श्रीलंका: भारत विरोधी गतिविधियों पर रोक

आख़िर तक
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श्रीलंका: भारत विरोधी गतिविधियों पर रोक

आख़िर तक – एक नज़र में

  1. श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने पीएम मोदी से मुलाकात की।
  2. दिसानायके ने भारत को आश्वासन दिया कि श्रीलंका की भूमि का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए नहीं होगा।
  3. भारत और श्रीलंका के बीच द्विपक्षीय समझौतों का आदान-प्रदान हुआ।
  4. श्रीलंका ने भारत के साथ मजबूत संबंध बनाए रखने की प्रतिबद्धता दोहराई।
  5. राष्ट्रपति दिसानायके ने प्रधानमंत्री मोदी को श्रीलंका आने का निमंत्रण दिया।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

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श्रीलंका का भारत को सुरक्षा आश्वासन

श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान, दिसानायके ने एक महत्वपूर्ण आश्वासन दिया कि श्रीलंका की भूमि का उपयोग किसी भी प्रकार से भारत विरोधी गतिविधियों के लिए नहीं किया जाएगा। यह आश्वासन भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, खासकर हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर। राष्ट्रपति दिसानायके ने कहा कि श्रीलंका भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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द्विपक्षीय समझौते और निमंत्रण

बैठक में, दोनों देशों ने कई द्विपक्षीय समझौतों का आदान-प्रदान किया। राष्ट्रपति दिसानायके ने प्रधानमंत्री मोदी को श्रीलंका आने का न्योता भी दिया। उन्होंने कहा कि भारत का सहयोग आगे बढ़ेगा और श्रीलंका भारत के लिए अपना समर्थन जारी रखेगा। यह दौरा भारत और श्रीलंका के बीच मजबूत होते संबंधों का प्रतीक है। श्रीलंका के राष्ट्रपति ने यह स्पष्ट किया है कि उनका देश भारत की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सजग है।

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चीन का प्रभाव और चिंताएं

यह आश्वासन ऐसे समय में आया है जब हिंद महासागर क्षेत्र में चीन का प्रभाव बढ़ रहा है। चीन की “मिशन हिंद महासागर” रणनीति ने भारत के लिए रणनीतिक चिंताएं बढ़ा दी हैं। श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह को चीन द्वारा अपने कर्ज के कारण ले लेने के बाद, यह बंदरगाह चीनी नौसेना और निगरानी जहाजों के लिए डॉकिंग पॉइंट बन गया है, जिससे भारत की सुरक्षा के लिए खतरे बढ़ गए हैं। यह कदम भारत के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है। भारत इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है।

पहले का आश्वासन

यह पहली बार नहीं है जब राष्ट्रपति दिसानायके ने भारत को सुरक्षा आश्वासन दिया है। अक्टूबर में, राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के तुरंत बाद, उन्होंने कोलंबो में विदेश मंत्री एस जयशंकर को बताया था कि श्रीलंका की भूमि का इस्तेमाल कभी भी भारत की सुरक्षा के लिए हानिकारक तरीके से नहीं किया जाएगा। राष्ट्रपति दिसानायके भारत के साथ अपने रिश्तों को मजबूत करने के लिए तत्पर दिख रहे हैं।

अन्य सहयोग क्षेत्र

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति दिसानायके ने रक्षा, व्यापार और निवेश सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारत-श्रीलंका सहयोग को और बढ़ाने पर भी विस्तार से चर्चा की। श्रीलंका के राष्ट्रपति दिल्ली में एक व्यापार कार्यक्रम में भाग लेने वाले हैं ताकि भारत और श्रीलंका के बीच निवेश और वाणिज्यिक संबंधों को बढ़ावा दिया जा सके। वह बोधगया भी जाने वाले हैं। यह दौरा दोनों देशों के लिए रणनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है।

आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

श्रीलंका के राष्ट्रपति दिसानायके ने भारत को आश्वासन दिया कि उनकी भूमि का उपयोग भारत विरोधी गतिविधियों के लिए नहीं किया जाएगा। यह आश्वासन भारत-श्रीलंका संबंधों को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने यह भी दोहराया कि श्रीलंका भारत के साथ अपने सहयोग को बढ़ाना चाहता है। चीन का बढ़ता प्रभाव चिंता का विषय है, लेकिन श्रीलंका का यह कदम भारत को राहत दे सकता है।


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आख़िर तक मुख्य संपादक
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