आख़िर तक – एक नज़र में
- डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों पर 100% टैरिफ लगाने की धमकी दी।
- ट्रंप ने ब्रिक्स की प्रस्तावित मुद्रा को अमेरिकी डॉलर के लिए खतरा बताया।
- भारत ब्रिक्स मुद्रा को अपनाने के प्रति सतर्क रुख अपना रहा है।
- अमेरिका हाल ही में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बना है।
- एस. जयशंकर ने ब्रिक्स मुद्रा पर व्यावहारिक दृष्टिकोण की आवश्यकता जताई।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
ट्रंप की धमकी और वैश्विक आर्थिक प्रभाव
डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों, जिसमें भारत भी शामिल है, को चेतावनी दी है कि यदि वे अमेरिकी डॉलर की जगह अपनी मुद्रा विकसित करते हैं, तो उन पर 100% टैरिफ लगाया जाएगा। ट्रंप ने कहा कि ब्रिक्स देश अमेरिकी डॉलर को हटाने की कोशिश करते हैं, तो वे अमेरिकी बाजार से हाथ धो बैठेंगे।
भारत की सतर्क रणनीति
भारत ने ब्रिक्स मुद्रा पर सतर्क रुख अपनाया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि ब्रिक्स देशों के बीच व्यापार के लिए तीसरी मुद्रा की आवश्यकता पर संदेह है। उन्होंने कहा कि मुद्रा एकीकरण के लिए मौद्रिक, आर्थिक और राजनीतिक नीतियों में गहरा सामंजस्य जरूरी है।
भारत-अमेरिका व्यापार संबंध
भारत और अमेरिका का व्यापार हाल ही में 120 अरब डॉलर के पार पहुँच गया है। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन चुका है। ट्रंप की टैरिफ चेतावनी से भारतीय निर्यात, विशेषकर आईटी और फार्मा क्षेत्रों पर असर पड़ सकता है।
भविष्य की चुनौतियाँ
भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा ब्रिक्स में चीन का बढ़ता प्रभाव है। भारत नहीं चाहता कि ब्रिक्स मुद्रा से उसकी आर्थिक स्थिरता खतरे में पड़े या अमेरिका के साथ उसके व्यापारिक रिश्ते प्रभावित हों।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- ट्रंप ने ब्रिक्स देशों पर 100% टैरिफ की चेतावनी दी।
- भारत अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने की कोशिश में सतर्क है।
- अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बना।
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