आख़िर तक – एक नज़र में
- संजय मल्होत्रा को आरबीआई का नया गवर्नर नियुक्त किया गया।
- वह 1990 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में राजस्व सचिव हैं।
- शक्तिकांत दास का स्थान लेते हुए वह तीन वर्षों तक इस पद पर रहेंगे।
- उन्होंने कर नीति और वित्तीय सेवाओं में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
- मल्होत्रा के सामने मुद्रास्फीति और आर्थिक स्थिरता का संतुलन बनाए रखने की चुनौती होगी।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
संजय मल्होत्रा का परिचय
संजय मल्होत्रा, 1990 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी, को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर के रूप में नियुक्त किया गया है। वह तीन साल के कार्यकाल के लिए इस पद पर रहेंगे, जिसमें वह शक्तिकांत दास का स्थान लेंगे।
शैक्षणिक पृष्ठभूमि और करियर
मल्होत्रा ने आईआईटी कानपुर से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की है और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी, अमेरिका से पब्लिक पॉलिसी में मास्टर्स किया है। उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार दोनों में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है, जिसमें वित्त, कराधान, और बिजली जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
प्रमुख योगदान
- राजस्व सचिव: दिसंबर 2022 से राजस्व सचिव के रूप में, उन्होंने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर नीतियों को आकार दिया।
- जीएसटी परिषद: जीएसटी ढांचे को संभालने और राज्यों की वित्तीय अपेक्षाओं को संतुलित करने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही।
- वित्तीय सेवाएं: वित्तीय और बैंकिंग क्षेत्रों में सुधार करते हुए, उन्होंने नीतिगत दिशा निर्देशों का नेतृत्व किया।
आरबीआई गवर्नर के रूप में चुनौतियां
मल्होत्रा को भारतीय अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति और आर्थिक स्थिरता बनाए रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनके नेतृत्व से उम्मीद की जाती है कि वह वित्तीय नीतियों को वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच सशक्त बनाएंगे।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- संजय मल्होत्रा आरबीआई के 27वें गवर्नर बने।
- शक्तिकांत दास का स्थान लेते हुए, उनका कार्यकाल तीन वर्षों का होगा।
- वित्तीय और कर नीतियों में उनके अनुभव से आरबीआई को मजबूती मिलेगी।
- मुद्रास्फीति और विकास का संतुलन उनकी प्राथमिक चुनौती होगी।
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