कर्नाटक दिवस पर 1 नवंबर को झंडा फहराने के आदेश

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कर्नाटक में वक्फ भूमि विवाद पर सरकार की सख्त चेतावनी

संक्षिप्त सारांश:

  • कर्नाटक सरकार ने 1 नवंबर को सभी स्कूलों, उद्योगों और IT/BT कंपनियों को कर्नाटक झंडा फहराने का निर्देश दिया है।
  • कर्नाटक राज्योत्सव दिवस पर कन्नड़ भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
  • सभी संस्थानों को झंडा फहराने का फोटो प्रमाण BBMP को जमा करना अनिवार्य होगा।

कर्नाटक सरकार ने 1 नवंबर को राज्य के सभी स्कूलों, उद्योगों और IT/BT कंपनियों को कर्नाटक राज्योत्सव दिवस के अवसर पर कर्नाटक का झंडा फहराने का आदेश दिया है। कर्नाटक राज्योत्सव, जिसे कन्नड़ दिवस भी कहा जाता है, हर साल 1 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन 1956 में कर्नाटक राज्य के गठन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जब दक्षिण भारत के कन्नड़भाषी क्षेत्रों का विलय कर राज्य का निर्माण किया गया था।

सरकारी आदेश के अनुसार, सरकारी और निजी स्कूलों में कर्नाटक झंडा फहराने के साथ-साथ कन्नड़ भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य छात्रों में कन्नड़ भाषा के प्रति प्रेम और जागरूकता को बढ़ावा देना है। हालांकि IT और BT कंपनियों को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने की छूट दी गई है, परंतु उनके लिए भवनों पर कर्नाटक का झंडा फहराना अनिवार्य है। इन कंपनियों को झंडा फहराने की गतिविधि का फोटो खींचकर बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) में जमा करना होगा।

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कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने सभी संस्थानों से अपील की है कि वे कन्नड़ भाषा और संस्कृति के सम्मान में 1 नवंबर को अपने संस्थानों के सामने कर्नाटक का झंडा फहराएं। उन्होंने कहा, “मैं आज बेंगलुरु के मंत्री के रूप में यह निर्णय लिया है कि IT, फैक्ट्रियों और सभी संस्थानों को 1 नवंबर को अपने संस्थानों के सामने कन्नड़ का झंडा फहराना चाहिए।”

राज्योत्सव के इस महत्वपूर्ण अवसर पर, कर्नाटक सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि कन्नड़ भाषा और संस्कृति का सम्मान पूरे राज्य में किया जाए, और इस दिशा में सभी संस्थानों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।

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