रेपो रेट कटौती: RBI ने दरें 0.25% घटाकर 6% कीं

आख़िर तक
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रेपो रेट कटौती: RBI ने दरें 0.25% घटाकर 6% कीं

आख़िर तक – एक नज़र में

  • भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक महत्वपूर्ण रेपो रेट कटौती की घोषणा की है, दर को 0.25% घटा दिया है।
  • नई पॉलिसी रेपो रेट अब 6% हो गई है, जिससे होम लोन सस्ता होने की उम्मीद है।
  • यह फैसला गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने सर्वसम्मति से लिया।
  • इस रेपो रेट कटौती का मुख्य कारण कम महंगाई और धीमे आर्थिक विकास को सहारा देना है।
  • RBI ने अपनी मौद्रिक नीति का रुख ‘न्यूट्रल’ से बदलकर ‘अकोमोडेटिव’ कर दिया है, जो भविष्य में और नरमी का संकेत देता है।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

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RBI ने की रेपो रेट कटौती, दरें घटकर 6% पर

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को प्रमुख उधारी दर, यानी रेपो रेट, में 25 आधार अंकों (bps) की कटौती कर दी है। यह रेपो रेट कटौती दर को घटाकर 6% पर ले आई है। यह अहम फैसला केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिवसीय बैठक के बाद आया। बैठक 7 अप्रैल को शुरू हुई थी और इसकी अध्यक्षता गवर्नर संजय मल्होत्रा ने की। इस कदम से अर्थव्यवस्था को सहारा मिलने की उम्मीद है। ब्याज दरें कम होने से कर्ज सस्ता हो सकता है।

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MPC का सर्वसम्मत निर्णय

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया, “मौजूदा व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थितियों और दृष्टिकोण के विस्तृत मूल्यांकन के बाद, MPC ने सर्वसम्मति से पॉलिसी रेपो रेट को तत्काल प्रभाव से 25 आधार अंक घटाकर 6% करने के लिए मतदान किया।” यह निर्णय दिखाता है कि समिति आर्थिक विकास को लेकर चिंतित है। समिति ने मौजूदा हालात का बारीकी से अध्ययन किया।

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लगातार दूसरी बार कटौती

यह लगातार दूसरी रेपो रेट कटौती है। इससे पहले फरवरी में भी RBI ने 25 आधार अंकों की कटौती की थी। दिसंबर 2024 में RBI गवर्नर का पद संभालने के बाद संजय मल्होत्रा का यह दूसरा प्रमुख नीतिगत संबोधन था। लगातार दो कटौतियां बाजार को स्पष्ट संकेत देती हैं। केंद्रीय बैंक विकास को प्राथमिकता दे रहा है।

कटौती के पीछे के कारण

यह रेपो रेट कटौती ऐसे समय में की गई है जब महंगाई दर 4% से नीचे आ गई है। साथ ही, धीमे आर्थिक विकास को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। केंद्रीय बैंक ने मांग का समर्थन करने और निवेश को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया है। कम ब्याज दरें कंपनियों और आम लोगों को कर्ज लेने के लिए प्रोत्साहित करेंगी। इससे अर्थव्यवस्था में गतिविधि बढ़ने की संभावना है।

अन्य दरें और नीतिगत रुख में बदलाव

RBI ने अन्य दरों को भी समायोजित किया है। लिक्विडिटी एडजस्टमेंट फैसिलिटी (LAF) के तहत स्थायी जमा सुविधा (SDF) दर को 5.75% पर समायोजित किया गया है। वहीं, सीमांत स्थायी सुविधा दर (MSF दर) को 6.25% कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, RBI ने अपने पहले के ‘न्यूट्रल’ रुख को बदलकर ‘अकोमोडेटिव’ (उदार) कर दिया है।

RBI गवर्नर ने कहा, “समिति ने रुख को न्यूट्रल से बदलकर अकोमोडेटिव करने का भी फैसला किया। यह भी नोट किया गया कि तेजी से बदलती स्थिति के लिए आर्थिक दृष्टिकोण के निरंतर निगरानी और मूल्यांकन की आवश्यकता है।” अकोमोडेटिव रुख का मतलब है कि भविष्य में ब्याज दरों में और कटौती की जा सकती है, अगर हालात इजाजत देते हैं। इस रेपो रेट कटौती से होम लोन सहित अन्य कर्जों के सस्ता होने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।


आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  • RBI ने रेपो रेट में 0.25% की कटौती की, नई दर अब 6% है।
  • यह फैसला मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने सर्वसम्मति से लिया।
  • यह लगातार दूसरी रेपो रेट कटौती है, जो आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए की गई।
  • कम महंगाई और विकास की चिंताएं इस कटौती के मुख्य कारण हैं, होम लोन सस्ता हो सकता है।
  • RBI ने अपना मौद्रिक नीति रुख ‘न्यूट्रल’ से बदलकर ‘अकोमोडेटिव’ कर दिया है।



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