आख़िर तक – एक नज़र में
- राहुल गांधी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण को “उबाऊ” बताते हुए कहा कि इसमें नई बात नहीं थी।
- उन्होंने बेरोजगारी को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना की और कहा कि यूपीए और एनडीए दोनों इसे हल करने में विफल रहे।
- राहुल गांधी ने दावा किया कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डोनाल्ड ट्रंप के उद्घाटन में आमंत्रित कराने के लिए अमेरिका यात्रा की।
- उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’ को असफल बताते हुए कहा कि भारत में विनिर्माण क्षेत्र का योगदान 60 वर्षों में सबसे कम हो गया है।
- भाजपा ने राहुल गांधी के बयानों की कड़ी आलोचना की और उन्हें “बेबुनियाद” बताया।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण को बताया उबाऊ
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संसद में दिए गए अभिभाषण की कड़ी आलोचना की। उन्होंने इसे “उबाऊ” बताते हुए कहा कि यह सरकार की उपलब्धियों की वही पुरानी सूची थी, जिसे वह पहले भी कई बार सुन चुके हैं।
लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान राहुल गांधी ने कहा,
“मुझे ध्यान बनाए रखने के लिए संघर्ष करना पड़ा क्योंकि यह वही बातें थीं जो मैंने पिछले साल और उससे पहले सुनी थीं। यह वह अभिभाषण नहीं है जो राष्ट्रपति को देना चाहिए।”
राष्ट्रपति अभिभाषण पर विवाद
31 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद में सरकार की उपलब्धियों और आगामी आर्थिक योजनाओं को लेकर अभिभाषण दिया था। उन्होंने कहा कि सरकार नीति-निर्माण में निष्क्रियता समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है और बड़े फैसले तेजी से लागू किए जा रहे हैं।
हालांकि, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने इस अभिभाषण पर टिप्पणी करते हुए कहा,
“राष्ट्रपति अंत तक बहुत थक चुकी थीं… वह मुश्किल से बोल पा रही थीं।”
भाजपा ने इस टिप्पणी की कड़ी आलोचना की और सोनिया गांधी से बिना शर्त माफी की मांग की।
राहुल गांधी ने बेरोजगारी को बताया सबसे बड़ी चुनौती
राहुल गांधी ने कहा कि बेरोजगारी आज भारत की सबसे बड़ी समस्या है और इसे सुलझाने में यूपीए और एनडीए, दोनों सरकारें असफल रही हैं।
उन्होंने लोकसभा में कहा,
“युवाओं का भविष्य भारत को बदल सकता है। लेकिन सच्चाई यह है कि हम बेरोजगारी की समस्या को हल करने में असमर्थ रहे हैं।”
विदेश नीति पर राहुल गांधी का बड़ा दावा
राहुल गांधी ने यह भी दावा किया कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने प्रधानमंत्री मोदी को अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के उद्घाटन समारोह में आमंत्रित करवाने के लिए वाशिंगटन डीसी की यात्रा की थी।
“अगर भारत में सही उत्पादन प्रणाली होती और हम सही तकनीकों पर काम कर रहे होते, तो अमेरिकी राष्ट्रपति खुद भारत आते और प्रधानमंत्री को आमंत्रित करते।”
भाजपा नेता किरेन रिजिजू ने इस बयान को “बेबुनियाद” बताते हुए कहा कि विपक्ष के नेता को ऐसे गैर-स्थापित आरोप नहीं लगाने चाहिए।
‘मेक इन इंडिया’ की विफलता पर राहुल गांधी का हमला
राहुल गांधी ने सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ नीति पर भी सवाल उठाए और दावा किया कि यह कार्यक्रम बुरी तरह असफल रहा है।
उन्होंने कहा,
“प्रधानमंत्री ने ‘मेक इन इंडिया’ की शुरुआत की, जो एक अच्छी योजना थी। लेकिन 2014 में विनिर्माण का जीडीपी में योगदान 15.3% था, जो अब घटकर 12.6% हो गया है, जो 60 वर्षों में सबसे कम है।”
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर व्यक्तिगत हमला नहीं करते हुए कहा,
“यह कहना गलत होगा कि प्रधानमंत्री ने प्रयास नहीं किया। उन्होंने कोशिश की, लेकिन विफल रहे।”
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण को “उबाऊ” और “दोहरावपूर्ण” बताया।
- बेरोजगारी को सबसे बड़ी समस्या बताते हुए उन्होंने सरकार की आलोचना की।
- विदेश मंत्री जयशंकर पर पीएम मोदी के निमंत्रण के लिए अमेरिकी अधिकारियों से संपर्क करने का आरोप लगाया।
- ‘मेक इन इंडिया’ नीति को विफल बताते हुए राहुल गांधी ने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र का योगदान 60 सालों में सबसे कम है।
- भाजपा ने राहुल गांधी के सभी दावों को खारिज किया और उनके बयानों की आलोचना की।
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