कुलगाम मुठभेड़: TRF कमांडर फंसा, पहलगाम हमले के बाद एक्शन

आख़िर तक
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कुलगाम मुठभेड़: TRF कमांडर फंसा, पहलगाम हमले के बाद एक्शन

आख़िर तक – एक नज़र में

  • पहलगाम आतंकी हमले (26 मौतें) के ठीक एक दिन बाद कुलगाम में मुठभेड़ छिड़ गई।
  • इस कुलगाम मुठभेड़ के दौरान एक शीर्ष TRF कमांडर सुरक्षा बलों के घेरे में फंस गया है।
  • TRF, जो लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी संगठन है, ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी।
  • सुरक्षा बलों ने बारामूला में घुसपैठ की कोशिश भी नाकाम की, दो आतंकी मारे गए।
  • सरकार ने पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए CCS बैठक की।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 लोगों की जान लेने वाले भीषण आतंकी हमले के ठीक एक दिन बाद, बुधवार को कुलगाम जिले में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच एक और कुलगाम मुठभेड़ शुरू हो गई। इस कार्रवाई के दौरान द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) के एक शीर्ष कमांडर को सुरक्षा बलों ने घेर लिया है। TRF पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का ही एक मुखौटा संगठन है, जिसने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी।

कुलगाम में जारी गोलीबारी

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यह ताजा कुलगाम मुठभेड़ दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के तंगमार्ग इलाके में चल रही है। सुरक्षा बलों को इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिली थी। इसके बाद तलाशी अभियान शुरू किया गया। इसी दौरान छिपे हुए आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने मोर्चा संभाला। फिलहाल, शीर्ष TRF कमांडर के फंसे होने की खबर है। ऑपरेशन अभी जारी है।

पहलगाम हमले का भयावह मंजर

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मंगलवार दोपहर को पहलगाम से करीब 5 किलोमीटर दूर बैसरन घास के मैदान में यह हमला हुआ था। यह इलाका केवल पैदल या घोड़े से ही पहुँचा जा सकता है। यहाँ पांच से छह आतंकवादियों ने पर्यटकों के एक समूह पर अंधाधुंध गोलीबारी की। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आतंकी आसपास के देवदार के जंगलों से निकले थे। उन्होंने पिकनिक मना रहे, टट्टू की सवारी कर रहे या फूड स्टॉल पर खा रहे लोगों को निशाना बनाया। यह हाल के वर्षों में कश्मीर घाटी में नागरिकों पर हुए सबसे घातक हमलों में से एक था। इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई। पीड़ितों में ज्यादातर पर्यटक थे, जिनमें संयुक्त अरब अमीरात और नेपाल के दो विदेशी नागरिक भी शामिल थे। दो स्थानीय नागरिक भी मारे गए।

बारामूला में घुसपैठ की कोशिश नाकाम

कुलगाम मुठभेड़ से पहले आज ही भारतीय सेना ने बारामूला में एक बड़ी सफलता हासिल की। सेना ने दो आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया। भारी गोलीबारी के बाद दोनों आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया। सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया। साथ ही पाकिस्तानी मुद्रा भी जब्त की गई। यह घुसपैठ नियंत्रण रेखा (LoC) के पास हुई थी।

सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया और समीक्षा

पहलगाम हमले के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब के दौरे पर थे। हमले की खबर मिलते ही उन्होंने अपना दौरा छोटा कर दिया। वे दिल्ली लौटे और जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक की। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हमले के कुछ घंटों के भीतर ही श्रीनगर पहुंच गए। उन्होंने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक के साथ एक उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की। शाह ने पहलगाम में हमले वाली जगह का दौरा भी किया। उन्होंने पीड़ितों के परिवारों और घायलों से मुलाकात की।

नेताओं की निंदा और सुरक्षा बलों का अभियान

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हमले को “हाल के वर्षों में नागरिकों पर हुए किसी भी हमले से कहीं बड़ा” बताया। कई शीर्ष नेताओं ने इस बर्बर हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति दुख और एकजुटता व्यक्त की है। सुरक्षा बलों ने पूरे क्षेत्र में अपना तलाशी अभियान तेज कर दिया है। उनका लक्ष्य हमले के दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ना है। ताजा कुलगाम मुठभेड़ इसी सघन अभियान का हिस्सा हो सकती है।

आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  • पहलगाम हमले के अगले दिन दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में कुलगाम मुठभेड़ शुरू हुई।
  • सुरक्षा बलों ने एक शीर्ष TRF कमांडर को घेर लिया है, ऑपरेशन जारी है।
  • TRF (लश्कर का सहयोगी) ने पहलगाम हमले (26 मौतें) की जिम्मेदारी ली थी।
  • सेना ने बारामूला में घुसपैठ नाकाम की, 2 आतंकी मारे, हथियार और पाकिस्तानी मुद्रा बरामद।
  • पहलगाम हमले के बाद पीएम ने CCS बैठक की, गृह मंत्री ने कश्मीर का दौरा किया।

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आख़िर तक मुख्य संपादक
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