आरबीआई जीडीपी पूर्वानुमान कटौती: 2025-26 ग्रोथ 6.5% अनुमानित

आख़िर तक
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आरबीआई जीडीपी पूर्वानुमान कटौती: 2025-26 ग्रोथ 6.5% अनुमानित

आख़िर तक – एक नज़र में

  • भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2025-26 के लिए जीडीपी पूर्वानुमान कटौती की घोषणा की है।
  • नया आरबीआई जीडीपी अनुमान अब 6.5% है, जो पहले के 6.7% से कम है।
  • मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने रेपो रेट में भी 0.25% की कटौती कर 6% कर दिया है।
  • गवर्नर संजय मल्होत्रा ने वैश्विक व्यापार जोखिमों को जीडीपी पूर्वानुमान कटौती का मुख्य कारण बताया।
  • महंगाई दर 4% रहने का अनुमान है, साथ ही मानसून सामान्य रहने की उम्मीद जताई गई है।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

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RBI ने की 2025-26 के लिए जीडीपी पूर्वानुमान कटौती, वैश्विक जोखिम बने वजह

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को हुई अपनी नवीनतम मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में अहम फैसले लिए हैं। केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपने आर्थिक विकास के अनुमान को घटा दिया है। RBI ने जीडीपी पूर्वानुमान कटौती करते हुए इसे 6.5% कर दिया है। यह फरवरी में किए गए 6.7% के पिछले अनुमान से 20 आधार अंक (0.20%) कम है। इसके साथ ही, केंद्रीय बैंक ने प्रमुख रेपो रेट में भी 25 आधार अंकों की कटौती की घोषणा की। रेपो रेट अब घटकर 6% हो गया है।

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दिसंबर 2024 में पदभार संभालने के बाद आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा का यह दूसरा नीतिगत संबोधन था। इस नीति समीक्षा पर सबकी नजरें थीं। वैश्विक हालात अनिश्चित बने हुए हैं। बढ़ते व्यापार तनाव और बदलते बाजार की स्थितियां चिंता का विषय हैं।

वैश्विक अनिश्चितता के कारण जीडीपी अनुमान में कमी

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नए अनुमानों को साझा करते हुए गवर्नर मल्होत्रा ने कहा कि जीडीपी पूर्वानुमान कटौती का मुख्य कारण वैश्विक व्यापार में बढ़ते जोखिम और नीतिगत घटनाक्रम हैं। उन्होंने कहा कि हाल में वैश्विक बाजार की अस्थिरता में वृद्धि के कारण अनिश्चितताएं अधिक बनी हुई हैं। यह आरबीआई जीडीपी अनुमान को प्रभावित कर रहा है।

2025-26 के लिए संशोधित जीडीपी आंकड़े

RBI को अब उम्मीद है कि 2025-26 के लिए वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 6.5% की दर से बढ़ेगा। तिमाही आधार पर इसका विवरण इस प्रकार है:

  • Q1 (पहली तिमाही): 6.5%
  • Q2 (दूसरी तिमाही): 6.7%
  • Q3 (तीसरी तिमाही): 6.6%
  • Q4 (चौथी तिमाही): 6.3%

गवर्नर मल्होत्रा ने कहा कि ये पूर्वानुमान मौजूदा आंकड़ों और संतुलित जोखिमों पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अभी भी स्थिर आर्थिक विकास के पथ पर है। लेकिन यह वैश्विक व्यापार के मुद्दों से अप्रभावित नहीं रह सकती है। इसलिए जीडीपी पूर्वानुमान कटौती जरूरी थी।

महंगाई दर नियंत्रण में रहने की उम्मीद

मुद्रास्फीति पर, RBI ने कहा कि हाल के महीनों में खुदरा महंगाई दर कम हुई है। जनवरी और फरवरी 2025 में खाद्य कीमतों में तेज गिरावट ने समग्र मूल्य वृद्धि को कम करने में मदद की। RBI ने नोट किया कि खाद्य मुद्रास्फीति का दृष्टिकोण अब अधिक स्थिर है। बेहतर फसल पूर्वानुमान और प्रमुख खाद्य पदार्थों की बेहतर आपूर्ति से इसे समर्थन मिला है।

केंद्रीय बैंक को अब उम्मीद है कि महंगाई दर उसके सहज दायरे में रहेगी। 2025-26 के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति 4% अनुमानित है। तिमाही अनुमान इस प्रकार हैं:

  • Q1: 3.6%
  • Q2: 3.9%
  • Q3: 3.8%
  • Q4: 4.4%

RBI ने कहा कि वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में हालिया गिरावट एक सकारात्मक संकेत है। इससे महंगाई दर को नियंत्रण में रखने में मदद मिलनी चाहिए। हालांकि, उसने यह भी चेतावनी दी कि वैश्विक अनिश्चितताएं और मौसम संबंधी समस्याएं अभी भी ऊंची कीमतों का कारण बन सकती हैं। गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक के नवीनतम सर्वेक्षण के अनुसार, परिवारों की मुद्रास्फीति अपेक्षाएं तेजी से गिरी हैं। इससे भविष्य की मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने में मदद मिलनी चाहिए।

मौसम को लेकर कोई बड़ी चिंता नहीं: आरबीआई

मौसम और कृषि के संदर्भ में, गवर्नर मल्होत्रा ने कहा कि पूर्वानुमान उत्साहजनक है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, इस साल मानसून सामान्य रहने की उम्मीद है। उन्होंने यह भी कहा कि अल नीनो मौसम पैटर्न, जो बारिश को बाधित कर सकता है, इस साल भारतीय मानसून को प्रभावित करने की उम्मीद नहीं है। इससे खाद्य उत्पादन को समर्थन मिलना चाहिए और खाद्य कीमतें स्थिर रहनी चाहिए।

बाहरी क्षेत्र अब तक स्थिर

बाहरी क्षेत्र पर, RBI ने नोट किया कि जनवरी और फरवरी 2025 के दौरान भारत का सेवा निर्यात स्थिर रहा है। सॉफ्टवेयर सेवाएं, व्यावसायिक सेवाएं और परिवहन सेवाएं मुख्य चालक रहे हैं। विदेशों में बसे भारतीयों से प्रेषण (Remittances) भी मजबूत बना हुआ है। यह देश के बाहरी वित्त को स्वस्थ रखने में मदद कर रहा है। RBI ने कहा कि व्यापार घाटा नियंत्रण योग्य बना हुआ है। विदेशी मुद्रा भंडार आरामदायक स्तर पर है। इससे अर्थव्यवस्था को अल्पकालिक वैश्विक झटकों का सामना करने में मदद मिलनी चाहिए। यह आरबीआई जीडीपी अनुमान के लिए सकारात्मक है।


आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  • आरबीआई ने 2025-26 जीडीपी पूर्वानुमान कटौती कर 6.5% किया।
  • वैश्विक व्यापार जोखिम और अनिश्चितता आरबीआई जीडीपी अनुमान में कमी के मुख्य कारण हैं।
  • मौद्रिक नीति समिति ने रेपो रेट भी 0.25% घटाकर 6% कर दिया है।
  • महंगाई दर 4% रहने का अनुमान है, और मानसून सामान्य रहने की उम्मीद है।
  • बाहरी क्षेत्र स्थिर है, और विदेशी मुद्रा भंडार पर्याप्त स्तर पर बना हुआ है।

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