आखिर तक – संक्षेप में
- जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सेना के नायब सूबेदार राकेश कुमार शहीद हुए।
- इस मुठभेड़ में सेना के तीन अन्य कमांडो घायल हो गए, जिन्हें उपचार के लिए उड़ान द्वारा उधमपुर भेजा गया।
- मुठभेड़ उस समय हुई जब सुरक्षा बलों ने जंगल में छिपे दो आतंकियों का सामना किया।
- इन आतंकियों ने पहले दो गाँव रक्षा समूह के सदस्यों का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी थी।
- मुठभेड़ के बाद इलाके में तलाशी अभियान जारी है।
आखिर तक – विस्तार से
मुठभेड़ की पृष्ठभूमि
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में रविवार को एक बड़ी मुठभेड़ हुई, जिसमें सेना के नायब सूबेदार राकेश कुमार शहीद हो गए और तीन अन्य कमांडो घायल हो गए। यह मुठभेड़ भर्ट रिज क्षेत्र में हुई, जहां आतंकियों ने पहले गाँव रक्षा समूह के दो सदस्यों का अपहरण कर उनकी हत्या की थी। मारे गए गाँव रक्षा समूह के सदस्य नाज़िर अहमद और कुलदीप कुमार थे, जो गाँव की सुरक्षा के लिए तैनात थे।
घटना की जानकारी
मुठभेड़ रविवार, 10 नवंबर को तब शुरू हुई जब सुरक्षा बलों ने जंगल के क्षेत्र में आतंकियों का सामना किया। सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त खोज दल ने जब इन आतंकियों का सामना किया, तब आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। इसके परिणामस्वरूप सेना के चार कमांडो घायल हो गए और उन्हें तुरंत उधमपुर के अस्पताल में भेजा गया। उपचार के दौरान नायब सूबेदार राकेश कुमार ने अपनी जान गंवा दी।
अधिकारियों का बयान
सेना के व्हाइट नाइट कॉर्प्स ने कहा, “व्हाइट नाइट कॉर्प्स के जीओसी और सभी रैंक नायब सूबेदार राकेश कुमार की सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं। हम इस दुख की घड़ी में उनके परिवार के साथ खड़े हैं।”
तलाशी अभियान जारी
घटना के बाद सुरक्षा बलों ने उस क्षेत्र में तलाशी अभियान चलाया है। आतंकियों के ठिकाने का पता लगाने और उन्हें समाप्त करने के लिए सुरक्षा बल अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं।
हाल की घटनाएं
इसके पहले, 8 नवंबर को बारामुला में भी एक अलग मुठभेड़ में दो आतंकी मारे गए थे। उस मुठभेड़ में भी सेना ने खुफिया जानकारी के आधार पर कार्रवाई की थी। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बल आतंकवाद को खत्म करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं।
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