आख़िर तक – एक नज़र में
- झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो ने कैबिनेट विस्तार पर चर्चा की।
- 9 दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित होने वाला है, जिसमें विश्वास मत भी लिया जा सकता है।
- सूत्रों के अनुसार, नए मंत्रियों की शपथ आगामी दिनों में हो सकती है।
- झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के पास 7, कांग्रेस के पास 4, और राजद के पास 1 कैबिनेट पद होगा।
- कांग्रेस में मंत्रिमंडल के लिए भारी प्रतिस्पर्धा है, जिसमें अनुभव, वरिष्ठता और अन्य मानदंडों का ध्यान रखा जा रहा है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
कैबिनेट विस्तार की आवश्यकता
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को राज्य कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो के साथ कैबिनेट विस्तार पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने पहले ही संकेत दिए थे कि राज्य सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार जल्द ही होगा। आगामी 9 दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र होने जा रहा है, जिसमें एक विश्वास मत भी लिया जा सकता है। इससे पहले यह संभावना जताई जा रही है कि मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा, ताकि सरकार को मजबूत किया जा सके।
गठबंधन और मंत्रिमंडल वितरण
झारखंड में सरकार का नेतृत्व झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) कर रहा है, जिसमें सहयोगी दल कांग्रेस और राजद (RJD) शामिल हैं। गठबंधन के तहत 12 मंत्रिमंडल पदों का वितरण तय किया गया है। JMM के पास 7, कांग्रेस के पास 4 और राजद के पास 1 पद होगा। हालांकि, कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआईएमएल) ने दो सीटें जीती हैं, लेकिन वह सरकार का हिस्सा नहीं बनेगी और बाहरी समर्थन देगी।
कांग्रेस की अंदरूनी प्रतिस्पर्धा
कांग्रेस के लिए 4 मंत्रिमंडल पदों के लिए अंदरूनी प्रतिस्पर्धा हो रही है। पार्टी की केंद्रीय नेतृत्व की ओर से विभिन्न मानदंडों पर विचार किया जा रहा है, जिसमें जाति, जनजाति, लिंग और अल्पसंख्यक प्रतिनिधित्व को प्राथमिकता दी जाएगी। कांग्रेस के विधायकों और नेताओं के बीच दिल्ली में लॉबिंग भी जारी है, जिसमें वरिष्ठता, अनुभव और अन्य गुणों के आधार पर मंत्री पद के लिए दावे किए जा रहे हैं।
मंत्रियों की नियुक्ति
स्रोतों के अनुसार, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने अपने 6 मंत्रियों के नाम तय कर लिए हैं, लेकिन कांग्रेस और राजद के बीच मंत्रियों के नामों को लेकर अभी भी चर्चा जारी है। कांग्रेस के अंदर इस बात को लेकर विचार-विमर्श हो रहा है कि किसे मंत्री बनाया जाए।
9 दिसंबर सत्र और विश्वास मत
झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र 9 दिसंबर को होने जा रहा है, जिसमें विश्वास मत प्राप्त किया जा सकता है। यह सत्र इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने के बाद अपने विश्वास को साबित करना होगा। इसके लिए राजनीतिक दलों के बीच कड़ी रणनीति और विचार-विमर्श जारी है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कैबिनेट विस्तार पर चर्चा की।
- गठबंधन के तहत मंत्रिमंडल पदों का वितरण तय किया गया है।
- कांग्रेस में मंत्रियों के चयन को लेकर प्रतिस्पर्धा जारी है।
- 9 दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र और विश्वास मत होने की संभावना है।
Discover more from पाएं देश और दुनिया की ताजा खबरें
Subscribe to get the latest posts sent to your email.