Aakhir Tak – In Shorts
- प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति पुतिन और शी जिनपिंग के बीच बढ़ती कूटनीतिक मित्रता की तस्वीरें वायरल हो रही हैं।
- रूस ने भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा विवाद में सुलह कराने में संभावित भूमिका निभाई।
- रूस ने हमेशा भारत और चीन के संबंधों को सुधारने में दिलचस्पी दिखाई है।
Aakhir Tak – In Depth
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के शी जिनपिंग के साथ गहन कूटनीतिक वार्ता की तस्वीरें एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखी जा रही हैं। ये वार्ताएं ब्रिक्स नेताओं के कज़ान में आयोजित रात्रिभोज के दौरान हुईं। इन मुलाकातों के पीछे रूस की भूमिका को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, विशेषकर भारत और चीन के बीच लंबे समय से चले आ रहे लद्दाख सीमा विवाद को हल करने के संदर्भ में।
रात्रिभोज के दौरान पुतिन, मोदी और जिनपिंग के बीच गहराते संबंधों को देखा गया, जब पुतिन ने दोनों नेताओं के बीच मध्यस्थता की भूमिका निभाई। सोशल मीडिया पर कई विशेषज्ञों का मानना है कि पुतिन ने भारत-चीन सीमा विवाद में सुलह कराने में एक प्रमुख भूमिका निभाई। रूस ने पहले भी भारत और चीन के बीच मित्रता को प्रोत्साहित करने की इच्छा जताई है, और यह तस्वीरें इसी दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही हैं।
रूस लंबे समय से भारत का विश्वासपात्र साथी रहा है और उसने हमेशा भारत के हितों का समर्थन किया है। वहीं, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी रूस के साथ अपने गहरे संबंधों की सराहना करते रहे हैं। यह वार्तालाप और कूटनीतिक पहल भविष्य में रूस-भारत-चीन के त्रिपक्षीय संबंधों को और मजबूत बना सकती हैं, जो वैश्विक कूटनीति में एक नया आयाम जोड़ने में सक्षम हो सकती है।
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