आखिर तक – इन शॉर्ट्स:
- जो बाइडेन ने यूक्रेन को अमेरिका निर्मित लंबी दूरी की मिसाइलें रूस के अंदर उपयोग करने की अनुमति दी।
- यह कदम व्लादिमीर पुतिन की “रेड लाइन” का उल्लंघन है।
- कई आलोचकों ने इसे तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत बताया।
- बाइडेन की इस कार्रवाई को ट्रंप के आगामी कार्यकाल को प्रभावित करने की साजिश कहा जा रहा है।
- स्वीडन, फिनलैंड और डेनमार्क जैसे देशों ने आपातकालीन दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
आखिर तक – इन डेप्थ:
क्या बाइडेन ने उठाया तीसरे विश्व युद्ध का जोखिम?
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक विवादास्पद फैसला लेते हुए यूक्रेन को लंबी दूरी की अमेरिकी मिसाइलों का उपयोग करने की अनुमति दी है। इस फैसले से यूक्रेन ने रूस पर हमला किया, जिससे युद्ध के और अधिक खतरनाक होने की आशंका बढ़ गई है। व्लादिमीर पुतिन ने पहले ही चेतावनी दी थी कि इस तरह का कदम उनके लिए “न्यूक्लियर रेड लाइन” है।
क्या यह कदम ट्रंप के खिलाफ एक साजिश है?
2024 चुनावों के बाद ट्रंप के राष्ट्रपति पद संभालने से पहले बाइडेन ने यह निर्णय लिया। आलोचकों का कहना है कि यह कदम ट्रंप के कार्यकाल में बाधा डालने के लिए उठाया गया है। ट्रंप के समर्थकों ने इसे बाइडेन की “कैपिटल हिल” जैसी कार्रवाई करार दिया है।
विश्व युद्ध की आशंका
बाइडेन के इस फैसले से नाटो देशों पर भी खतरा मंडरा रहा है। रूस के पड़ोसी देशों ने नागरिकों को आपातकालीन आपूर्ति की तैयारी करने को कहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला न केवल यूक्रेन-रूस युद्ध को तेज करेगा, बल्कि परमाणु युद्ध का जोखिम भी बढ़ा सकता है।
अमेरिका और दुनिया के लिए परिणाम
बाइडेन के फैसले की आलोचना अमेरिका में भी हो रही है। डोनाल्ड ट्रंप जूनियर और कई अन्य नेताओं ने इसे “इम्पीचेबल” करार दिया है। वहीं, बाइडेन का तर्क है कि वह अभी भी राष्ट्रपति हैं और यह उनके कार्यकाल का हिस्सा है।
ध्यान देने योग्य मुख्य बिंदु:
- जो बाइडेन ने रूस पर हमले की अनुमति देकर विवाद बढ़ा दिया है।
- विशेषज्ञ इसे परमाणु युद्ध की ओर बढ़ता कदम मान रहे हैं।
- स्वीडन और फिनलैंड जैसे देश आपातकालीन दिशा-निर्देश जारी कर रहे हैं।
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