भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर चल रही उच्चस्तरीय सैन्य वार्ता में 7 महीनों से कोई नई बैठक नहीं हुई है। 19 फरवरी 2024 को हुई 21वीं कमांडर स्तरीय वार्ता के बाद से कोई भी महत्वपूर्ण सैन्य बैठक नहीं हुई है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने की संभावनाएँ बढ़ गई हैं।
भारत और चीन के बीच संबंध 2020 के गलवान घाटी में हुए खूनी संघर्ष के बाद से निम्नतम स्तर पर हैं। तब से दोनों देशों ने सीमा पर तनाव कम करने के लिए कई दौर की वार्ता की है, लेकिन तात्कालिक समाधान नहीं हो पाया है। फरवरी 2021 में दोनों देशों के बीच सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन यह पूरी तरह से सफल नहीं रही।
हालांकि, दोनों देशों के बीच कुछ नियमित स्तर की बातचीत चल रही है, जैसे कि वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड कोऑर्डिनेशन (WMCC) के तहत, लेकिन उच्चस्तरीय सैन्य वार्ता की कमी ने विशेषज्ञों के बीच चिंता पैदा कर दी है।
सेना के सेवानिवृत्त मेजर जनरल अशोक कुमार के अनुसार, प्रारंभिक प्रगति के बावजूद वार्ता कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे देपसांग प्लेन और डेमचोक में ठहर गई है। उनका मानना है कि दोनों देश इस समय उच्च राजनीतिक हस्तक्षेप की प्रतीक्षा कर रहे हैं, ताकि जमीनी स्तर पर कोई ठोस समाधान निकाला जा सके।
हाल ही में, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इस बात पर जोर दिया कि भले ही कुछ प्रगति हुई हो, लेकिन गश्त के अधिकार और पूरी तरह से तनाव कम करने जैसे मुद्दे अभी भी सुलझाए नहीं गए हैं।
यदि उच्चस्तरीय वार्ता में देरी जारी रहती है, तो इससे क्षेत्रीय स्थिरता पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं। भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच अब तक हुई प्रमुख कमांडर स्तरीय वार्ताओं की समयरेखा इस प्रकार है:
- 6 जून 2020
- 22 जून 2020
- 30 जून 2020
- जुलाई 2020
- अगस्त 2020
- सितंबर 2020
- अक्टूबर 2020
- नवंबर 2020
- जनवरी 2021
- फरवरी 2021
- अप्रैल 2021
- जुलाई 2021
- अक्टूबर 2021
- जनवरी 2022
- मार्च 2022
- जुलाई 2022
- दिसंबर 2022
- अप्रैल 2023
- अगस्त 2023
- अक्टूबर 2023
- फरवरी 2024
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