अंतरराष्ट्रीय पहचान को सुदृढ़ करने की आवश्यकता होगी।

- विज्ञापन -

आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

ग्वादर हवाई अड्डे के उद्घाटन के साथ, पाकिस्तान-चीन संबंध एक नए चरण में प्रवेश कर गए हैं। हालांकि आलोचनाएँ हैं, लेकिन यह परियोजना दोनों देशों के बीच लंबी दोस्ती और सहयोग का प्रतीक बन गई है।


Discover more from पाएं देश और दुनिया की ताजा खबरें

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

author avatar
आख़िर तक मुख्य संपादक
Share This Article
कोई टिप्पणी नहीं

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का भविष्य स्मार्टफोन की जासूसी से बचें